जैसे ही देश के प्रधानमंत्री (PrimeMinister) ने राष्ट्र के नाम दिए अपने संबोधन में घोषणा की कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के खतरों के मद्देनजर बुधवार से अगले 21 दिनों तक सम्पूर्ण लॉक डाउन (Lockdown) किया जाएगा अफरा तफरी मच गई. जरूरी सामानों की खरीद फरोख्त के लिए देश की एक बड़ी आबादी सड़कों पर थी. हालांकि पीएम अपने संबोधन में इस बात का जिक्र कर चुके थे कि किसी भी नागरिक को कोई दिक्कत नहीं होगी. बावजूद इसके अपनी सुरक्षा को दर किनार कर भीड़ दुकानों पर टूट पड़ी. लोगों को डर है कि पता नहीं ये दुकानें आगे खुली रहेंगी या फिर ये लॉकडाउन तक बंद ही रहेंगी.
पुडुचेरी में दुकानों के बाहर एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर खड़े लोग
स्थिति जब इतनी गंभीर हो तो जाहिर है कि वो केवल दुकानदार ही है जिसे संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है. लोगों को समान भी मिलता रहे और किसी को संक्रमण न हो इसलिये दक्षिण में तमाम राज्यों में दुकानों के बाहर मार्किंग की गई है और गोले, त्रिकोण, वर्ग बनाए गए हैं. दुकानदारों की तरफ से ऐलान कर दिया गया है कि उन्हें सामान तभी मिलेगा जब वो नियमों का पालन करते हुए निर्धारित जगह पर खड़े होंगे.
तस्वीर खुद पुडुचेरी की गवर्नर किरण बेदी ने डाला है और यदि इस तस्वीर में गौर करें तो मिल रहा है कि लोग भी नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं.
बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के खौफ से आतंकित दक्षिण के तमाम दुकानदार ऐसे हैं जिन्होंने ग्राहकों से साफ कह दिया है कि उन्हें सामान तब तक नहीं मिलेगा जब तक वो 3 फ़ीट या ये कहें कि 1 मीटर की दूरी पर नहीं खड़े होते.
ऐसा ही कुछ मिलता जुलता नजारा गुजरात का भी है. राज्य प्रशासन ने कुछ दुकानों को मार्क किया है और लोगों से अनुरोध किया है कि वो नियमों का पालन करते हुए सामान इन्हीं दुकानों से लें.
पुडुचेरी और अहमदाबाद की तरह ही पुणे में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है.वहां भी साफ सफाई और उचित दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. पुणे के शुमार उस स्थान में है जहां कोरोना वायरस के खतरे ज्यादा हैं इसलिए यहां दुकानदार शीशे के सामानों की साबुन से सफाई कर रहे हैं साथ ही जो सामान लेने आ रहा है उन्हें सेनेटाइजर दिया जा रहा है.
कोरोना वायरस एक खौफनाक बीमारी है. बावजूद इसके अभी तक उत्तर भारतीय लोगों ने बीमारी को लेकर कोई गम्भीरता नहीं दिखाई है. देश भर में कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन है तो तमाम खबरें हमारे बीच ऐसी आ चुकी हैं जिनमें लोग बेवजह ही सड़कों पर मौज मस्ती कर रहे हैं.
बहरहाल बात दक्षिण की इन दुकानों और ग्राहकों की समझदारी की हुई है तो हम भी बस ये कहकर अपनी बात को विराम देंगे कि सोशल डिस्टेंसिंग का सबक देश की जनता को इन दुकानों से सीखना और उसे अमल में लाना चाहिए.
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