ऑफिस की दुनिया भी कुछ अजीब होती है. काम और प्रेशर के कारण ऑफिस में कई बार ऐसी हरकतें कर बैठते हैं लोग जो शायद नहीं करना चाहिए. कोई गलत ईमेल हो, कोई ईमेल मिस हो गया हो, किसी सीनियर के सामने कुछ गलत बोल बैठे हों या कोई हल्का-फुल्क मजाक कर दिया हो. छोटी-छोटी बातें भारी पड़ जाए तो आखिर क्या किया जाए? ऑफिस में क्या काम करें और क्या न करें इसका रूल मैनुअल तो HR वाले दे देते हैं. लेकिन आम तौर-तरीके कौन सिखाए? कुछ खास बातें हैं जो ऑफिस में करने से बचना चाहिए ..
1. अपने काम के लिए आप खुद जिम्मेदारी लें...
अगर कुछ अच्छा किया है तो क्रेडिट लेना बनता है, लेकिन अगर कुछ गलत हो गया है तो दोष देने के लिए किसी और को ढूंढना और किसी और की गलती निकालना सही तो नहीं. अगर अपने काम की जिम्मेदारी खुद नहीं ले सकते हैं तो यकीन मानिए अगर आप किसी की गलती निकालते हैं तो सामने वाले के पास भी आपकी गलतियों का पुलिंदा होता है. अगर खुद नहीं सामने लाएंगे तो कोई और ले आएगा.
2. काम के लिए इंतजार करना...
एक काम खत्म हो गया, समय से पहले असाइन्मेंट दे दिया, लेकिन फिर भी बैठे हुए हैं किसी न किसी तरह से काम के इंतजार में. बॉस खुद आए और आपको नया काम दे... ऐसा तो नहीं होना चाहिए. अगर समय से पहले कोई असाइन्मेंट खत्म हो गया है तो थोड़ा रुकिए और खुद काम मांगिए... इससे ये साबित होता है कि कर्मचारी जिम्मेदारी लेने के काबिल है.
3. बॉस को हमेशा CC में रखना...
हर ईमेल में, किसी छोटी से छोटी बात पर बॉस को हमेशा सीसी में रखना यानि मेल की एक कॉपी भेजना जरूरी नहीं है. अक्सर ये नए कर्मचारियों के साथ होता है. लेकिन अगर कोई कर्मचारी पुराना हो गया है फिर भी इस तरह का काम कर रहा है तो इससे ये जाहिर होता है कि वो अपने साथी कर्मचारियों और...
ऑफिस की दुनिया भी कुछ अजीब होती है. काम और प्रेशर के कारण ऑफिस में कई बार ऐसी हरकतें कर बैठते हैं लोग जो शायद नहीं करना चाहिए. कोई गलत ईमेल हो, कोई ईमेल मिस हो गया हो, किसी सीनियर के सामने कुछ गलत बोल बैठे हों या कोई हल्का-फुल्क मजाक कर दिया हो. छोटी-छोटी बातें भारी पड़ जाए तो आखिर क्या किया जाए? ऑफिस में क्या काम करें और क्या न करें इसका रूल मैनुअल तो HR वाले दे देते हैं. लेकिन आम तौर-तरीके कौन सिखाए? कुछ खास बातें हैं जो ऑफिस में करने से बचना चाहिए ..
1. अपने काम के लिए आप खुद जिम्मेदारी लें...
अगर कुछ अच्छा किया है तो क्रेडिट लेना बनता है, लेकिन अगर कुछ गलत हो गया है तो दोष देने के लिए किसी और को ढूंढना और किसी और की गलती निकालना सही तो नहीं. अगर अपने काम की जिम्मेदारी खुद नहीं ले सकते हैं तो यकीन मानिए अगर आप किसी की गलती निकालते हैं तो सामने वाले के पास भी आपकी गलतियों का पुलिंदा होता है. अगर खुद नहीं सामने लाएंगे तो कोई और ले आएगा.
2. काम के लिए इंतजार करना...
एक काम खत्म हो गया, समय से पहले असाइन्मेंट दे दिया, लेकिन फिर भी बैठे हुए हैं किसी न किसी तरह से काम के इंतजार में. बॉस खुद आए और आपको नया काम दे... ऐसा तो नहीं होना चाहिए. अगर समय से पहले कोई असाइन्मेंट खत्म हो गया है तो थोड़ा रुकिए और खुद काम मांगिए... इससे ये साबित होता है कि कर्मचारी जिम्मेदारी लेने के काबिल है.
3. बॉस को हमेशा CC में रखना...
हर ईमेल में, किसी छोटी से छोटी बात पर बॉस को हमेशा सीसी में रखना यानि मेल की एक कॉपी भेजना जरूरी नहीं है. अक्सर ये नए कर्मचारियों के साथ होता है. लेकिन अगर कोई कर्मचारी पुराना हो गया है फिर भी इस तरह का काम कर रहा है तो इससे ये जाहिर होता है कि वो अपने साथी कर्मचारियों और दूसरे डिपार्टमेंट पर पूरी तरह से भरोसा नहीं करता है. ये मैनेजमेंट को गलत तरह का मैसेज देता है. साथ ही इससे ये भी जाहिर होता है कि जो कर्मचारी ये मेल कर रहा है वो लीडरशिप लेने के लिए तैयार नहीं है.
4. सोशियलाइजिंग में जरूरत से ज्यादा समय देना...
चाहें सोशल मीडिया पर बहुत सारा समय बिताना हो या फिर चाय-सुट्टा ब्रेक हो या फिर दूसरे कर्मचारियों से बहुत सारी बातें करनी हों. बॉस की नजर हर बात पर रहती है .. भले ही वो कहे या न कहे... सोशियलाइजिंग जरूरी है, लेकिन ऑफिस के वक्त में जरूरत से ज्यादा सोशल हो जाना यकीनन सही नहीं है. कई लोग सोशियलाइजिंग के समय गॉसिप को भी अहमियत देते हैं ऐसे में कॉर्पोरेट लाइफ में ज्यादा तरक्की की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए.
5. किसी काम के लिए मना करना...
ये कहना कि ये मेरा काम नहीं है एक अच्छी प्रैक्टिस नहीं मानी जा सकती है. अगर बॉस या कोई और डिपार्टमेंट का कर्मचारी आपके पास कोई काम लेकर आया है तो उसे हमेशा मना नहीं करना चाहिए. भले ही वो आपकी एक्सपर्टीज न हो लेकिन अगर आपको वो काम आता है तो उसे करना चाहिए.
6. ईमेल का मायाजाल न समझना..
कॉर्पोरेट दुनिया में ईमेल बहुत अहमियत रहता है. अगर किसी वजह से कोई ईमेल मिस हो जाए तो इसे हर तरह से गलत ही माना जाता है. किसी ईमेल का रिप्लाई न करना या देर से रिप्लाई करना भी गलत माना जाता है.
7. बिना प्लानिंग कोई काम करना...
अगर किसी के पास एक बार में 6 असाइन्मेंट भी हैं तो भी उसमें जरूरत से ज्यादा समय लगाना कॉर्पोरेट दुनिया में सही नहीं है. बिना प्लानिंग के कोई प्रेजेंटेशन देना या फिर हर वक्त देर तक ऑफिस में रहना और ये रट लगाए रखना कि आपके पास तो बहुत सारा काम है ये सही नहीं है. ऑफिस के किसी भी काम में अगर बिना प्लानिंग के हाथ डाला जाएगा तो इसके गलत होने के चांस काफी बढ़ जाते हैं.
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