अगर आपसे पूछा जाए कि मां और पापा की तुलना में आप किसके सबसे ज्यादा करीब हैं तो आपका जवाब क्या होगा?
फादर्स डे को लेकर कई बातें कही और सुनी जाती हैं, गिफ्ट लिए जाते हैं, लेकिन हम आपको कुछ ऐसी कहानियां बता रहे हैं जिन्हें सुनकर आपको भी शायद अपने पिता से जुड़ा कोई ना कोई किस्सा जरूर याद आ जाएगा!
1. हमेशा सबसे पहले बच्चे...
भारत में एंट्रेंस एग्जाम का प्रेशर बच्चों के साथ-साथ माता-पिता को भी उतना ही रहता है. IIT JEE की परीक्षा दे रहे सार्थक मिश्रा के दो पेपर के बीच में दो घंटे की छुट्टी थी. सार्थक ने सोचा गर्मी के समय 45 डिग्री में बाहर इंतजार करने से बेहतर कार में ही बैठा जाए कम से कम एसी कुछ तो काम करेगा, लेकिन जैसे ही 9 से 12 वाला पेपर खत्म हुआ उसके पापा उसे परीक्षा सेंटर के पास वाले 5 स्टार होटल में ले गए.
सार्थक ने ना कभी ऐसा होटल देखा था और ना उसके पिता की सैलरी इतनी थी की वो इसे अफोर्ड कर पाएं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी महीने भर की तनख्वाह का 10% हिस्सा होटल के किराए में खर्च कर दिया. सार्थक के पिता ने ऐसा सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उनका बेटा थक ना जाए और आराम कर सके.
2. हमेशा करते हैं चिंता...
एक पिता ने अपने यूपीएससी क्लियर करने वाले बेटे से कहा कि वो बैंक अकाउंट खुलवा ले. बेटे ने कहा कि तन्खवाह के लिए वैसे भी अकाउंट खुलवाया जाएगा. पिता ने कहा कि सैलरी अकाउंट को मत इस्तेमाल करना. वो खुद खर्च के लिए दूसरे अकाउंट में पैसे डलवाएंगे. इस किस्से को बताने वाले इशान प्रताप सिंह लिखते हैं कि भारतीय पिता हमेशा अपने बच्चों की चिंता करते रहते हैं चाहें वो कितने भी बूढ़े क्यों ना हो...
अगर आपसे पूछा जाए कि मां और पापा की तुलना में आप किसके सबसे ज्यादा करीब हैं तो आपका जवाब क्या होगा?
फादर्स डे को लेकर कई बातें कही और सुनी जाती हैं, गिफ्ट लिए जाते हैं, लेकिन हम आपको कुछ ऐसी कहानियां बता रहे हैं जिन्हें सुनकर आपको भी शायद अपने पिता से जुड़ा कोई ना कोई किस्सा जरूर याद आ जाएगा!
1. हमेशा सबसे पहले बच्चे...
भारत में एंट्रेंस एग्जाम का प्रेशर बच्चों के साथ-साथ माता-पिता को भी उतना ही रहता है. IIT JEE की परीक्षा दे रहे सार्थक मिश्रा के दो पेपर के बीच में दो घंटे की छुट्टी थी. सार्थक ने सोचा गर्मी के समय 45 डिग्री में बाहर इंतजार करने से बेहतर कार में ही बैठा जाए कम से कम एसी कुछ तो काम करेगा, लेकिन जैसे ही 9 से 12 वाला पेपर खत्म हुआ उसके पापा उसे परीक्षा सेंटर के पास वाले 5 स्टार होटल में ले गए.
सार्थक ने ना कभी ऐसा होटल देखा था और ना उसके पिता की सैलरी इतनी थी की वो इसे अफोर्ड कर पाएं, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी महीने भर की तनख्वाह का 10% हिस्सा होटल के किराए में खर्च कर दिया. सार्थक के पिता ने ऐसा सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उनका बेटा थक ना जाए और आराम कर सके.
