लड़कियां जब बड़ी होने लगती हैं, तो उन्हें भले न हो, लेकिन पूरी दुनिया को उनकी शादी की चिंता सताने लगती है. लोगों का एकसूत्रीय कार्यक्रम होता है उन्हें बार-बार ये याद दिलाना कि वो अभी तक सिंगल हैं. लगभग हर लड़की को ये बातें इरीटेट करती हैं. पर ऐसा तो नहीं होता न, कि इधर लोगों ने ताने मारे और उधर लड़की ने लाइफ पार्टनर ढूंढ लिया.
लेकिन लंदन की एक लड़की लोगों के ताने सुनकर इतनी इरीटेट हो गई कि उसने एक नहीं 7 बॉयफ्रेंड एक साथ बना लिए. मैरी स्टीफेनसन एक आर्टिस्ट हैं और उन्हें ये बॉयफ्रेंड बनाए क्ले, पेपर और पेंट से. यानी ये 7 बॉयफ्रेंड इंसान नहीं बल्कि क्ले के मॉडल हैं.
देखिए वीडियो-
पर मैरी ने ऐसा क्यों किया?
मैरी कहती हैं कि- 'एक शादी में मुझसे किसी ने पूछा कि मैं कितने वक्त से सिंगल हूं, तो मैंने जवाब दिया '3 साल से'. उन्होंने कहा कि 'इतना समय सिंगल रहकर तुमने अपना समय ही खराब किया.' इसके बाद मैंने सोचना शुरू किया कि लोगों को आखिर दूसरे लोगों में इतनी दिलचस्पी क्यों होती है? कोई ये कैसे सोच सकता है कि सिंगल रहते हुए मैं समय खराब कर रही हूं? आपकी शादी को लेकर समाज का इतना दबाव क्यों होता है? और इसलिए मैंने भविष्य के इन महत्वाकांक्षी रिश्तों, काल्पनिक लक्ष्यों और उनसे जुड़ी मेरी घबराहट के साथ खेलना शुरू कर दिया. और मैंने सोचा, अगर समाज चाहता है कि मैं रिश्ते में रहूं तो मैं खुद को रिश्ते में ही रखती हूं."
और तब उन्होंने 'माय मेन'(my men)सीरीज़ की शुरुआत की.
मैरी अपने संघर्षों को अपनी कला में ढालने लगीं और खुद को एक जीवनसाथी बनाने के लिए उन्होंने मिट्टी में जान डालनी शुरू कर...
लड़कियां जब बड़ी होने लगती हैं, तो उन्हें भले न हो, लेकिन पूरी दुनिया को उनकी शादी की चिंता सताने लगती है. लोगों का एकसूत्रीय कार्यक्रम होता है उन्हें बार-बार ये याद दिलाना कि वो अभी तक सिंगल हैं. लगभग हर लड़की को ये बातें इरीटेट करती हैं. पर ऐसा तो नहीं होता न, कि इधर लोगों ने ताने मारे और उधर लड़की ने लाइफ पार्टनर ढूंढ लिया.
लेकिन लंदन की एक लड़की लोगों के ताने सुनकर इतनी इरीटेट हो गई कि उसने एक नहीं 7 बॉयफ्रेंड एक साथ बना लिए. मैरी स्टीफेनसन एक आर्टिस्ट हैं और उन्हें ये बॉयफ्रेंड बनाए क्ले, पेपर और पेंट से. यानी ये 7 बॉयफ्रेंड इंसान नहीं बल्कि क्ले के मॉडल हैं.
देखिए वीडियो-
पर मैरी ने ऐसा क्यों किया?
