उबर इंडिया कैब (ber India Cab) के तमाम मामलों में यह घटना काफी अलग है. असल में मुंबई की रहने वाली कविता शर्मा शाम 5.50 की फ्लाइट से मुंबई से चेन्नई जाने वाली थीं. मगर उबर कैब बुकिंग करने के काफी देर बाद पहुंची. कविता परेशान होकर ड्राइवर को कॉल कर रही थीं मगर उसका नंबर लगातार बिजी आ रहा था. कविता को समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें, क्योंकि उन्हें 36 किलोमीटर का सफर तय करना था. इतना होने के बाद जब वे एयरपोर्ट पहुंची तो उनका किराया 563 रुपए से 703 हो गया था और उनकी फ्लाइट छूट चुकी थी. कविता पेशे से वकील हैं, वे कंज्यूमर कोर्ट पहुंच गईं और अब चार साल बाद उबर को उन्हें जुर्माने के रूप में कुल 20,000 रूपए देने होंगे.
हमने और आपने भी इस तरह की परेशानियों का सामना किया होगा. अक्सर लोग कैब वालों की मनमानी से परेशान रहते हैं. कैब बुक करने पर ड्राइवर पूछते हैं कि कहां जाना है? कई बार वे जगह का नाम सुनते ही राइड कैंसिल कर देते हैं. कई बार वे ना राइड कैंसिल करते हैं ना ही फोन उठाते हैं. कई बार वे कैब बुक करने के बाद काफी देरी से आते हैं. ऐसे में कस्टमर को काफी कुछ झेलना पड़ता है.
कई कैब ड्राइवर लोकेशन के नाम पर घुमाने लगते हैं और पता चलता है कि किराया 250 से बढ़कर 700 पहुंच गया. कई बार स्तिथी ऐसी हो जाती है कि रात में हमें कैब के लिए एक-एक घंटा इंतजरा करना पड़ता है, क्योंकि कोई उस लोकेशन पर जाने के लिए तैयार नहीं होता. कई बार ड्राइवर 'टोल' के नाम पर यात्री से अलग से पैसे वसूल लेते है. कई ड्राइवर पेट्रोल और सीएनजी भरवाने के नाम पर बीच रास्ते में मनमानी करते हैं और टोकने पर बदतमीजी करने लगते हैं. कई बार वे पूरी राइड मोबाइल पर...
उबर इंडिया कैब (ber India Cab) के तमाम मामलों में यह घटना काफी अलग है. असल में मुंबई की रहने वाली कविता शर्मा शाम 5.50 की फ्लाइट से मुंबई से चेन्नई जाने वाली थीं. मगर उबर कैब बुकिंग करने के काफी देर बाद पहुंची. कविता परेशान होकर ड्राइवर को कॉल कर रही थीं मगर उसका नंबर लगातार बिजी आ रहा था. कविता को समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या करें, क्योंकि उन्हें 36 किलोमीटर का सफर तय करना था. इतना होने के बाद जब वे एयरपोर्ट पहुंची तो उनका किराया 563 रुपए से 703 हो गया था और उनकी फ्लाइट छूट चुकी थी. कविता पेशे से वकील हैं, वे कंज्यूमर कोर्ट पहुंच गईं और अब चार साल बाद उबर को उन्हें जुर्माने के रूप में कुल 20,000 रूपए देने होंगे.
हमने और आपने भी इस तरह की परेशानियों का सामना किया होगा. अक्सर लोग कैब वालों की मनमानी से परेशान रहते हैं. कैब बुक करने पर ड्राइवर पूछते हैं कि कहां जाना है? कई बार वे जगह का नाम सुनते ही राइड कैंसिल कर देते हैं. कई बार वे ना राइड कैंसिल करते हैं ना ही फोन उठाते हैं. कई बार वे कैब बुक करने के बाद काफी देरी से आते हैं. ऐसे में कस्टमर को काफी कुछ झेलना पड़ता है.
कई कैब ड्राइवर लोकेशन के नाम पर घुमाने लगते हैं और पता चलता है कि किराया 250 से बढ़कर 700 पहुंच गया. कई बार स्तिथी ऐसी हो जाती है कि रात में हमें कैब के लिए एक-एक घंटा इंतजरा करना पड़ता है, क्योंकि कोई उस लोकेशन पर जाने के लिए तैयार नहीं होता. कई बार ड्राइवर 'टोल' के नाम पर यात्री से अलग से पैसे वसूल लेते है. कई ड्राइवर पेट्रोल और सीएनजी भरवाने के नाम पर बीच रास्ते में मनमानी करते हैं और टोकने पर बदतमीजी करने लगते हैं. कई बार वे पूरी राइड मोबाइल पर बात ही करते रहते हैं.
जिस तरह इस महिला ने अपनी मानसिक परेशानी के कारण उबर कंपनी पर मुकदमा कर दिया हम और आप शायद सोचते ही रह जाते कि कौन लफड़ा पाले. कौन कंज्यूमर कोर्ट के चक्कर लगाए. हम तो कस्टमर केयर से बात करने में भी आलस करते हैं. हमें लगता है कि कौन अपना टाइम खराब करे. मगर इस महिला ने बता दिया कि अपने हक के लिए लड़ने में हिचक नहीं होनी चाहिए.
इसके साथ इस महिला ने हमें यह भी सिखाया है कि जब यात्रा करनी हो तो घर से 2 घंटे पहले ही निकल जाना चाहिए. अब रास्ते में जाम भी तो मिल सकता है. मान लीजिए कैब की जगह अगर ट्रेन लेट होती तो? वैसे क्या आपके साथ कभी किसी कैब ड्राइवर ने ऐसा किया है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.