सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के इस दौर में आज हर कोई व्यस्त है. अगर आप कोई काम नहीं कर रहे हैं तो आप मोबाइल पर ही पाए जाते हैं. सोशल मीडिया पर बिजी होंगे तो कुछ फोन में गेम खेल रहे होंगे. मतलब खाली रहने का कोई चांस ही नहीं है.
गेम खेलना कोई बुरी आदत नहीं है, खासकर जब आपके पास कुछ करने को न हो तो अक्सर लोग गेम लगाकर बैठ जाते हैं. मूड भी फ्रेश हो जाता है और समय भी कट जाता है. लेकिन ब्रिटेन से आ रही एक खबर की मानें तो ये ऑनलाइन गेम एब लोगों में तलाक करवा रहे हैं. ब्रिटेन की कंपनी डिवोर्स ऑनलाइन के सर्वे के अनुसार- 2018 में वहां के 200 जोड़ों ने तलाक के लिए आवेदन दिया है. और तलाक लेने की वजह "Fortnite" जैसे ऑनलाइन गेम्स को बताया गया है.
अब तक घर टूटने की वजह होती थीं ड्रग की लत, शराब की लत, जुए की लत लेकिन इस डिजिटल युग में अब एक और कारण शामिल हो गया है- गेम की लत यानी गेमिंग एडिक्शन. WHO ने भी हाल ही में गेमिंग डिसॉर्डर को मानसिक स्वास्थ्य की श्रेणी में रखा है.
माना कि लोग खेल में इतने दीवाने हो जाते हैं कि सबसे ज्यादा अहमियत अपने गेम को ही देते हैं, जिसकी वजह से रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं, रुटीन खराब होता है, काम पर असर पड़ता है और पार्टनर साथ है तो फिर निजी जिंदगी तो प्रभावित होती ही है.
जिस गेम को डिवोर्स के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है उसके बारे में भी जान लीजिए-
2017 में आया ये गेम Fortnite आते ही काफी लोकप्रिय हो गया. दुनिया भर में इसे 125 मिलियन से भी ज्यादा लोग खेलते हैं. एक एजुकेशनल साइट LendED एक सर्वे के अनुसार इस गेम के एक तिहाई खिलाड़ी एक सप्ताह में इसे करीब 6 से 10 घंटे खेलते हैं, जो सभी वीडियो गेम खेलने का औसत समय है यानी 6.5...
सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के इस दौर में आज हर कोई व्यस्त है. अगर आप कोई काम नहीं कर रहे हैं तो आप मोबाइल पर ही पाए जाते हैं. सोशल मीडिया पर बिजी होंगे तो कुछ फोन में गेम खेल रहे होंगे. मतलब खाली रहने का कोई चांस ही नहीं है.
गेम खेलना कोई बुरी आदत नहीं है, खासकर जब आपके पास कुछ करने को न हो तो अक्सर लोग गेम लगाकर बैठ जाते हैं. मूड भी फ्रेश हो जाता है और समय भी कट जाता है. लेकिन ब्रिटेन से आ रही एक खबर की मानें तो ये ऑनलाइन गेम एब लोगों में तलाक करवा रहे हैं. ब्रिटेन की कंपनी डिवोर्स ऑनलाइन के सर्वे के अनुसार- 2018 में वहां के 200 जोड़ों ने तलाक के लिए आवेदन दिया है. और तलाक लेने की वजह "Fortnite" जैसे ऑनलाइन गेम्स को बताया गया है.
अब तक घर टूटने की वजह होती थीं ड्रग की लत, शराब की लत, जुए की लत लेकिन इस डिजिटल युग में अब एक और कारण शामिल हो गया है- गेम की लत यानी गेमिंग एडिक्शन. WHO ने भी हाल ही में गेमिंग डिसॉर्डर को मानसिक स्वास्थ्य की श्रेणी में रखा है.
माना कि लोग खेल में इतने दीवाने हो जाते हैं कि सबसे ज्यादा अहमियत अपने गेम को ही देते हैं, जिसकी वजह से रोजमर्रा के काम प्रभावित होते हैं, रुटीन खराब होता है, काम पर असर पड़ता है और पार्टनर साथ है तो फिर निजी जिंदगी तो प्रभावित होती ही है.
