जानता है मैं कौन हूं? सवाल है तो बहुत छोटा सा, लेकिन इंसान की पहचान से जुड़ा हुआ इसलिए इसका महत्व बहुत है. हमारे आस-पास ही तमाम लोग हैं जो भले ही कुछ करें या न करें इन्हें शौक़ रहता है कि लोग इन्हें इनके नाम / कारनामों से याद करें. ये लोग भौकाल बनाने के शौकीन होते हैं. इसके अलावा हमारे आस पास एक कैटेगरी और है. ये कैटेगरी है दूसरों को चने के झाड़ पर चढ़ाने वाली. ऐसी कैटेगरी के लोग कितने खतरनाक हैं गर जो इसका अंदाजा लगाना हो तो कहीं दूर क्या जाना. हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram Police Arrested Serial Killer) का रुख कर लीजिए और बिहार के अररिया निवासी मोहम्मद रजी से मिल लीजिए. रजी लोगों के सामने अपने को प्रूव करना चाहता था इसलिए उसने एक नहीं, दो नहीं तीन हत्याएं की हैं. विचलित होने की जरूरत नहीं है. गुड़गांव पुलिस के हत्थे एक सिरियल किलर मोहम्मद रजी चढ़ा है. प्रारंभिक पूछताछ में उसने पुलिस को जो सूचना दी है वो हैरत में डालने वाली है. पूछताछ में उसने बताया कि, उसके दोस्त और साथी उसे चिढ़ाते थे कि,'जिंदगी में तूने कुछ नहीं किया.' इसलिए सोसायटी में अपना नाम बनाने के लिए उसने इन हत्याओं को अंजाम दिया. पुलिस के अनुसार शुरुआती बातों में आरोपी सनकी मालूम पड़ रहा है.
सिर्फ शौक शौक में अपने को प्रूव करने के लिए सीरियल किलर बने इस युवक की मोडस ऑपेरंडी भी खासी दिलचस्प है. यह पहले कमजोर लोगों को ढूंढता था. फिर उनके साथ बैठकर जमकर शराब पीता था और बाद में चाकू से वार कर उन्हें मार देता और जो कुछ भी उनके पास होता उसे लूट लेता. युवक की उम्र तकरीबन 22 साल है और वो यही चाहता था कि लोग उसे पहचानें और उचित इज्जत दें.
आरोपी ने...
जानता है मैं कौन हूं? सवाल है तो बहुत छोटा सा, लेकिन इंसान की पहचान से जुड़ा हुआ इसलिए इसका महत्व बहुत है. हमारे आस-पास ही तमाम लोग हैं जो भले ही कुछ करें या न करें इन्हें शौक़ रहता है कि लोग इन्हें इनके नाम / कारनामों से याद करें. ये लोग भौकाल बनाने के शौकीन होते हैं. इसके अलावा हमारे आस पास एक कैटेगरी और है. ये कैटेगरी है दूसरों को चने के झाड़ पर चढ़ाने वाली. ऐसी कैटेगरी के लोग कितने खतरनाक हैं गर जो इसका अंदाजा लगाना हो तो कहीं दूर क्या जाना. हरियाणा के गुरुग्राम (Gurugram Police Arrested Serial Killer) का रुख कर लीजिए और बिहार के अररिया निवासी मोहम्मद रजी से मिल लीजिए. रजी लोगों के सामने अपने को प्रूव करना चाहता था इसलिए उसने एक नहीं, दो नहीं तीन हत्याएं की हैं. विचलित होने की जरूरत नहीं है. गुड़गांव पुलिस के हत्थे एक सिरियल किलर मोहम्मद रजी चढ़ा है. प्रारंभिक पूछताछ में उसने पुलिस को जो सूचना दी है वो हैरत में डालने वाली है. पूछताछ में उसने बताया कि, उसके दोस्त और साथी उसे चिढ़ाते थे कि,'जिंदगी में तूने कुछ नहीं किया.' इसलिए सोसायटी में अपना नाम बनाने के लिए उसने इन हत्याओं को अंजाम दिया. पुलिस के अनुसार शुरुआती बातों में आरोपी सनकी मालूम पड़ रहा है.
