बेवफाई अब भारत में अपराध नहीं है. लेकिन जब अपराध था तो भी लोगों की बेवफाइयों के किस्से आम थे. इसलिए ये कहने में संकोच नहीं होना चाहिए कि लोग बेवफा होते हैं. लेकिन अगर कोई व्यक्ति विवाहित है या फिर कमिटिड रिलेशनशिप में है तो क्या वो रिश्ता धोखे पर टिका रह सकता है?
हाल ही में health testing centers ने 18 से 70 साल की उम्र के 441 लोगों पर एक सर्वे किया गया जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. सर्वे में पाया गया कि हम में से आधे लोग यानी 46.1 प्रतिशत लोग धोखा देते हैं. और धोखेबाज लोगों में 4 में से केवल 1 वास्तव में अपने साथी के सामने अपने गुनाह कबूल करता है.
बात जब बेवफाई की हो रही है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो शादीशुदा हैं या कमिटेड रिल्शनशिप में, क्योंकि बेफाई तो बेवफाई होती है. और हां इस मामले में कोई भी कम नहीं है. यानी स्त्री और पुरुष दोनों एकसमान हैं.
बेवफाई करने के बाद उसे कबूलना सबसे मुशकिल
अपने साथी को अपनी बेवफाई के बारे में बताना कोई छोटी बात नहीं है. ये महिला और पुरुष दोनों के लिए बहुत मुश्किल होता है. करीब आधे लोगों (52.4 प्रतिशत) ने माना कि उन्होंने एक ही सप्ताह के अंदर अपने साथी को अपनी बेवफाई के बारे में बता दिया था. एक तिहाई से भी कम यानी 29.2 प्रतिशत विवाहित लोगों ने भी यही कहा.
बेवफाई करने वाले करीब आधे यानी 47.9 प्रतिशत विवाहित लोगों ने माना कि उन्हें अपने साथी से इस बात को कबूल करने में 6 महीने या इससे ज्यादा का समय लगा था. जबकि रिलेशनशिप में केवल 20.4 प्रतिशत लोगों ने ऐसा कहा.
बेवफाई क्यों कबूल करते हैं लोग
ये मुश्किल काम है लेकिन ऐसा क्या है कि लोग इसके बारे...
बेवफाई अब भारत में अपराध नहीं है. लेकिन जब अपराध था तो भी लोगों की बेवफाइयों के किस्से आम थे. इसलिए ये कहने में संकोच नहीं होना चाहिए कि लोग बेवफा होते हैं. लेकिन अगर कोई व्यक्ति विवाहित है या फिर कमिटिड रिलेशनशिप में है तो क्या वो रिश्ता धोखे पर टिका रह सकता है?
हाल ही में health testing centers ने 18 से 70 साल की उम्र के 441 लोगों पर एक सर्वे किया गया जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. सर्वे में पाया गया कि हम में से आधे लोग यानी 46.1 प्रतिशत लोग धोखा देते हैं. और धोखेबाज लोगों में 4 में से केवल 1 वास्तव में अपने साथी के सामने अपने गुनाह कबूल करता है.
बात जब बेवफाई की हो रही है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो शादीशुदा हैं या कमिटेड रिल्शनशिप में, क्योंकि बेफाई तो बेवफाई होती है. और हां इस मामले में कोई भी कम नहीं है. यानी स्त्री और पुरुष दोनों एकसमान हैं.
बेवफाई करने के बाद उसे कबूलना सबसे मुशकिल
अपने साथी को अपनी बेवफाई के बारे में बताना कोई छोटी बात नहीं है. ये महिला और पुरुष दोनों के लिए बहुत मुश्किल होता है. करीब आधे लोगों (52.4 प्रतिशत) ने माना कि उन्होंने एक ही सप्ताह के अंदर अपने साथी को अपनी बेवफाई के बारे में बता दिया था. एक तिहाई से भी कम यानी 29.2 प्रतिशत विवाहित लोगों ने भी यही कहा.
बेवफाई करने वाले करीब आधे यानी 47.9 प्रतिशत विवाहित लोगों ने माना कि उन्हें अपने साथी से इस बात को कबूल करने में 6 महीने या इससे ज्यादा का समय लगा था. जबकि रिलेशनशिप में केवल 20.4 प्रतिशत लोगों ने ऐसा कहा.
बेवफाई क्यों कबूल करते हैं लोग
ये मुश्किल काम है लेकिन ऐसा क्या है कि लोग इसके बारे में अपने साथी को बता देता हैं. इसे कबूल करने के कारण सबके अलग-अलग हैं.
47 प्रतिशत लोगों ने अपने साथी के साथ अपने संबंध के बारे में कबूल किया क्योंकि उन्हें अपराध बोध महसूस हुआ. 39.8 प्रतिशत ने कहा कि वो दुखी थे और 38.6 प्रतिशत ने सच इसलिए बोला क्योंकि उन्हें लगा कि उनके साथी को ये जानने का अधिकार है.
शोध ये बताता है कि पुरुषों ने अपनी बेवफाई इसलिए कबूल की क्योंकि उन्हें अपराध बोध था. जबकि महिलाओं ने इसलिए क्योंकि वो रिश्ते से बाहर होना चाहती थीं.
शादीशुदा और रिलेशनशिप में अलग अलग परिणाम सामने आए. केवल एक चौथाई विवाहित लोगों ने अपराध बोध की वजह से बताया था, जबकि रिलेशनशिप में ये 53 प्रतिशत था.
बेवफाई कबूल करने के बाद क्या
शोध के मुताबिक आधे से ज्यादा यानी 54.5 प्रतिशत रिश्ते बेवफाई कबूल करने के तुरंत बाद खत्म हो गए. और केवल 30 प्रतिशत लोगों ने कबूलनामे के बाद भी रिश्ता बचाने की कोशिश की, हालांकि वो भी बाद में टूट गए. लेकिन 15.6 प्रतिशत इसके बाद भी साथ रहे.
अपने साथी की बेवफाई जान लेने के बाद भी रिश्ते को बरकरार रखने वालों में विवाहित ज्यादा थे. ये शोध ये भी बताता है कि विवाहित जोड़े बेवफाई की घटना के बाद अपने रिश्ते को बचाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. लगभग एक चौथाई विवाहित जोड़ों (23.6 प्रतिशत) ने अपने रिश्ते को एक और कोशिश देने का फैसला किया जबकि कमिटिड लोगों में से केवल 13.6 प्रतिशत जोड़ों ने ये कोशिश की.
महिला और पुरुष का रवैया अलग
बेवफाई कबूल कर लेने के बाद 20 प्रतिशत बेवफा महिलाएं अपने रिश्ते में रहीं, जबकि ऐसा करने वाले पुरुष केवल 10 प्रतिशत थे.
बेवफाई की बात सुनकर रिश्ता तोड़ देने वालों में महिलाएं ज्यादा थीं. 22 प्रतिशत बेवफा पुरुषों ने माना कि कबूल करने के तुरंत बाद ही उनके साथी ने रिश्ता तोड़ लिया था, जबकि ऐसे कहने वाली महिलाएं केवल 11 प्रतिशत थीं.
धोखा देने की प्रकृति भी बड़ी भूमिका निभाती है कि जोड़े कैसे इस स्थिति से निपटते हैं. लगभग 19.7 प्रतिशत जोड़ों ने one-night stand के मामले में एक साथ रहने का फैसला किया और अपने साथी के लंबे समय तक रहे अफेयर के बावजूद भी अलग न होने वाले 12.7 प्रतिशत जोड़े थे.
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