सुनंदा पुष्कर, वो नाम जो न सिर्फ हाई सोसाइटी की पहचान हुआ करता था बल्कि एक बिंदास महिला के व्यक्तित्व की पहचान भी था. वो नाम पिछले कुछ सालों से सिर्फ विवादों का हिस्सा बना हुआ है. 17 जनवरी 2014, वो दिन जब सुनंदा पुष्कर ने कथित रूप से दिल्ली के लीला पैलेस होटल में आत्महत्या कर ली थी. तब से लेकर आज तक चार सालों में कई बार ये केस सुसाइड और हत्या के बीच झूल चुका है. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 200 पेज की चार्जशीट दायर की है जिसमें शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है.
चार्जशीट में शशि थरूर को संदिग्ध रखा गया है. थरूर पर सेक्शन 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और सेक्शन 498A (शादी के बाद पति या किसी रिश्तेदार द्वारा पत्नी को प्रताड़ित करना) के तहत चार्ज लगा है.
क्या कहता है कानून?
धारा 306:
अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है तो जिसने भी आत्महत्या के लिए उकसाया होता है उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है इसी के साथ, कोर्ट द्वारा निर्धारित फाइन भी देना हो सकता है.
धारा 498A:
ये धारा ससुराल वालों या पति की तरफ से प्रताड़ित करने वालों पर लगाई जाती है. जो भी व्यक्ति इस तरह की निर्दयता और प्रताड़ना का हिस्सा होगा उसे कानूनन 3 साल तक की सज़ा और फाइन पड़ सकता है. यहां निर्दयता का मतलब..
(1.) ऐसा कुछ भी काम जिससे कोई महिला आत्महत्या के बारे में सोचे या फिर जो महिला की सेहत (शारीरिक और मानसिक) या जिंदगी को नुकसान पहुंचाए.
(2.) महिला को प्रताड़ित करना या उससे जुड़े हुए किसी भी व्यक्ति को प्रताड़ित करना जिसमें प्रॉपर्टी या किसी अन्य चीज़, पैसे की मांग शामिल हो. या...
सुनंदा पुष्कर, वो नाम जो न सिर्फ हाई सोसाइटी की पहचान हुआ करता था बल्कि एक बिंदास महिला के व्यक्तित्व की पहचान भी था. वो नाम पिछले कुछ सालों से सिर्फ विवादों का हिस्सा बना हुआ है. 17 जनवरी 2014, वो दिन जब सुनंदा पुष्कर ने कथित रूप से दिल्ली के लीला पैलेस होटल में आत्महत्या कर ली थी. तब से लेकर आज तक चार सालों में कई बार ये केस सुसाइड और हत्या के बीच झूल चुका है. अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 200 पेज की चार्जशीट दायर की है जिसमें शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है.
चार्जशीट में शशि थरूर को संदिग्ध रखा गया है. थरूर पर सेक्शन 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और सेक्शन 498A (शादी के बाद पति या किसी रिश्तेदार द्वारा पत्नी को प्रताड़ित करना) के तहत चार्ज लगा है.
क्या कहता है कानून?
धारा 306:
अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है तो जिसने भी आत्महत्या के लिए उकसाया होता है उसे 10 साल तक की कैद हो सकती है इसी के साथ, कोर्ट द्वारा निर्धारित फाइन भी देना हो सकता है.
धारा 498A:
ये धारा ससुराल वालों या पति की तरफ से प्रताड़ित करने वालों पर लगाई जाती है. जो भी व्यक्ति इस तरह की निर्दयता और प्रताड़ना का हिस्सा होगा उसे कानूनन 3 साल तक की सज़ा और फाइन पड़ सकता है. यहां निर्दयता का मतलब..
(1.) ऐसा कुछ भी काम जिससे कोई महिला आत्महत्या के बारे में सोचे या फिर जो महिला की सेहत (शारीरिक और मानसिक) या जिंदगी को नुकसान पहुंचाए.
(2.) महिला को प्रताड़ित करना या उससे जुड़े हुए किसी भी व्यक्ति को प्रताड़ित करना जिसमें प्रॉपर्टी या किसी अन्य चीज़, पैसे की मांग शामिल हो. या फिर ऐसी किसी मांग को पूरा न कर पाने पर उसके साथ निर्दय व्यवहार करना शामिल हो.
जिस चार्जशीट में शशि थरूर का नाम आया है उसके साथ 3000 पेज के सबूत भी पटियाला कोर्ट में जमा किए गए हैं. इस मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी.
इस चार्जशीट से जुड़ी जरूरी बातें...
1. शशि थरूर का नाम कॉलम नंबर 11 में शामिल किया गया है, इस कॉलम में नाम आने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किए बिना भी चार्जशीट दायर हो सकती है.
2. SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम) के मुताबिक सिर्फ दो ही धाराएं लगाई गई हैं शशि थरूर पर.
3. 306 यानी आत्महत्या के उकसाने की धारा इसलिए चार्जशीट में जोड़ी गई है क्योंकि सुनंदा के शरीर पर चोट के करीब 12 निशान पाए गए थे. इसके लिए शशि थरूर पर शक है.
4. धारा 489A चार्जशीट में जोड़ने के पीछे भी यही कारण है. उन 12 निशानों को घरेलू हिंसा से जोड़कर देखा जा रहा है.
5. ये चार्जशीट भाजपा लीडर और राज्यसभा सांसद सुब्रिमनियन स्वामी के कारण फाइल हो पाई है जिसने सुनंदा पुष्कर मामले में SIT और सीबीआई की जांच की मांग की थी.
6. सुब्रिमनियन स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था जब दिल्ली हाईकोर्ट से इस मामले में कोई राहत नहीं मिली थी.
7. सुब्रिमनियन स्वामी अभी भी इसे एक कत्ल मान रहे हैं.
8. इस मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होनी है.
9. शशि थरूर ने ट्वीट कर इसके बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है.
10. दिल्ली पुलिस के पीआरओ का कहना है कि अभी जो रिपोर्ट पेश की गई है उसमें पूरी डिटेल्स नहीं दी जा सकती हैं, लेकिन कुछ दिन रुकना होगा और फिर आने वाले समय में इस मामले की और बातें उजागर हो सकती हैं. अब देखना ये है कि क्या वाकई सुनंदा पुष्कर की मौत की गुत्थी सुलझेगी?
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