कहते हैं, जितनी चादर हो उतना ही पांव फैलाना चाहिए मगर पाकिस्तान (Pakistan) में इन बातों को कोई असर नहीं पड़ने वाला है. तभी तो वहां खाने के लाले पड़े हैं और लोग फिल्म के पीछे पागल हुए जा रहे हैं.
रिपोर्टस् की माने तो पाकिस्तान में मंहगाई की मार से जनता का बुरा हाल है, वे आपस में आटे के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं मगर शाहरुख खान की दिवानगी का आलम यह है कि लोग 900 रूपए देकर पठान फिल्म देखने को तैयार हैं. ये नहीं कि इसी पैसे का आटा, नमक, तेल खरीद लें या गरीबों में बांट दे.
असल में फिल्म ने वर्ल्डवाइड 639 करोड़ और इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 330 करोड़ की कमाई कर ली है. अब भला पाकिस्तानी इसमें अपनो योगदान कैसे ना करते? अब सवाल यह है कि जब चार साल से पाकिस्तान में बॉलीवुड फिल्में बैन हैं तो उन्होंने दखी कैसे? गैरकानूनी तरीके और क्या? आपको हैरान होने की जरूरत नहीं, हम सच कह रहे हैं.
लोगों में फिल्म का इतना क्रेज है कि वे चोरी-छिपे फिल्म देखने को तैयार हैं. उन्हें इस बात का जरा भी डर नहीं है कि वे पकड़े गए तो क्या होगा? असल में पाकिस्तानी भारतीय सिनेमा के फैन हैं मगर यह बात वे खुलकर दिखाना नहीं चाहते, इसलिए हमारे यहां की फिल्में वे चोरी-छिपे ही देखते हैं.
ना-ना...यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि डॉन की एक रिपोर्ट कह रही है. जिसके अनुसार, फेसबुक पर एक विज्ञापन पोस्ट किया गया कि पठान की स्क्रीनिंग कराची में की जा रही है. जिसका टिकट 900 रूपए है. यह विज्ञापन जैसे आया वायरल हो गया. फिर क्या अपने देश की भूखमरी की चिंता छोड़ लोग इस फिल्म के डिटेल के बारे में पूछने लगे. इतना ही नहीं दूसरे पोस्ट में बताया गया कि शो हाउसफुल हो चुका है, इसलिए कुछ शो और रखे...
कहते हैं, जितनी चादर हो उतना ही पांव फैलाना चाहिए मगर पाकिस्तान (Pakistan) में इन बातों को कोई असर नहीं पड़ने वाला है. तभी तो वहां खाने के लाले पड़े हैं और लोग फिल्म के पीछे पागल हुए जा रहे हैं.
रिपोर्टस् की माने तो पाकिस्तान में मंहगाई की मार से जनता का बुरा हाल है, वे आपस में आटे के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं मगर शाहरुख खान की दिवानगी का आलम यह है कि लोग 900 रूपए देकर पठान फिल्म देखने को तैयार हैं. ये नहीं कि इसी पैसे का आटा, नमक, तेल खरीद लें या गरीबों में बांट दे.
असल में फिल्म ने वर्ल्डवाइड 639 करोड़ और इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 330 करोड़ की कमाई कर ली है. अब भला पाकिस्तानी इसमें अपनो योगदान कैसे ना करते? अब सवाल यह है कि जब चार साल से पाकिस्तान में बॉलीवुड फिल्में बैन हैं तो उन्होंने दखी कैसे? गैरकानूनी तरीके और क्या? आपको हैरान होने की जरूरत नहीं, हम सच कह रहे हैं.
लोगों में फिल्म का इतना क्रेज है कि वे चोरी-छिपे फिल्म देखने को तैयार हैं. उन्हें इस बात का जरा भी डर नहीं है कि वे पकड़े गए तो क्या होगा? असल में पाकिस्तानी भारतीय सिनेमा के फैन हैं मगर यह बात वे खुलकर दिखाना नहीं चाहते, इसलिए हमारे यहां की फिल्में वे चोरी-छिपे ही देखते हैं.
ना-ना...यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि डॉन की एक रिपोर्ट कह रही है. जिसके अनुसार, फेसबुक पर एक विज्ञापन पोस्ट किया गया कि पठान की स्क्रीनिंग कराची में की जा रही है. जिसका टिकट 900 रूपए है. यह विज्ञापन जैसे आया वायरल हो गया. फिर क्या अपने देश की भूखमरी की चिंता छोड़ लोग इस फिल्म के डिटेल के बारे में पूछने लगे. इतना ही नहीं दूसरे पोस्ट में बताया गया कि शो हाउसफुल हो चुका है, इसलिए कुछ शो और रखे जाएंगे. हालांकि बाद में इस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया.
कुछ दिनों पहले सुनने में आया था कि पाकिस्तान में आर्थिक हालत दिन प्रतिदन खराब होती जा रही है. लोगों को दूध, चावल, आटा औऱ प्याज तक नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में वे कौन लोग हैं जो शाहरुख खान की फिल्म पर पैसे बहा रहे हैं. जहां आटा 150 रूपए किलो हो वहां, जहां लोग एक वक्त की रोटी के लिए आपस में लड़ रहे हों वहां ऐसे शौक पाकिस्तानी ही कर सकते हैं?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.