फ्लाइट का सफर कई लोगों के लिए बेहद रोमांचक हो सकता है. पहली बार ट्रैवल करने वालों के लिए तो बादल देखना और फोटो खींचना भी बहुत आकर्षक होता है. पर कई बार लोग एक्साइटमेंट में कुछ जरूरी चीज़ें भूल जाते हैं या उन्हें पता नहीं होती जिनके कारण नुकसान न सही पर कुछ असुविधा जरूर हो सकती है. ऐसे में प्लेन में बोर्डिंग करने से पहले और उतरने से पहले क्या करना चाहिए?
क्या करें फ्लाइट में चढ़ने से पहले-
1. पहले ध्यान दें दि प्लेन में क्या-क्या मिल सकता है..
ये देखने में बहुत अजीब लग रहा है पर ये टिप बहुत काम की साबित हो सकती है. एक उदाहरण बताती हूं. एयर एशिया X यानी एयर एशिया की एक्स्ट्रा लॉन्ग फ्लाइट जो अक्सर इंटरनेशनल होती है वो केबिन बैगेज के लिए तो पैसे नहीं लेती, लेकिन अगर लगेज को चेक इन करना है तो एक्स्ट्रा चुकाना होता है. केबिन 7 किलो लगेज ही फ्री होता है, इसके अलावा अगर 5 घंटे की फ्लाइट भी है तो भी वहां पानी तक खरीदना पड़ेगा (अगर आपकी टिकट में पहले से ही नहीं जोड़ा गया है तो) ऐसे में एयर एशिया की फ्लाइट का अनुभव काफी खराब हो सकता है, लेकिन दूसरी तरफ देखें तो ये फ्लाइट आपके हज़ारों रुपए बचा सकती है. बस पानी और कुछ स्नैक्स लेकर जाएं. लगेज भी पहले से अगर बुक करवा दिया गया तो 50% कम दाम में चेकइन हो जाएगा. ऐसे ही लगभग हर एयरलाइन के अपने अलग नियम होते हैं और भले ही कस्टमर किसी भी एयरलाइन से सफर कर रहा हो एक बार प्लेन की जानकारी ले लेनी चाहिए.
2. ज्यादा सामान बाहर न निकालें...
अधिकतर लोग ये ध्यान नहीं रखते और अपना सामान बोर्डिंग के बाद ही निकालने लगते हैं. ऐसे में जब टेकऑफ या लैंडिंग होगी या फिर प्लेन में टर्बुलेंस...
फ्लाइट का सफर कई लोगों के लिए बेहद रोमांचक हो सकता है. पहली बार ट्रैवल करने वालों के लिए तो बादल देखना और फोटो खींचना भी बहुत आकर्षक होता है. पर कई बार लोग एक्साइटमेंट में कुछ जरूरी चीज़ें भूल जाते हैं या उन्हें पता नहीं होती जिनके कारण नुकसान न सही पर कुछ असुविधा जरूर हो सकती है. ऐसे में प्लेन में बोर्डिंग करने से पहले और उतरने से पहले क्या करना चाहिए?
क्या करें फ्लाइट में चढ़ने से पहले-
1. पहले ध्यान दें दि प्लेन में क्या-क्या मिल सकता है..
