जुड़वां क्या होते हैं ये तो सभी जानते हैं. जो दो बच्चे एकसाथ जन्म लेते हैं उन्हें जुड़वां या twins कहते हैं. इसी तरह एक साथ तीन बच्चों के जन्म को triplets कहते हैं. अब इस तस्वीर को देखिए. इसके बारे में हम जो बताने जा रहे हैं उसपर शायद आप यकीन नहीं कर पाएंगे. इन तीनों बच्चों का जन्म एकसाथ होना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. लोगों की इच्छाओं की पराकाष्टा और विज्ञान का कमाल देखने लायक है.
इस तस्वीर में तीन बच्चे हैं. 7 साल का हूगो अपने छोटे भाई-बहन को हाथों में थामे हुए है. पर आपको आश्चर्य होगा ये जानकर कि ये तीनों triplets हैं.
यूं समझिए कि ईश्वर ने इन्हें 7 साल पहले एकसाथ बनाया था लेकिन तब सिर्फ हूगो ने जन्म लिया और अब सात साल के बाद उसके भाई-बहन ने एकसाथ जन्म लिया है. आखिर ये कैसे संभव है कि एक साथ गर्भधारण करने के बावजूद भी एक महिला ने पहले एक बच्चे को जन्म दिया और उसके 7 सालों के बाद बाकी दो को?
तो इसका जवाब बहुत आसान है. मेडिकल साइंस के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. इन तीनों बच्चों के जन्म की कहानी औरों से अलग और दिलचस्प है.
ब्रिटेन में रहने वाली 40 वर्षीय हेलेन बेकर इन बच्चों की मां है. उन्होंने अगस्त में दो जुड़वां बच्चों कोको और मोंटी को जन्म दिया. और इसके लिए उन्होंने उन्हीं निषेचित अंडों का इस्तेमाल किया जिनसे हूगो ने 2011 में जन्म लिया था.
दरअसल, हूगो के जन्म के पहले हेलेन बेकर काफी परेशानियों से गुजरी थीं....
जुड़वां क्या होते हैं ये तो सभी जानते हैं. जो दो बच्चे एकसाथ जन्म लेते हैं उन्हें जुड़वां या twins कहते हैं. इसी तरह एक साथ तीन बच्चों के जन्म को triplets कहते हैं. अब इस तस्वीर को देखिए. इसके बारे में हम जो बताने जा रहे हैं उसपर शायद आप यकीन नहीं कर पाएंगे. इन तीनों बच्चों का जन्म एकसाथ होना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. लोगों की इच्छाओं की पराकाष्टा और विज्ञान का कमाल देखने लायक है.
इस तस्वीर में तीन बच्चे हैं. 7 साल का हूगो अपने छोटे भाई-बहन को हाथों में थामे हुए है. पर आपको आश्चर्य होगा ये जानकर कि ये तीनों triplets हैं.
यूं समझिए कि ईश्वर ने इन्हें 7 साल पहले एकसाथ बनाया था लेकिन तब सिर्फ हूगो ने जन्म लिया और अब सात साल के बाद उसके भाई-बहन ने एकसाथ जन्म लिया है. आखिर ये कैसे संभव है कि एक साथ गर्भधारण करने के बावजूद भी एक महिला ने पहले एक बच्चे को जन्म दिया और उसके 7 सालों के बाद बाकी दो को?
तो इसका जवाब बहुत आसान है. मेडिकल साइंस के लिए कुछ भी असंभव नहीं है. इन तीनों बच्चों के जन्म की कहानी औरों से अलग और दिलचस्प है.
ब्रिटेन में रहने वाली 40 वर्षीय हेलेन बेकर इन बच्चों की मां है. उन्होंने अगस्त में दो जुड़वां बच्चों कोको और मोंटी को जन्म दिया. और इसके लिए उन्होंने उन्हीं निषेचित अंडों का इस्तेमाल किया जिनसे हूगो ने 2011 में जन्म लिया था.