मैरी कहती हैं कि- 'एक शादी में मुझसे किसी ने पूछा कि मैं कितने वक्त से सिंगल हूं, तो मैंने जवाब दिया '3 साल से'. उन्होंने कहा कि 'इतना समय सिंगल रहकर तुमने अपना समय ही खराब किया.' इसके बाद मैंने सोचना शुरू किया कि लोगों को आखिर दूसरे लोगों में इतनी दिलचस्पी क्यों होती है? कोई ये कैसे सोच सकता है कि सिंगल रहते हुए मैं समय खराब कर रही हूं? आपकी शादी को लेकर समाज का इतना दबाव क्यों होता है? और इसलिए मैंने भविष्य के इन महत्वाकांक्षी रिश्तों, काल्पनिक लक्ष्यों और उनसे जुड़ी मेरी घबराहट के साथ खेलना शुरू कर दिया. और मैंने सोचा, अगर समाज चाहता है कि मैं रिश्ते में रहूं तो मैं खुद को रिश्ते में ही रखती हूं."
और तब उन्होंने 'माय मेन'(my men)सीरीज़ की शुरुआत की.
मैरी अपने संघर्षों को अपनी कला में ढालने लगीं और खुद को एक जीवनसाथी बनाने के लिए उन्होंने मिट्टी में जान डालनी शुरू कर दी.
मैरी को क्ले के 7 बॉयफ्रेंड बनाने में केवल एक ही दिन लगा. इन सातों के फीचर्स, हेयरस्टाइल और रंग बिल्कुल अलग-अलग हैं. लेकिन उन्होंने इन सातों को कोई नाम नहीं दिया.
मैरी अपने बॉयफ्रेंड्स के साथ घूमने भी जाती हैं. असल में उन्होंने इन बॉयफ्रेंड्स के साथ अलग-अलग सीन पर तस्वीरें खिंचवाईं और उन्हें अपने प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया.
उन्हें बॉयफ्रेंड्स के साथ पिकनिक पर जाते, गेटवे इन पैरिस या पार्टी में अपने दोस्तों से मिलवाते हुए देखा जा सकता है. एक सीन में तो वो बाथरूम में दिखाई दे रही हैं. मैरी के सारे सीन्स लव स्टोरीज़ और टीवी प्रोग्राम्स से इंस्पायर्ड होते हैं.
लेकिन अपनी असल जिंदगी में मैरी अभी तक सिंगल हैं. उनका मानना है कि इस आर्ट प्रोजेक्ट ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया है, ये उनके लिए किसी थेरेपी से कम नहीं है.
मैरी का ये प्रोजेक्ट दिखाता है कि युवाओं पर एक परफैक्ट रिलेशनशिप होने के लिए कितना दबाव डाला जाता है. उन्होंने पुरुषों के बजाय मिट्टी के मॉडल का उपयोग किया, वो इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर दिखाई देने वाले ज्यादातर रिश्ते इतने ही सतही होते हैं. और समाज को खुश करने के लिए इससे ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता.
और सबसे अच्छी बात
मैरी कहती हैं कि जब वो उनके साथ समय बिता लेती हैं, वो उन्हें स्टूडियो में ही छोड़ देती हैं और वो उन्हें दोबारा परेशान नहीं करते.
किसी को भी ऐसी ही जिंदगी चाहिए. चाहे वो लंदन में रहने वाली मैरी हों या फिर भारत की कोई भी आम लड़की. हर किसी को शादी के ऐसे सवाल परेशान करते हैं क्योंकि अपने जीवन के लिए सबकी अपनी-अपनी सोच होती है. मैरी ने तो अपनी खीज अपनी कला के जरिए निकाल ली, लेकिन भारत की ज्यादातर लड़कियां कुछ नहीं कर पातीं...सिवाय सरेंडर करने के.
ये भी पढ़ें-
पत्नी एक इंसान ही है, शराब छुड़वाने वाला क्लीनिक नहीं...
40 साल की मेरी बहन का 35 साल के लड़के से शादी करना मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है
अजनबी युवक के साथ सो रही बेटी (लगभग निर्वस्त्र) को देख पिता ने ये किया...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.