प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के अपने संबोधन में कहा है कि 31 अक्टूबर को सरदारवबल्लभ भाई पटेल की जयंती है और इसबार यह खास होगी. इस मौके पर श्री पटेल को याद कर उन्होंने कहा कि 27 जनवरी 1947 को विश्व की प्रसिद्ध 'टाइम' मैगजीन ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके आवरण पृष्ठ पर सरदार पटेल का फोटो लगा था. अपनी मुख्य स्टोरी में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था जो आज के भारत के नक़्शे जैसा नहीं था. ये एक ऐसे भारत का नक्शा था जो कई भागों में बंटा हुआ था और उस दौर में देश में सैकड़ों रियासते थीं जिनको एक साथ मिलाने में अंग्रेजों की रूचि न के बराबर थी. ऐसे में तमाम राज्यों और रियासतों को भारत में विलय करा कर सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का असंभव कार्य किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि एकता के बंधन में बंधे भारत को देख कर हम स्वाभाविक रूप से श्री पटेल का पुण्य स्मरण करते हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री 31 अक्टूबर को गुजरात में स्टैचू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करेंगे जो श्री मोदी के अनुसार सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
आईये एक नजर डालते हैं सरदार पटल की इस प्रतिमा की खासियतों पर...
- गुजरात में सरदार सरोवर डैम पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तैयार किया गया है.- इसकी ऊंचाई 182 मीटर है जो अमेरिका के स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी से दोगुनी है. - यह विश्व की सबसे ऊंची गगनचुम्बी प्रतिमा है. इस समय दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन की बुद्ध की मूर्ति है, जो 128 मीटर ऊंची है.- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को मात्र 33 महीने में बनाकर तैयार किया गया है.- इसे लगभग 3 हजार करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया है. - इसे बनाने में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के अपने संबोधन में कहा है कि 31 अक्टूबर को सरदारवबल्लभ भाई पटेल की जयंती है और इसबार यह खास होगी. इस मौके पर श्री पटेल को याद कर उन्होंने कहा कि 27 जनवरी 1947 को विश्व की प्रसिद्ध 'टाइम' मैगजीन ने जो संस्करण प्रकाशित किया था, उसके आवरण पृष्ठ पर सरदार पटेल का फोटो लगा था. अपनी मुख्य स्टोरी में उन्होंने भारत का एक नक्शा दिया था जो आज के भारत के नक़्शे जैसा नहीं था. ये एक ऐसे भारत का नक्शा था जो कई भागों में बंटा हुआ था और उस दौर में देश में सैकड़ों रियासते थीं जिनको एक साथ मिलाने में अंग्रेजों की रूचि न के बराबर थी. ऐसे में तमाम राज्यों और रियासतों को भारत में विलय करा कर सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का असंभव कार्य किया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि एकता के बंधन में बंधे भारत को देख कर हम स्वाभाविक रूप से श्री पटेल का पुण्य स्मरण करते हैं. बता दें कि प्रधानमंत्री 31 अक्टूबर को गुजरात में स्टैचू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करेंगे जो श्री मोदी के अनुसार सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
आईये एक नजर डालते हैं सरदार पटल की इस प्रतिमा की खासियतों पर...
- गुजरात में सरदार सरोवर डैम पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तैयार किया गया है.- इसकी ऊंचाई 182 मीटर है जो अमेरिका के स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी से दोगुनी है. - यह विश्व की सबसे ऊंची गगनचुम्बी प्रतिमा है. इस समय दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन की बुद्ध की मूर्ति है, जो 128 मीटर ऊंची है.- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को मात्र 33 महीने में बनाकर तैयार किया गया है.- इसे लगभग 3 हजार करोड़ रूपये की लागत से बनाया गया है. - इसे बनाने में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिससे ना तो इसपर भूकंप का कोई असर होगा ना ही बिजली गिरने से इस पर कोई आंच आएगी.
गुजरात सरकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को पर्यटन स्थल बनाने में जुट गयी है. प्रतिमा में लेजर लाइटिंग और म्यूजियम बनाया गया है. प्रतिमा के अंदर 2 हाई स्पीड लिफ्ट भी लगी है और छाती के पास झरोखे बने हैं जहां से आप डैम का नजारा देख सकेंगे. प्रतिमा से 3 किलोमीटर की दूरी पर एक टेंट सिटी भी बनाई गई है, जहां आप ठहर सकते हैं. इसके अलावां यहां एक पांच सितारा होटल का भी निर्माण किया जा रहा है. इसे हवाई मार्ग से भी जोड़ने के लिए सरकार प्रयत्न कर रही है. यही नहीं आने वाले दिनों में इस प्रतिमा स्थल को बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में बढ़ावा देने के लिए चरणबद्ध तरीके से यहां एक बाघ और एक मगरमच्छ उद्यान भी तैयार किया जायेगा. गुजरात में अहमदाबाद, कच्छ, सोमनाथ, द्वारका और गिर फॉरेस्ट जैसे पर्यटन स्थल सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं साथ इस फेहरिस्त में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के जुड़ने से प्रदेश को खासा लाभ होगा.
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