रेल यात्रा करने के दौरान चाय या कॉफी पीने का मन करे तो आप क्या करेंगे? जाहिर सी बात है कि आपको रेलवे की चाय या कॉफी ही पीनी होगी, क्योंकि वहां दूसरा तो कोई विकल्प मिलेगा नहीं. लेकिन इन दिनों इंटरनेट पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे एक बार देख लिया तो रेलवे की चाय या कॉफी पीना तो दूर, उसके बारे में सोचकर भी आपको उबकाई आने लगेगी. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि रेल यात्रियों को टॉयलेट के पानी की चाय और कॉफी दी जा रही है. यह वीडियो साउथ सेंट्रल रेलवे का है, जिसे पिछले साल दिसंबर में हैदराबाद चारमीनार एक्सप्रेस में सिंकराबाद रेलवे स्टेशन पर कैमरे में कैद किया गया था. आगे बढ़ने से पहले एक बार देखिए इंटरनेट पर वायरल हो रहा इसका वीडियो.
Never drink Tea, coffee & soups in Trains ..Tea sellers using toilet water ????????????Watch live video &Share This to all. #IRCTC authorities must take Strict action against guilty @Central_Railway @WesternRly pic.twitter.com/Bfmq7rCwcT
— ℍ ᴜ ɴ ᴛ ᴇ ʀ™ (@TheHunteR_VJ) May 2, 2018
टॉयलेट से लिया जा रहा पेंट्रीकार का काम
बात चाय या कॉफी बनाने की हो या फिर खाना बनाने की, रेलवे में इन सब कामों के लिए पेंट्रीकार होती है. पेंट्रीकार से ही खाने-पीने की सारी चीजें ग्राहकों को मुहैया कराई जाती हैं. लेकिन रेलवे शायद बिना जांचे-परखे ही खाने-पीने की चीजें मुहैया कराने के लिए वेंडर्स को कॉन्ट्रैक्ट देने में लगा हुआ है. तभी तो, जो काम...
रेल यात्रा करने के दौरान चाय या कॉफी पीने का मन करे तो आप क्या करेंगे? जाहिर सी बात है कि आपको रेलवे की चाय या कॉफी ही पीनी होगी, क्योंकि वहां दूसरा तो कोई विकल्प मिलेगा नहीं. लेकिन इन दिनों इंटरनेट पर एक ऐसा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे एक बार देख लिया तो रेलवे की चाय या कॉफी पीना तो दूर, उसके बारे में सोचकर भी आपको उबकाई आने लगेगी. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि रेल यात्रियों को टॉयलेट के पानी की चाय और कॉफी दी जा रही है. यह वीडियो साउथ सेंट्रल रेलवे का है, जिसे पिछले साल दिसंबर में हैदराबाद चारमीनार एक्सप्रेस में सिंकराबाद रेलवे स्टेशन पर कैमरे में कैद किया गया था. आगे बढ़ने से पहले एक बार देखिए इंटरनेट पर वायरल हो रहा इसका वीडियो.
Never drink Tea, coffee & soups in Trains ..Tea sellers using toilet water ????????????Watch live video &Share This to all. #IRCTC authorities must take Strict action against guilty @Central_Railway @WesternRly pic.twitter.com/Bfmq7rCwcT
— ℍ ᴜ ɴ ᴛ ᴇ ʀ™ (@TheHunteR_VJ) May 2, 2018
टॉयलेट से लिया जा रहा पेंट्रीकार का काम
बात चाय या कॉफी बनाने की हो या फिर खाना बनाने की, रेलवे में इन सब कामों के लिए पेंट्रीकार होती है. पेंट्रीकार से ही खाने-पीने की सारी चीजें ग्राहकों को मुहैया कराई जाती हैं. लेकिन रेलवे शायद बिना जांचे-परखे ही खाने-पीने की चीजें मुहैया कराने के लिए वेंडर्स को कॉन्ट्रैक्ट देने में लगा हुआ है. तभी तो, जो काम पेंट्रीकार के अंदर होना चाहिए, वो रेलवे के टॉयलेट में किया जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि टॉयलेट के अंदर से एक शख्स चाय-कॉफी देने वाले डिब्बे यानी कैन भरता है और अन्य साथियों को देता है. अब अंदर उसने डिब्बे में टॉयलेट की टंकी से सिर्फ पानी भरा या उसमें और भी कुछ मिला दिया, ये कहा नहीं जा सकता. ये सब सोच कर भी इतना घिनौना लगता है, तो जरा सोचिए उस चाय या कॉफी को पीने की हिम्मत कोई कैसे जुटा पाएगा.
