आज के जमाने में दिखावे को छोड़कर सादगी को चुनना शायद बहुत कठीन काम है. ऐसे फैसलों के बाद अक्सर लोग आपके बारे (Skyp airline) में छोटा सोचना शुरु कर देते हैं. आज के जमाने में तो लोग यही मानते हैं कि जो दिखता है वो बिकता है. इसलिए तो लोग खाने पर कम और फैशन, ग्लैमर, पहनावे पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
अच्छा दिखने की चाहत में लोग अपने आराम अपने स्वास्थ्य के साथ भी रिस्क लेने को तैयार हो जाते हैं. वहीं इस एयरलाइन की क्रू महिलाओं ने इस जमाने में दिखावे की जगह सच को चुना है. यह फैसला शायद बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. किसी भी महिला के उपर ग्लैमरस दिखने का इस कदर दबाव ना हो कि उसे हेल्थ प्रॉब्लम हो जाए. चलिए बताते हैं कि पूरी बात क्या है?
दरअसल, यूक्रेन में स्काईअप एयरलाइंस ने महिला कर्मचारियों आराम देने के लिए उनकी वर्दी बदलने का फैसला लिया है. जिसके अनुसार अब एयर लाइन की क्रू महिलाओं को हाई हील सैंडल और पेंसिल स्कर्ट नहीं पहननी पड़ेगी.
वे अब अपने पसंद के हिसाब से आरामदायक कपड़े यानी फुल ट्राउजर और आरामदायक जूते पहनें नजर आएंगी. यानी एयरलाइन की क्रू महिलाओं को अब पेन्सिल स्कर्ट और हाई हील से आजादी मिल जाएगी. वे अब आरामदायक कपड़े और जूते आराम से पहन सकती हैं. अब ना उनके पैरों में दर्द होगा और ना ही पेंसिल स्कर्ट में उन्हें अटपटा लगेगा.
असल में स्काईअप एयरलाइंस 2016 में स्थापित हुई थी. जो यूक्रेन में सबसे कम लागत वाली एयरलाइनों में से एक है. एयरलाइन ने कहा कि वह कर्मचारियों का सर्वे करने से पता चला है कि महिला कर्मचारी ऊंची एड़ी के सैंडल, पेंसिल स्कर्ट और तंग शर्ट से "तंग आ गई" हैं.
27 वर्षीय फ्लाइट अटेंडेंट डारिया सोलोमेनाया के अनुसार "उनकी महिला...
आज के जमाने में दिखावे को छोड़कर सादगी को चुनना शायद बहुत कठीन काम है. ऐसे फैसलों के बाद अक्सर लोग आपके बारे (Skyp airline) में छोटा सोचना शुरु कर देते हैं. आज के जमाने में तो लोग यही मानते हैं कि जो दिखता है वो बिकता है. इसलिए तो लोग खाने पर कम और फैशन, ग्लैमर, पहनावे पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं.
अच्छा दिखने की चाहत में लोग अपने आराम अपने स्वास्थ्य के साथ भी रिस्क लेने को तैयार हो जाते हैं. वहीं इस एयरलाइन की क्रू महिलाओं ने इस जमाने में दिखावे की जगह सच को चुना है. यह फैसला शायद बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. किसी भी महिला के उपर ग्लैमरस दिखने का इस कदर दबाव ना हो कि उसे हेल्थ प्रॉब्लम हो जाए. चलिए बताते हैं कि पूरी बात क्या है?
दरअसल, यूक्रेन में स्काईअप एयरलाइंस ने महिला कर्मचारियों आराम देने के लिए उनकी वर्दी बदलने का फैसला लिया है. जिसके अनुसार अब एयर लाइन की क्रू महिलाओं को हाई हील सैंडल और पेंसिल स्कर्ट नहीं पहननी पड़ेगी.
वे अब अपने पसंद के हिसाब से आरामदायक कपड़े यानी फुल ट्राउजर और आरामदायक जूते पहनें नजर आएंगी. यानी एयरलाइन की क्रू महिलाओं को अब पेन्सिल स्कर्ट और हाई हील से आजादी मिल जाएगी. वे अब आरामदायक कपड़े और जूते आराम से पहन सकती हैं. अब ना उनके पैरों में दर्द होगा और ना ही पेंसिल स्कर्ट में उन्हें अटपटा लगेगा.
असल में स्काईअप एयरलाइंस 2016 में स्थापित हुई थी. जो यूक्रेन में सबसे कम लागत वाली एयरलाइनों में से एक है. एयरलाइन ने कहा कि वह कर्मचारियों का सर्वे करने से पता चला है कि महिला कर्मचारी ऊंची एड़ी के सैंडल, पेंसिल स्कर्ट और तंग शर्ट से "तंग आ गई" हैं.
27 वर्षीय फ्लाइट अटेंडेंट डारिया सोलोमेनाया के अनुसार "उनकी महिला कर्मचारियों ने कंपनी को बताया है कि वह 'कामुक और चंचल' के रूप में खुद को पेश नहीं करना चाहती हैं. कीव से जैंन्जिबार आना और फिर जाना, 12 घंटे इस सफर में पैरो पर खड़े रहना मुश्किल होता है. अगर हाई हील पहना है तो चलना और भी मुश्किल हो जाता है. सफर के अलावा इसमें चार घंटे की सुरक्षा जांच और साफ-सफाई भी शामिल है.
टाइट स्कर्ट और एड़ी के साथ अन्य समस्याएं भी है. यदि कोई विमान पानी पर आपातकालीन लैंडिंग करता है तो फ्लाइट अटेंडेंट को विंग के ऊपर से बाहर निकलने का दरवाजा खोलने के लिए भागना पड़ सकता है. ऐसा करने के लिए उन्हें लोगों पर चढ़ना होगा..."कल्पना कीजिए कि मैं पेंसिल स्कर्ट में ऐसा कैसे कर सकती हूं,"
अब स्काईअप ने एक स्वागत योग्य बदलाव किया है. एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एयरलाइन के यात्रियों को जल्द ही नई स्काईअप चैंपियंस वर्दी पहने हुए फ्लाइट अटेंडेंट करते हुए दिखेंगी. स्नीकर्स जूते और आरामदायक ट्राउजर सूट का विकल्प है. यह फैसला सबकी राय जानकर लिया गया है.
स्काईअप एयरलाइंस की प्रमुख मारियाना ग्रिगोरश ने कहा कि, "समय बदल गया है, महिलाएं बदल गई हैं. इसलिए रूढ़िवादी पहनावे यानी ऊंची एड़ी के जूते, लाल लिपस्टिक से अब बाहर आने का समय आ गया है. अब हमारी एयरलाइन की एक नई, आधुनिक और आरामदायक तस्वीरें सामने आएंगी'.
हमारे हिसाब से एयरलाइन की महिलाओं ने आराम को चुना है ना कि ग्लैमर को...समय आ गया है कि लोग अब महिलाओं के फैसलो को सम्मान दें, ना की अपना फैसला उनपर छोड़ें…
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