सिर्फ शौक शौक में अपने को प्रूव करने के लिए सीरियल किलर बने इस युवक की मोडस ऑपेरंडी भी खासी दिलचस्प है. यह पहले कमजोर लोगों को ढूंढता था. फिर उनके साथ बैठकर जमकर शराब पीता था और बाद में चाकू से वार कर उन्हें मार देता और जो कुछ भी उनके पास होता उसे लूट लेता. युवक की उम्र तकरीबन 22 साल है और वो यही चाहता था कि लोग उसे पहचानें और उचित इज्जत दें.
आरोपी ने जो जानकारियां गुरुग्राम पुलिस को दी हैं वो भी कम आश्चर्य में डालने वाली नहीं हैं. इस सीरियल किलर के मुताबिक अभी एक महीने पहले तक वह दिल्ली के एक प्राइवेट गेस्ट हाउस में काम करता था. एक महीने से वह गैर हाजिर था इसलिए उसे गेस्ट हाउस वालों ने नौकरी से निकाल दिया. आरोपी के मुताबिक वह शराब के ठेकों के नजदीक रात के वक्त अपने शिकार की तलाश में निकलता था. यहां जब उसे उसका शिकार मिल जाता तो ये उसके साथ बैठकर शराब पीता और अपनी शराब के पैसे भी उनसे ही दिलवाता.
मामले में जो बात आश्चर्य में डालती है वो ये कि जब ये देखता कि इसका शिकार नशे में धुत है और पूरी तरह से इसकी गिरफ्त में आ गया है ये पैसे, मोबाइल व अन्य सामान लूटने के इरादे से उसकी हत्या चाकू से कर देता था. गौरतलब है कि तीन-तीन हत्याओं के बाद पुलिस की गिरफ्त में आए इस युवक ने इस बात को कबूला है उसके दोस्त उसे यह बात कहकर चिढ़ाते थे कि उसने जिंदगी में कुछ नहीं किया.
अपने दोस्तों की इसी बात से चिढ़कर उसने ये दिल दहला देने वाला कदम उठाया और एक के बाद एक तीन-तीन हत्याओं को अंजाम दिया. बताते चलें कि पुलिस ने इस सीरियल किलर की ये गिरफ्तारी इफ्को चौक के पास से की है. इस कातिल को लेकर गुरुग्राम के एसीपी क्राइम प्रीतपाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया है कि पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया. फिलहाल आरोपी रिमांड पर है और उसने बताया कि यदि वो नहीं पकड़ा जाता तो और तमाम वारदातों को अंजाम देता.
युवक किस हद तक खतरनाक है इसका अंदाजा उसके द्वारा की गई हत्याओं से लगाया जा सकता है. अपनी पहली वारदात में जो हत्या इसने की उसमें इसने युवक का सिर काट के धड़ से अलग कर दिया था. दूसरी वारदात में इसने पहले एक सिक्योरिटी गार्ड से दोस्ती बनाई फिर चाकू से गोदकर उसकी हत्या कर दी. बात अगर इस सीरियल किलर द्वारा की गई तीसरी हत्या की हो तो उसमें इसने पहले अपने टारगेट को जमकर शराब पिलाई फिर उसकी निर्मम हत्या करके इसने शव को गुरुग्राम के लेजरवैली पार्क में फेंक दिया.
बहरहाल अब जबकि ये गिरफ़्तारी हो चुकी है गुरुग्राम पुलिस की तारीफ वाक़ई बनती है. यदि उसने सही टाइम पर एक्शन न लिया होता तो इस तो इस हत्यारे के हाथ और खुलते और हम वो नज़ारे देखते जो कई मायनों में वीभत्स्य होते. वहीं बात यदि इस सीरियल किलर की हो तो. इसने जो किया है उसपर इसे सख्त से सख्त सजा इसलिए भी मिलनी चाहिए. ताकि भविष्य में यदि कोई इस घटना से प्रेरणा भी ले तो ऐसी वारदात अंजाम तक पहुंचाने से पहले कम से कम दो बार सोचे.
सिर्फ सोसाइटी में किसी का नाम हो, उसका भौकाल बने इसके लिए हम किसी को किसी की हत्या करते हुए देखेंगे ये शायद ही कभी हमने सोचा हो. चूंकि ये कलयुग है और साथ ही इंसान तैश में या फिर भावों में बहकर बहुत कुछ कर जाता है ये मामला भी ऐसा ही है. यहां भी सिर्फ नाम हो इसलिए परंपरा दोहराई गयी और ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसके चलते मानवता शर्मसार हुई.
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