जिस गेम को डिवोर्स के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है उसके बारे में भी जान लीजिए-
2017 में आया ये गेम Fortnite आते ही काफी लोकप्रिय हो गया. दुनिया भर में इसे 125 मिलियन से भी ज्यादा लोग खेलते हैं. एक एजुकेशनल साइट LendED एक सर्वे के अनुसार इस गेम के एक तिहाई खिलाड़ी एक सप्ताह में इसे करीब 6 से 10 घंटे खेलते हैं, जो सभी वीडियो गेम खेलने का औसत समय है यानी 6.5 घटे प्रति हफ्ते. लेकिन इसपर प्रतिक्रिया देने वाले करीब 38 प्रतिशत लोगों का कहना था कि वो हर सप्ताह 11 घंटों से ज्यादा खेलते हैं.
लेकिन क्या तलाक की सिर्फ यही एक वजह थी?
निसंदेह ये गेम काफी एडिक्टिव होगा लेकिन इसी की वजह से 200 तलाक होना हजम करने वाली बात नहीं है. हालांकि ऐसी बहुत सी रिपोर्ट आई हैं जिनमें कहा गया है तलाक के मामलों में 5% तलाक ही ऐसे होते हैं जो ऑनलाइन गेमिंग की वजह से होते हैं.
लेकिन डिवोर्स ऑनलाइन के सर्वे और उससे नतीजा निकालने वाले लोगों ने गलती कर दी है. असल में डिवोर्स ऑनलाइन पर जनवरी से अब तक तलाक के 200 आवेदन आए थे. जिनमें से कुछ लोगों इन लोगों ने Fortnite गेम समेत अन्य गेम्स की लत को तलाक के कारणों में से एक बताया. इसका मतलब ये जरा भी नहीं है कि 200 तलाक सिर्फ और सिर्फ Fortnite गेम के कारण हुए हैं.
डिवोर्स ऑनलाइन ने अपनी प्रेस रिलीज में साफ लिखा हुआ है कि 5% तलाक के मामलों में कारण डिजिटल एडिक्शन है जिसमें- ऑनलाइन पोर्नोग्राफी, गेमिंग और सोशल मीडिया शामिल हैं. इसलिए इसके लिए एक गेम को पूरी तरह से दोषी ठहरा देना गलत है.
तलाक के लिए गेम्स को दोषी ठहराना कितना सही है
जब इतना बवाल हो ही गया है तो फिर इस बात पर चर्चा होनी भी चाहिए कि आजकल होने वाले तलाकों के लिए डिजिटल एडिक्शन को कितना दोष दिया जाए. बात बड़ी साफ है. अब से 15-20 साल पहले जाइए और सोचिए कि स्मार्ट फोन के बिना आपका जीवन कैसा था. आपको तुरंत समझ आ जाएगा कि तब आप क्या-क्या किया करते थे. आपके पास समय बिताने के लिए जब गेम नहीं होते थे तब आप किस तरह अपना मन बहलाते थे. आप खेलते थे, अपने शौक को समय देते थे, किताबें पढ़ते थे, फिल्में देखते, दोस्तों से मिलते. पर आज हमें ज्यादातर चीजें अपने मोबाइल में ही मिल जाती हैं. लेकिन उसे कितनी तवज्जो देनी है ये तो हमारे अपने हाथ में ही होता है.
गेम एडिक्शन या सोशल मीडिया एडिक्शन का सबसे बड़ा कारण होता है आपका खाली होना. जब आप खाली हैं तो आप सब करते हैं लेकिन जब व्यस्त होते हैं तो ये तक भूल जाते हैं कि आपका फोन पड़ा कहां पर है. यानी आपकी व्यसतताएं आपको खुद बता देती हैं कि आपकी प्राथमिकता क्या है.
पति जब दफ्तर से घर आते हैं तो पत्नी उनकी सेवा में लग जाती हैं और पति मोबाइल में. फिर चाहे वो गेम खेलें चाहे सोशल मीडिया पर वक्त बिताएं. खुद को रिलैक्स करने के लिए अक्सर पति यही करते हैं या फिर इसका बहाना करते हैं. कई लोग इसमें ज्यादा ही डूब जाते हैं. पत्नियां टोकती भी हैं तो पति गुस्सा हो जाते हैं. ऐसे में पार्टनर को गुस्सा आना तो बनता है. दिन भर घर के काम करने के बाद पत्नी भी रिलेक्स होने के लिए गेम खेले तो ?? पति-पत्नी दोनों को अपने स्पेस का जरूरत होती है, उन्हें स्पेस दें लेकिन इतना नहीं कि वो स्पेस किसी एडिक्शन को जगह दे दे. किसी भी रिश्ते को निभाने के लिए उसे समय देना बहुत जरूरी है. और अगर हमारा ज्यादातर समय हमारा मोबाइल खा रहा है तो मोबाइल को खुद से दूर कीजिए, अपने पार्टनर को नहीं.
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