ये देखने में बहुत अजीब लग रहा है पर ये टिप बहुत काम की साबित हो सकती है. एक उदाहरण बताती हूं. एयर एशिया X यानी एयर एशिया की एक्स्ट्रा लॉन्ग फ्लाइट जो अक्सर इंटरनेशनल होती है वो केबिन बैगेज के लिए तो पैसे नहीं लेती, लेकिन अगर लगेज को चेक इन करना है तो एक्स्ट्रा चुकाना होता है. केबिन 7 किलो लगेज ही फ्री होता है, इसके अलावा अगर 5 घंटे की फ्लाइट भी है तो भी वहां पानी तक खरीदना पड़ेगा (अगर आपकी टिकट में पहले से ही नहीं जोड़ा गया है तो) ऐसे में एयर एशिया की फ्लाइट का अनुभव काफी खराब हो सकता है, लेकिन दूसरी तरफ देखें तो ये फ्लाइट आपके हज़ारों रुपए बचा सकती है. बस पानी और कुछ स्नैक्स लेकर जाएं. लगेज भी पहले से अगर बुक करवा दिया गया तो 50% कम दाम में चेकइन हो जाएगा. ऐसे ही लगभग हर एयरलाइन के अपने अलग नियम होते हैं और भले ही कस्टमर किसी भी एयरलाइन से सफर कर रहा हो एक बार प्लेन की जानकारी ले लेनी चाहिए.
2. ज्यादा सामान बाहर न निकालें...
अधिकतर लोग ये ध्यान नहीं रखते और अपना सामान बोर्डिंग के बाद ही निकालने लगते हैं. ऐसे में जब टेकऑफ या लैंडिंग होगी या फिर प्लेन में टर्बुलेंस होगा और सामने वाली टेबल को बंद करने को कहा जाएगा तो समस्या होगी. इससे बेहतर ये है कि जितनी जरूरत हो उतना ही सामान निकालें. टर्बुलेंस के समय भी सामान गिरने की गुंजाइश ज्यादा रहती है. प्लेन में सिर्फ उतना ही सामान बाहर निकालें जितना जरूरी हो. हेडफोन से लेकर चश्मे के केस तक सब कुछ ऊपर रखने की जरूरत नहीं.
3. फ्लाइट में पानी बोतल वाला ही पिएं..
एक अच्छा तरीका ये होता है कि फ्लाइट में बैठने से पहले थोड़ा पानी पी लें क्योंकि टेकऑफ के समय कई लोगों को गला सूखने की शिकायत होती है और टेकऑफ के समय काफी देर तक पानी नहीं मिलेगा. दूसरी बात ये कि प्लेन के अंदर पानी सिर्फ बोतल वाली बॉटल का ही पिएं. कारण ये है कि प्लेन में जो टैप वॉटर होता है वो न तो सुरक्षित होता है और न ही प्लेन का वॉटर टैंक साफ होता है. वैसे कई लोग ये करते हैं और कई बार एयरहोस्टेस डिस्पोजल ग्लास में ही पानी देती है लेकिन आप चाहें तो उससे पानी की बोतल मांग सकते हैं या खुद पानी ले जा सकते हैं.
4. मौसम की जांच..
यहां उस मौसम की बात नहीं हो रही जो आपकी जगह पर है बल्कि उसकी बात हो रही है जहां आप लैंड करने वाले हैं. इसकी समस्या अक्सर उन लोगों को होती है जो छुट्टियां मनाने जाते हैं. मान लीजिए मैं दिल्ली से यूरोप की यात्रा कर रही हूं और मैंने अपने चेकइन बैगेज में तो ठंड के कपड़े रख लिए हैं, लेकिन एयरपोर्ट लुक के चक्कर में दिल्ली से कुछ ले जाना भूल गई हूं. यूरोप में लैंड करते ही मुझे कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा.
5. कान दर्द की दवाई...
अगर आप पहली बार हवाई यात्रा कर रहे हैं, या पहले भी कर चुके हैं तो भी ये संभव है कि आपके कान में दर्द हो. इसे 'एरोप्लेन इयर' भी कहा जाता है. कई लोगों को प्रेशर के कारण कान में दर्द होता है. ऐसा भी हो सकता है कि आपको न हो, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि सफर बेहद दर्दनाक बन जाए. इसके लिए कुछ एक्सरसाइज काम आती हैं.
अगर ये नहीं काम आती तो बेहतर होगा कि एयरपोर्ट से ही इसके लिए कोई दवाई लेकर जाएं. इसकी जानकारी एयरपोर्ट पर मौजूद केमिस्ट दे सकता है और ये बहुत फायदेमंद रहेंगी उन लोगों के लिए जिन्हें परेशानी होती है.
