टीवी एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर (Vaishali takkar) ने अपनी जान दे दी. क्योंकि उनका पूर्व प्रेमी राहुल नवलानी (Rahul Navlani) उन्हें ब्लैकमेल करता था. काश, उसने राहुल से कहा होता है कि 'जो करना है कर लो, जो उखाड़ना है उखाड़ लो. मैं तुम्हारी धमकियों से डरने वाली नहीं हूं.'
वैशाली के साथ क्या हुआ कि उसने अपनी जान दे दी...वह टीवी एक्ट्रेस थी. एक जाना पहचाना नाम थी. उसकी शादी होने वाली थी. उसके पास वह सबकुछ था जो किसी आम लड़की के पास नहीं होता है फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि उसने अपनी जिंदगी से हार मान ली?
रिपोर्ट्स के अनुसार, वैशाली इंदौर में अपने पड़ोसी राहुल नवलानी (Rahul navlani) संग रिलेशनशिप में थी. राहुल पहले से ही शादीशुदा था. शुरु में तो सब ठीक रहा, दोनों ने साथ में समय बिताया, घूमे-फिरे मगर बाद में चीजें बिगड़ने लगी. राहलु अपना असली चेहरा दिखाने लगा. वह वैशाली को मेंटली और फिजकली टॉर्चर करने लगा. वह अपनी पत्नी को भी नहीं छोड़ना चाहता था और वैशाली पर भी अपना कंट्रोल रखना चाहता था.
राहुल को पता था कि अगर पत्नी को छोड़ा तो जायदाद में उसे एक फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी. वैशाली ने अपने सुसाइड नोट में जिक्र किया है कि राहलु उसे मेंटली और फिजिकली टॉर्चर करता था. असल में राहलु के पास वैशाली की तस्वीरें थीं, वीडियो थे जिसके सहारे वह उसे ब्लैकमेल करता था.
वैशाली का जो अंत हुआ उससे यह समझना आसान है कि राहुल वैशाली से प्यार तो नहीं करता था. वह सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए उसे इस्तेमाल कर रहा था. वैशाली के लिए उसके मन में अगर जरा भी इमोशन होता तो वह वैशाली को इस कदर परेशान ना करता. वह वैशाली की किसी और से शादी नहीं होने...
टीवी एक्ट्रेस वैशाली ठक्कर (Vaishali takkar) ने अपनी जान दे दी. क्योंकि उनका पूर्व प्रेमी राहुल नवलानी (Rahul Navlani) उन्हें ब्लैकमेल करता था. काश, उसने राहुल से कहा होता है कि 'जो करना है कर लो, जो उखाड़ना है उखाड़ लो. मैं तुम्हारी धमकियों से डरने वाली नहीं हूं.'
वैशाली के साथ क्या हुआ कि उसने अपनी जान दे दी...वह टीवी एक्ट्रेस थी. एक जाना पहचाना नाम थी. उसकी शादी होने वाली थी. उसके पास वह सबकुछ था जो किसी आम लड़की के पास नहीं होता है फिर आखिर ऐसा क्या हुआ कि उसने अपनी जिंदगी से हार मान ली?
रिपोर्ट्स के अनुसार, वैशाली इंदौर में अपने पड़ोसी राहुल नवलानी (Rahul navlani) संग रिलेशनशिप में थी. राहुल पहले से ही शादीशुदा था. शुरु में तो सब ठीक रहा, दोनों ने साथ में समय बिताया, घूमे-फिरे मगर बाद में चीजें बिगड़ने लगी. राहलु अपना असली चेहरा दिखाने लगा. वह वैशाली को मेंटली और फिजकली टॉर्चर करने लगा. वह अपनी पत्नी को भी नहीं छोड़ना चाहता था और वैशाली पर भी अपना कंट्रोल रखना चाहता था.
राहुल को पता था कि अगर पत्नी को छोड़ा तो जायदाद में उसे एक फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी. वैशाली ने अपने सुसाइड नोट में जिक्र किया है कि राहलु उसे मेंटली और फिजिकली टॉर्चर करता था. असल में राहलु के पास वैशाली की तस्वीरें थीं, वीडियो थे जिसके सहारे वह उसे ब्लैकमेल करता था.
वैशाली का जो अंत हुआ उससे यह समझना आसान है कि राहुल वैशाली से प्यार तो नहीं करता था. वह सिर्फ अपनी जरूरतों के लिए उसे इस्तेमाल कर रहा था. वैशाली के लिए उसके मन में अगर जरा भी इमोशन होता तो वह वैशाली को इस कदर परेशान ना करता. वह वैशाली की किसी और से शादी नहीं होने देना चाहता था. वह पहले भी वैशाली की सगाई तुड़वा चुका था. राहुल शायद डर फिल्म के शाहरुख खान के कैरेक्टर से मिलता-जुलता है जो सामने से भोला दिखता है मगर वैशाली के लिए वह एक डरावना चेहरा था. जिसकी वजह से वैशाली दहशत में रहने लगी थी. वह खुलकर अपनी जिंदगी नहीं जी पा रही थी. सुसाइड करने के 4 दिन बाद तो उसकी शादी होने वाली थी...मगर इस बार राहुल ने ना जाने ऐसा क्या किया कि वैशाली ने दुनिया को अलविदा कह दिया.
