साल 2020 अपने अंतिम पड़ाव पर है. क्योंकि पूरे विश्व के साथ साथ भारत भी कोरोना की मार झेल रहा है इसलिए इस साल हमने ऐसे तमाम दृश्य देखे जो विचलित करने वाले थे. हमनें अपनी अपनी नौकरी खोते युवा देखे. अपने आसपास लोगों को कोरोना की चपेट में आते और फिर इलाज न मिलने के चलते उन्हें मौत को गले लगाते देखा. हमने देखा उन प्रवासी मजदूरों को जिन्होंने कई कई सौ किलोमीटर की यात्रा की और अपने अपने घर पहुंचे. ऐसा नहीं था कि साल 2020 में सिर्फ दिल दहला देने वाले दृश्य ही दिखे. हमने कई ऐसी चीजें और लोग भी देखे जिन्होंने बिना जात पात देखे जिस तरह परेशान हाल लोगों की मदद की महसूस हुआ कि मानवता और अच्छे लोग अभी दोनों ही ज़िंदा हैं. बात मानवता की चल रही है तो हम एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood helping People in Coronavirus Pandemic) को कैसे भूल सकते हैं. इस कोरोना काल में जब लोग अपने अपने घरों पर बैठ इधर उधर की बातें कर रहे हों सोनू ने जो किया है उसके बाद उन्हें फरिश्ता कहना अतिश्योक्ति नहीं है. मगर क्या ये सब सोनू के लिए आसान था. जवाब है नहीं. शायद आपको सुनकर हैरत हो मानवता (Sonu Sood Serving Humanity) की सेवा करने के चक्कर में सोनू ने अपनी जमा पूंजी गंवा दी है.
जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. एक ऐसे समय में जब कोई किसी की मदद से पहले सौ बार सोचता हो. एक एक कौड़ी का हिसाब कैलकुलेट करता हो एक्टर सोनू सूद ने वो तमाम चीजें कर दिखाई हैं जो आपकी और हमारी कल्पना से परे हैं. जैसी रिपोर्ट्स आ रही हैं यदि उनपर यकीन किया जाए तो प्रवासी मजदूरों को उनके ठीहे तक पहुंचाने, उनके खाने पीने की व्यवस्था करने, लोगों के घर बनवाने, शिक्षा के प्रबंध, बेरोजगारों को रोजगार देने और गरीबों को उचित इलाज मुहैया कराने...
साल 2020 अपने अंतिम पड़ाव पर है. क्योंकि पूरे विश्व के साथ साथ भारत भी कोरोना की मार झेल रहा है इसलिए इस साल हमने ऐसे तमाम दृश्य देखे जो विचलित करने वाले थे. हमनें अपनी अपनी नौकरी खोते युवा देखे. अपने आसपास लोगों को कोरोना की चपेट में आते और फिर इलाज न मिलने के चलते उन्हें मौत को गले लगाते देखा. हमने देखा उन प्रवासी मजदूरों को जिन्होंने कई कई सौ किलोमीटर की यात्रा की और अपने अपने घर पहुंचे. ऐसा नहीं था कि साल 2020 में सिर्फ दिल दहला देने वाले दृश्य ही दिखे. हमने कई ऐसी चीजें और लोग भी देखे जिन्होंने बिना जात पात देखे जिस तरह परेशान हाल लोगों की मदद की महसूस हुआ कि मानवता और अच्छे लोग अभी दोनों ही ज़िंदा हैं. बात मानवता की चल रही है तो हम एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood helping People in Coronavirus Pandemic) को कैसे भूल सकते हैं. इस कोरोना काल में जब लोग अपने अपने घरों पर बैठ इधर उधर की बातें कर रहे हों सोनू ने जो किया है उसके बाद उन्हें फरिश्ता कहना अतिश्योक्ति नहीं है. मगर क्या ये सब सोनू के लिए आसान था. जवाब है नहीं. शायद आपको सुनकर हैरत हो मानवता (Sonu Sood Serving Humanity) की सेवा करने के चक्कर में सोनू ने अपनी जमा पूंजी गंवा दी है.
जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. एक ऐसे समय में जब कोई किसी की मदद से पहले सौ बार सोचता हो. एक एक कौड़ी का हिसाब कैलकुलेट करता हो एक्टर सोनू सूद ने वो तमाम चीजें कर दिखाई हैं जो आपकी और हमारी कल्पना से परे हैं. जैसी रिपोर्ट्स आ रही हैं यदि उनपर यकीन किया जाए तो प्रवासी मजदूरों को उनके ठीहे तक पहुंचाने, उनके खाने पीने की व्यवस्था करने, लोगों के घर बनवाने, शिक्षा के प्रबंध, बेरोजगारों को रोजगार देने और गरीबों को उचित इलाज मुहैया कराने वाले सोनू सूद ने मुंबई और दीगर जगहों की पॉश लोकेशंस में मौजूद अपनी 8 अलग अलग संपत्तियों को गिरवी रख दिया है.
बताते चलें कि अपनी 8 प्रॉपर्टी को गिरवी रख सोनू ने तकरीबन 10 करोड़ रुपए जुटाए और खुले हाथों से लोगों की मदद की. रिपोर्ट्स कह रही हैं कि गिरवी रखी गई संपत्तियों में सोनू की अधिकांश संपत्तियां जुहू में मौजूद थी.उपरोक्त बातों की तस्दीख वेबसाइट मनीकंट्रोल पर मौजूद उस राजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट से हो जाती है जिसके अनुसार सोनू ने मुंबई के जुहू में स्थित अपनी दो दुकान और 6 फ्लैट गिरवी रखे हैं. बताया जा रहा है कि सोनू की ये दुकानें ग्राउंड फ्लोर की हैं जबकि फ्लैट्स एक पॉश हाउसिंग सोसाइटी में है.
बैंक ने सोनू को इन्हीं प्रॉपर्टीज के दम पर 10 करोड़ रुपए का लोन दिया है जिसके लिए उन्होंने 5 लाख रुपये के रजिस्ट्रेशन चार्ज को वहन किया है.
ऐसा कुछ हुआ है इसकी कोई तस्दीख अभी सोनू की तरफ से नहीं हुई है लेकिन अगर उपरोक्त बातों में नाममात्र की भी सच्चाई है तो वाक़ई सोनू ऐसा बहुत कुछ कर चुके हैं जिसके लिए हम उनका जितना भी शुक्रिया अदा करें वो कम है.
सोनू का इस तरह अपना सब कुछ लुटा के गरीबों की मदद करना न केवल उन्हें फरिश्ता कहलाने का हकदार बनाता है. बल्कि उन तमाम लोगों को भी बड़ा सबक देता है जिनके पास बातें और प्लान तो बहुत बड़े बड़े हैं लेकिन जब उन्हें अमली जामा पहनाने की बात आती है तो अधिकांश लोग अपनी अपनी बगलें झांकते नजर आते हैं.
अब जबकि ये अहम जानकारी हमारे सामने आ गयी है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि लोग इससे कितनी प्रेरणा लेते हैं. बाक़ी ये दुनिया चल रही है. आगे भी चलेगी फरिश्ते यूं ही अपना सर्वस्व न्योछावर कर मानवों और मानवता की सेवा करते रहेंगे. सोनू ने जो कर दिया है देश उसके लिए उनका एहसानमंद रहेगा।
ये भी पढ़ें -
लंबे समय से खाली बैठे बॉबी देओल को आश्रम ने सफलता दी, '2020' की तारीफ तो होगी!
कोरोना पाजिटिव दुल्हन का पीपीई किट पहनकर सात फेरे लेना, भई कमाल ही तो है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.