क्या करें उतरने से पहले-
1. लैंडिंग के कुछ समय पहले सीट से उठकर पैरों को आराम दें..
मैं ये नहीं कह रही कि पूरी फ्लाइट में घूमते फिरें, लेकिन लंबी फ्लाइट में पूरे समय फ्लाइट में बैठना खतरनाक हो सकता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि किसी को डीप वेन थ्रोम्बोसिस (deep vein thrombosis (DVT)) की समस्या हो सकती है. ये ऐसी समस्या है जिसमें पैरों में ब्लड क्लॉट बन जाते हैं. इसे कई लोग इकोनॉमी क्लास सिंड्रोम भी कहते हैं. कम जगह पर पैर होने के कारण उनमें ऐसी समस्या आ जाती है. इसीलिए ये भी कहा जाता है कि फ्लाइट के समय टाइट कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इसके अलावा, लैंडिंग के लिए तैयारी हो उससे पहले भले ही वॉशरूम तक हो आएं, लेकिन एक बार सीट से उठकर चलने की कोशिश जरूर करें.
2. फोन को एयरप्लेन मोड से हटा लें-
जितना जरूरी फोन को एयरप्लेन मोड में डालना है उतना ही जरूरी है उसे एयरप्लेन मोड से हटाना. कई बार ऐसा होता है लैंडिंग के बाद बहुत देर तक फोन में सिग्नल नहीं आते या फोन रीबूट होने में समय लगा देता है. ये खासतौर पर विदेशों में होता है ऐसे में एयरपोर्ट के बाहर निकलने का इंतजार न करें.
3. उतरने से पहले ही जांच ले इंस्ट्रक्शन-
ये उन लोगों के लिए है जो विदेश यात्रा पर जा रहे हैं. हर देश के अलग नियम होते हैं और कई बार जल्दी-जल्दी में आप वहां के एयरपोर्ट नियम देखना भूल जाते हैं. जैसे कई एयरपोर्ट्स आपसे एक डिक्लेरेशन फॉर्म पर साइन करवाते हैं (ये कस्टम और वीजा चेक के अलावा होता है) इसके बारे में जानकारी नहीं हुई तो बहुत समय लग सकता है.
4. हड़बड़ी न करें-
फ्लाइट लैंड होने के बाद अक्सर देखा गया है कि लोग अपने सामान के लिए हड़बड़ी करने लगते हैं और खड़े हो जाते हैं, उन्हें प्लेन से निकलने की जल्दी भले ही होती हो, लेकिन यकीन मानिए न तो प्लेन आपको छोड़कर जाएगा और न ही आपके खड़े हो जाने से आप जल्दी निकल पाएंगे. लाइन में लगने से बेहतर है थोड़ी भीड़ छंटने दें और उसके बाद प्लेन से उतरें.
5. कॉकपिट का टूर..
ये सुविधा हर फ्लाइट में नहीं होती, लेकिन कई फ्लाइट्स (खास कर बड़ी एयरलाइन्स) जैसे थॉमस कुक एयरलाइन्स आदि ये सुविधा देती हैं और डोमेस्टिक में तो नहीं पर इंटरनेशन फ्लाइट्स में आप इस बारे में पहले स्टाफ से पता कर सकते हैं. हालांकि, 9/11 के बाद अधिकतर फ्लाइट्स ने ये सुविधा बंद कर दी थी, लेकिन फिर भी एक बार स्टाफ से पूछा जा सकता है इसके बारे में. प्लेन की टेल या कॉकपिट का मुआयना किया जा सकता है.
अक्टूबर 2017 में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक छोटा बच्चा कॉकपिट में था. हालांकि, इसके लिए पहले से परमीशन लेनी होती है, लेकिन फिर भी पता करना क्या गलत है?
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