खुद को खत्म कर लेने का फैसला कहीं से भी सही नहीं होता मगर भय यानि डर एक ऐसा रस जो 8 रसों में सबसे खतरनाक होता है. डर की वजह से इंसान खुद को अंदर ही अंदर खोखला कर लेता है. वैशाली के मन में भी अपनी वीडियो वायरल होने का डर बैठ गया होगा. वह सोच रही होगी कि अगर मेरी बदनामी हुई तो मैं समाज में क्या मुंह दिखाऊंगी. मेरे घरवालों पर क्या बीतेगी? मेरे दोस्त, मेरे पड़ोसी और रिश्तेदार मेरे बारे में क्या सोचेंगे? वह इतना डर गई कि अपने मन में राहुल से भी अधिक खूंखार कैरेक्टर बना लिया. वैशाली अपनी बदनामी होने से डरती थी. इसलिए वह राहुल का अत्याचार सहती रही.
राहलु जैसे इंसान से बचने के लिए क्या करें-
हमें सबसे पहले अपने मन से डर को बाहर निकालना होगा
हमें यह कहना होगा कि जो होगा देख लिया जाएगा
हमें समझना होगा कि गलती इंसान से ही होती है
हमें किसी का अत्याचार सहना बंद करना होगा
हमें अपनी बातें अपने करीबी और दोस्तों संग शेयर करनी होगी
हमें हमारी तस्वीरें और वीडियो को किसी को लेने से रोकना होगा
हमें कहना होगा जो करना है कर ले
हमें समझना होगा कि आजकल सबका पास्ट होता है
हमें समझना होगा कि रिलेशनशिप एकतरफा नहीं होता तो गलती एक की क्यों
हमें समझना होगा कि ऐसी कई लड़कियों को बदनामी की धमकी मिलती है वे अपनी जान नहीं देतीं
हमें समझना होगा कि जान देने से कुछ नहीं होने वाला बल्कि लड़ने से होने वाला है
हमें चुप्पी तोड़कर अपने लिए बोलना होगा
हमें कानून और पुलिस का सहारा लेना होगा
हमें किसी के हाथों इस्तेमाल होने से बचना होगा
इन सारी बातों के बीच एक बात साफ है कि हम कितनी भी कोशिश कर लें मगर वैशाली के दर्द को नहीं समझ पाएंगे. ऐसी ना जाने कितनी लड़कियां हैं जिनका दिल प्यार में टूटता है. जिन्हें उनके एक्स धमकी देते हैं. तो क्या वो जीना छोड़ देती हैं? क्या हर वैशाली सुसाइड का रास्ता अपनाती है? नहीं ना...
इसलिए सोचकर मन सिहर जाता है कि आखिर वैशाली कि तक टॉर्चर हुई होगी जो जिंदगी को छोड़कर मौत को गले लगाने का फैसला किया. वह सुसाइड करने से पहले कितनी बैचैन होगी, कितना रोई होगी. एक-एक करके अपने करीबियों के चेहरे को आंखों से सामने से गुजरते देखा होगा...
कई बार ऐसी खबरें सामने आती हैं कि कर्ज ना चुका पाने की वजह से फलाने ने खुदकुशी कर ली. बीमारी से तंग आकर उसने जान दे दी. प्यार में धोखा मिलने से फला शख्स ने सुसाइड कर लिया...असल में ये सारे लोग परेशानी की वजह से नहीं डर के कारण अपनी जान देने की सोचते हैं.
काश वैशाली ने राहुल को समय रहते सबक सिखा दिया होता तो आज वो हमारे बीच जिंदा होती. लड़कियों, इतना याद रखो कि कोई राहुल राहुल आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, बस आपको थोड़ी हिम्मत दिखाने की जरूरत है.
ऐसे से बहुत से लोग हैं जिनके सामने परेशानियां आती हैं. जिन्हें बदनामी का डर होता है. अगर वे उस वक्त से लड़कर आगे निकल जाते हैं तो फिर वे जीत जाते हैं. अगर वे हार मान जाते हैं तो फिर सब कुछ खत्म हो जाता है.
हम सफलता की कई ऐसी कहानियां सुनते हैं जिसमें सफल इंसान के मुश्किल वक्त का जिक्र रहता है, सोचिए अगर उन्होंने हार मान लिया होता तो? वे अपनी अपनी कहानी दूसरों को कैसे सुनाते? इसलिए वजह चाहें जो भी हो, जिंदगी कठिन क्यों ना हो हार मत मानो भले लड़ते रहो.
प्यार को गाली मत दीजिए
प्यार कभी गलत नहीं होता है बशर्ते वह प्रेमी कोई 'राहुल' ना हो. आज कई ऐसे जोड़े हैं जो साथ में खुश हैं. कई ऐसे जोड़े हैं जिनके बीच शुरु में प्यार था लेकिन अब नहीं है. कितने ऐसे जोड़ें हैं जो एकतरफा प्यार में आस लगाएं बैठे हैं. जो हमारे पास आज है वह कल भी रहेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसलिए कहते हैं प्यार तब तक सुंदर है जब तक वह साथी राहुल की तरह ना हो...
सिर्फ लड़की क्यों डरे?
जब प्यार दोनों ने किया, साथ में दोनों घूमें, फोटो दोनों से खिंचवाई तो बदनामी से सिर्फ लड़कियां ही क्यों डरे? अपने मन से बदनामी नाम के इस भय को निकालिए और डराने वाले को इस बात का एहसास कराइए कि आपको उसकी धमकियों का कोई फर्क नहीं पड़ता. हमें डर को हराने का एक ही तरीका है कि हकीकत का सामना करते हुए उससे तबतक लड़ते रहना जबतक वह हमसे हार ना मान लें.
कभी भी इस डर को अपने ऊपर हावी ना होने दें. कम से कम जो आपके करीबी हैं उनके साथ अपनी परेशानियों को बांटिए....सब लोग आपकी मदद के लिए तैयार हैं सिर्फ आपको एक कोशिश करने की जरूरत है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.