वेंडर पर रेलवे ने लगाया फाइन
वैसे तो रेलवे ने इस वीडियो के सामने आने के बाद उस वेंडिंग कॉन्ट्रैक्टर पर 1 लाख रुपए का फाइन लगाया है, लेकिन क्या ये इस समस्या का समाधान है? क्या रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि उनकी निगरानी के बावजूद ऐसा कैसे हो गया? क्या रेलवे किसी भी वेंडर को कोई कॉन्ट्रैक्ट देने से पहले कोई जांच-पड़ताल नहीं करती है? रेलवे की विश्वसनीयता पर तो अक्सर ही सवाल उठते रहे हैं और यह वीडियो भी वही काम कर रहा है. कुछ दिन पहले ही एक रेलवे में छाछ के कंटेनर में कीड़े भी पाए गए थे.
छाछ के कंटेनर में मिले कीड़े
शनिवार यानी 28 अप्रैल को भी रेलवे की लापरवाही उजागर हुई थी. महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन पर छाछ के एक कंटेनर में कीड़े मिलने की खबर आई थी. एक यात्री को छाछ पीने का मन हुआ तो वह रेलवे कैंटीन चला गया, लेकिन जब उसने देखा कि शीशे के छाछ वाले कंटेनर में कीड़े घूम रहे हैं तो उसके होश उड़ गए. यात्री ने उसकी एक तस्वीर खींच ली और पालघर स्टेशन मास्टर के पास एक शिकायत भी दर्ज कराई. रेलवे ने उस वेंडर पर लापरवाही के लिए 10,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि से ही आप समझ गए होंगे कि रेलवे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कितना तत्पर है. जिस वेंडर का लाइसेंस ही छीन लेना चाहिए था, उस पर सिर्फ 10,000 रुपए का जुर्माना लगाकर उसे छोड़ दिया.
कैग ने जुलाई 2017 में ट्रेन की पैंट्रीकार की हकीकत बयां करने वाली एक रिपोर्ट जारी की थी. उसके बाद रेलवे हरकत में आई थी और सुधार के वादे भी किए थे. कैग ने कहा था कि यात्रियों को बासी भोजन परोसा जाता है, टॉयलेट में सब्जी रखी जाती है, टॉयलेट के पानी से खाना पकाया जाता है, खाने की क्वालिटी बेहद घटिया होती है, खाने की चीजों पर मक्खियां और कीड़े घूमते रहते हैं, खाने को ढकने की सही व्यवस्था नहीं है, गाड़ियों में चूहे और कॉकरोच खुलेआम घूमते रहते हैं. लेकिन लगता है अब रेलवे उस रिपोर्ट को भूल चुका है. अब फिर से टॉयलेट का पानी इस्तेमाल होना शुरू हो गया है, खाना पकाने में नहीं तो चाय-कॉफी के लिए ही सही. चाय और कॉफी बनाने के लिए टॉयलेट के पानी का इस्तेमाल किए जाने वाला जो वीडियो इन दिनों इंटरनेट पर वायरल हो रही है, वह साफ दिखाता है कि रेलवे को किसी भी रिपोर्ट से कोई फर्क नहीं पड़ता है. अगर फर्क पड़ता तो नियमित जांच और निगरानी की जाती. रेलवे को चाहिए कि वह किसी भी वेंडर को लाइसेंस देने से पहले अच्छी तरह से जांच-पड़ताल कर ले, लेकिन भ्रष्टाचार और घूसखोरी के इस दौर में रेलवे ऐसा कर भी नहीं पा रहा है.
ये भी पढ़ें-
ट्रेन लेट होने के मामले में बिहार है फर्स्ट, गुजरात में टाइम से चलती है गाड़ी
मुंबई में पिछले साल 3,014 रेल यात्रियों की मौत से, क्यों हम देशवासियों को चिंतित होना चाहिए
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.