2. हमेशा करते हैं चिंता...
एक पिता ने अपने यूपीएससी क्लियर करने वाले बेटे से कहा कि वो बैंक अकाउंट खुलवा ले. बेटे ने कहा कि तन्खवाह के लिए वैसे भी अकाउंट खुलवाया जाएगा. पिता ने कहा कि सैलरी अकाउंट को मत इस्तेमाल करना. वो खुद खर्च के लिए दूसरे अकाउंट में पैसे डलवाएंगे. इस किस्से को बताने वाले इशान प्रताप सिंह लिखते हैं कि भारतीय पिता हमेशा अपने बच्चों की चिंता करते रहते हैं चाहें वो कितने भी बूढ़े क्यों ना हो जाएं.
3. जो बच्चों के लिए बेस्ट वो पापा के लिए बेस्ट...
व्रज पटेल अपने जन्मदिन के लिए काफी उत्साहित थे. जब मां ने व्रज के पिता से पूछा कि उन्हें डिनर के लिए कहां जाना है तो पिता ने शांती से कहा साउथ कॉर्नर व्रजु को डोसा पसंद है. कुछ समय बाद पिता के बर्थडे पर मां ने फिर वही सवाल किया तो जवाब था साउथ कॉर्नर व्रजु को डोसा पसंद है. यही तो होता है बच्चों की खुशी के लिए पिता हमेशा सब कुछ पीछे छोड़ देते हैं.
4. इतनी चिंता सिर्फ वही कर सकते हैं...
जेसन ने अपने पिता से 1000 रुपए मांगे, उसके पिता ने दूसरे दिन 3000 रुपए डलवा दिए. कुछ दिनों बाद जेसन को घर आना था. उसकी बस 3 बजे सुबह आने वाली थी तो उसने पहले ही पिता को कह रखा था कि वो चिंता ना करें और सो जाएं. जैसे ही जेसन घर में दाखिल हुआ वैसे ही उसके पिता सोफे से उठ खड़े हुए. हाथ में टॉर्च लिए सोफे पर बैठे-बैठे उन्हें नींद लग गई थी. सुबह 4 बजे जेसन के कमरे में आकर उसका कंबल ठीक कर फिर अपनी मॉर्निंग वॉक के लिए निकल गए.
5. बच्चों जैसी शरारत...
रोहन को होली बहुत पसंद थी. उस दिन सुबह 5 बजे उठकर 6-7 बजे तक गुब्बारों में रंग और पानी भर कर तैयार कर लिया था रोहन ने. सुबह बालकनी में जाकर उसने देखा कि एक महिला गुजर रही है. बस फिर क्या था 8-10 गुब्बारे दनादन मार दिए. महिला को गुस्सा आ गया और उसने चिल्लाना और गालियां देना शुरू कर दिया. रोहन तो छुप गया, लेकिन बेचारे पापा जो बालकनी में क्या माजरा है वो देखने गए थे उन्हें महिला ने लपेटे में ले लिया. महिला को लगा कि रोहन के पिता ने गुब्बारे मारे हैं. पिता को बुरा-भला कहना शुरू कर दिया. रोहन भी चुप हो गया जाकर छुप गया. बड़ी देर बाद पड़ोसियों के कहने पर महिला मानी कि ये किसी बच्चे का काम था. जब पिता जी अंदर आए तो रोहन को लगा कि आज उसकी खैर नहीं फिर?? फिर पापा ने रोहन से कहा 'मैंने तो एक ही मारा था, तुमने इतने क्यों मार दिए..' उस दिन रोहन और उसके पापा का रिश्ता दोस्तों वाला बन गया.
ये सभी कहानियां Quora वेबसाइट से ली गई हैं. पिता और बच्चों का एक अनोखा रिश्ता होता है. यही रिश्ता मजबूत बनाएं और फादर्स डे पर अपने पिता के लिए कुछ अनोखा करें.
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इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.