सोनू सूद (Sonu Sood) में ऐसी क्या बात है कि लोग उन्हें अपना मसीहा समझने लगे...शायद कई लोगों के मन में अभी भी यह सवाल कौंध रहा होगा? उनके लिए एक और खबर यह है कि सोनू सूद यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों (Indian student in kraine) को अपने देश अपने खर्चे में ला रहे हैं.
सोनू सूद की टीम छात्रों से संपर्क में हैं. जो छात्र सकुशल भारत पहुंच चुके हैं वे वीडियो बनाकर सोनू सूद को धन्यवाद कह रहे हैं. जब भी लोगों को जरूरत होती है तो वे एक मसीहा की तरह उनकी मदद करते हैं. लोग अक्सर, उनसे ट्वीटर पर मदद मांगते रहते हैं जिनकी सोनू सूद सहायता करते हैं.
दरअसल, रूस यूक्रेन युद्ध (russia ukraine) शुरु हो गया और हमारे देश के करीब 20 हजार छात्र वहीं फंसे रह गए. हालांकि सरकार की तरफ से ऑपरेशन गंगा के तहत उन्हें भारत लाया जा रहा है. वहीं यूक्रेन के खारकीव (Kharkiv) में छात्रों को मुश्किल में देखकर सोनू सूद भी मदद के लिए आगे आ गए हैं. एक छात्र ने कहा है कि, 'हम कीव में फंसे थे और सूद सर और उनकी टीम ने हमें वहां से बाहर निकलने में मदद की. उनकी वजह से हम लवीव (Lviv) जा रहे हैं जो सुरक्षित है और वहां से हम भारत जाएंगे.'
मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार, सोनू सूद की टीम यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ मिलकर छात्रों को निकालने का काम कर रही है. सोनू सूद ने कहा कि छात्रों के लोकेशन तक लोकल टैक्सी भजने की व्यवस्था की जा रही है. वहां से उन्हें खारकीव रेलवे स्टेशन और फिर लवीव ले जाया जा रहा है. यहां से पोलिश बॉर्डर तक की बसें चल रही हैं....
सोनू सूद (Sonu Sood) में ऐसी क्या बात है कि लोग उन्हें अपना मसीहा समझने लगे...शायद कई लोगों के मन में अभी भी यह सवाल कौंध रहा होगा? उनके लिए एक और खबर यह है कि सोनू सूद यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों (Indian student in kraine) को अपने देश अपने खर्चे में ला रहे हैं.
सोनू सूद की टीम छात्रों से संपर्क में हैं. जो छात्र सकुशल भारत पहुंच चुके हैं वे वीडियो बनाकर सोनू सूद को धन्यवाद कह रहे हैं. जब भी लोगों को जरूरत होती है तो वे एक मसीहा की तरह उनकी मदद करते हैं. लोग अक्सर, उनसे ट्वीटर पर मदद मांगते रहते हैं जिनकी सोनू सूद सहायता करते हैं.
दरअसल, रूस यूक्रेन युद्ध (russia ukraine) शुरु हो गया और हमारे देश के करीब 20 हजार छात्र वहीं फंसे रह गए. हालांकि सरकार की तरफ से ऑपरेशन गंगा के तहत उन्हें भारत लाया जा रहा है. वहीं यूक्रेन के खारकीव (Kharkiv) में छात्रों को मुश्किल में देखकर सोनू सूद भी मदद के लिए आगे आ गए हैं. एक छात्र ने कहा है कि, 'हम कीव में फंसे थे और सूद सर और उनकी टीम ने हमें वहां से बाहर निकलने में मदद की. उनकी वजह से हम लवीव (Lviv) जा रहे हैं जो सुरक्षित है और वहां से हम भारत जाएंगे.'
मिड डे की रिपोर्ट के अनुसार, सोनू सूद की टीम यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ मिलकर छात्रों को निकालने का काम कर रही है. सोनू सूद ने कहा कि छात्रों के लोकेशन तक लोकल टैक्सी भजने की व्यवस्था की जा रही है. वहां से उन्हें खारकीव रेलवे स्टेशन और फिर लवीव ले जाया जा रहा है. यहां से पोलिश बॉर्डर तक की बसें चल रही हैं. सोनू सूद ने कहा है कि छात्रों को फ्लाइट टिकट का किराया भी दिया जा रहा है.
दरअसल, कोरोना वायरस की पहली लहर को रोकने के लिए लॉकडाउन लगा तभी से सोनू सूद का नाम अचानक से उभरा है. उन्होंने मजदूरों और लोगों को उनके घर भेजने की व्यवस्था की. वे बेसस लाचार लोगों के लिए उम्मीद बने. उन्होंने मौत से जंग लड़ रहे लोगों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्थी की. लोगों ने यह सब देखकर उनके लिए लिखना शुरु कर दिया कि एक ही दिल कितनी बार जीतोगे सोनू जी...
असल में जिस व्यवस्था की उम्मीद लोगों को सरकार से लगानी चाहिए, वो विश्वास वे सोनू सूद पर करने लगे. तब से लेकर तीन साल हो गए सोनू सूद लगातार लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं. जिनका कोई नहीं उनके लिए सोनू सूद हैं...वे लोगों से सिर्फ एक ट्वीट की दूरी पर रहते हैं. वे उनसे खुद संवाद करते हैं.
सोनू सूद भले फिल्मों में विलेन की भूमिका में हिट रहे लेकिन असल जीवन में लोग इन्हें सुपर हीरो समझते हैं. चारू नामक एक छात्रा ने कहा, 'हम कीव से निकल रहे हैं. सोनू सूद सर से वक्त पर मदद मिल गई. हम कुछ देर में लीव पहुंचेंगे और वहां से रात में बॉर्डर क्रॉस करके पोलैंड जाएंगे. मदद के लिए शुक्रिया, इन लोगों ने हमें उम्मीद दी.'
एक दूसरे छात्र का कहना है कि 'मैं सोनू सद की टीम की बदौलत दिल्ली हवाई अड्डा पहुंच चुका हूं और अब मैं अहमदाबाद की फ्लाइट का इंतजार कर रहा हूं. जब हम Iviv में फंसे थे तब उनकी टीम ने हमारे खाने-पीने का ध्यान रखा और मेरे अहमदाबाद तक की टिकट का किराया भी दिया.'
यही वजहें हैं जो लोगों के अंदर सोनू सूद के लिए दिवानगी दिखाते हैं. आलम यह है कि लोग सोनू सूद के खिलाफ एक शब्द सुनना नहीं चाहते. तभी तो जब सोनू सूद के उपर इनकम टैक्स का छापा पड़ा तो लोग उनके नाम का हैशटैग चलाने लगे. एक तरफ लोगों का कहना है कि मोदी सरकार भारतीय छात्रों को निकालने में देरी कर दी वहीं दूसरी तरफ लोग सोनू सूद के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं कि यह फर्ज वोट लेने वाले नेताओं का है, फिर भी एक अभिनेता हमारी मदद कर रहा है.
वैसे सोनू सूद के बहाने लोग बॉलीवुड के बाकी एक्टर्स पर भी लोग कोसते हैं कि करोड़ों की कमाई सिर्फ अपने रख रखी है, बॉलीवुड वालों कुछ तो सोनू सूद से सीख लो...सच में एक रील लाइफ विलेन असल में रीयल लाइफ का हीरो है...वैसे इस मसीहा ने लोगों का दिल तो बहुत पहले जीत लिया था, क्यों?
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