दरअसल, हूगो के जन्म के पहले हेलेन बेकर काफी परेशानियों से गुजरी थीं. उन्होंने गर्भपात, एक एक्टॉपिक प्रेगनेंसी और एक सर्जरी झेली. वो आईवीएफ ट्रीटमेंट के कई राउंड से गुजरीं, जिसमें उन्हें अपना घर तक बेचना पड़ा था. तब कहीं जाकर उनका बेटा हूगो पैदा हुआ. अब 7 साल बाद हेलेन और उनके पति ने दोबारा फैमिली प्लानिंग के बारे में सोचा और उन्हीं भ्रूण का इस्तेमाल किया जिन्हें फ्रीज कर दिया गया था. जिनसे कोको और मोंटी ने जन्म लिया.
क्या होती है egg और embryo फ्रीजिंग-
egg फ्रीजिंग और embryo फ्रीजिंग दोनों एक ही तरीके से होती हैं- हार्मोन मेडिकेशन के साथ जिसके इंजेक्शन 8-12 दिनों के लिए दिए जाते हैं. ये कई अंडे पैदा करने के लिए अंडाशय को उत्तेजित करता है. (अंडों की अधिक संख्या इसलिए जरूरी है क्योंकि हर अंडे एक बच्चे को जन्म नहीं देगा. एक से अधिक अंडों को फ्रीज करने से डॉक्टर के लिए बाद में स्वस्थ अंडे खोजने की संभावना बढ़ जाती है. ज्यादा अंडे होंगे तो संभावनाएं भी ज्यादा होंगी.) इसके बाद अंडों को अंडाशय से निकाल लिया जाता है और लिक्विड नाइट्रोजन के साथ फ्रीज किया जाता है. तापमान इतना कम कर दिया जाता है कि सेल के अंदर होने वाली गतिविधियां यानी विकास, रुक जाता है. ऐसे समझें कि उसके लिए वक्त को वहीं रोक दिया जाता है. ये होती है egg फ्रीजिंग.
जब महिला मां बनना चाहती है तो इन फ्रीज किए गए अंडों को प्रयोगशाला में कल्चर डिश में शुक्राणुओं के साथ मिलाकर निषेचन के लिए रख दिया जाता है. प्रयोगशाला में इसे दो-तीन दिन के लिए रखा जाता है और इससे बने भ्रूण को वापस महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है. इसी को आईवीएफ कहा जाता है. लेकिन अगर इन भ्रूण को दोबारा फ्रीज कर दिया जाए तो उसे embryo फ्रीजिंग कहा जाता है. इस भ्रूण को भी इतने कम तापमान पर रखा जाता है कि उसका विकास वहीं रुक जाता है. इस भ्रूण के स्वास्थ्य का बराबर ध्यान रखा जाता है.
सही समय पर उत्पन्न किए गए अंडे स्वस्थ होते हैं, इसलिए वो महिलाएं जो किसी कारण से जल्दी मां नहीं बनना चाहतीं, अपने करियर में व्यसत हैं वो अपनी स्वस्थ आयु में अपने एग फ्रीज करवा लेती हैं और बाद में सही समय आने पर उन्हीं स्वस्थ अंडों का इस्तेमाल कर एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं.
कब तक फ्रीज किया जा सकता है
अगर भ्रूण को सही तरीके से सहेज कर रखा जाए, यानी तापमान और नाइट्रोजन का अच्छी तरह से ध्यान रखा जाए तो वो दशकों तक स्वस्थ बने रह सकते हैं. एक भ्रूण को 13 साल तक फ्रीज करने के बाद जन्म दिया गया था.
बच्चे को दुनिया में कब लाना है ये निर्णय माता-पिता ही लेते हैं. लेकिन कंसीव करने के बाद भी बच्चों को जन्म कब देना है ये भी माता पिता ही निश्चित करते हैं. फिर वो चाहे बच्चे को आज जन्म दें या 10 साल बाद ये उनकी मर्जी है. लेकिन इसके लिए विज्ञान किस तरह मदद करता है ये देखना और समझना काफी हैरान करने वाला है, क्योंकि यहां विज्ञान सीधे प्रकृति से टक्कर ले रहा होता है.
फिलहाल देखें उन बच्चों की तस्वीरें जो एक साथ कंसीव किए गए थे, लेकिन दुनिया में सालों के बाद आए.
ये भी पढ़ें-
IVF से जुड़ी हर झिझक तोड़ रही है ये वायरल तस्वीर
पुरुष में तेजी से गिरते स्पर्म काउंट
सेलिब्रिटी के हमशक्ल बच्चे की ख्वाहिश क्या महिलाओं की इतनी बड़ी कमजोरी है!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.