प्यार का सप्ताह (Valentine week) चल रहा है. प्रेमी जोड़े अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं. कोई रोज डे पर (Rose Day) गुलाब का गुच्छा भेज रहा है तो कोई सरप्राइज प्लान कर रहा है. वैसे अपने पार्टनर पर प्यार जताने के लिए आपको किसी खास दिन की जरूरत नहीं है. सिर्फ Valentine's day पर ही क्यों आप उन्हें हर दिन आई लव यू बोलिए, उनका ख्याल रखिए, उन पर खूब प्यार जताइए लेकिन उनसे प्रेम करते हुए अपनी पहचान मत खोइए. वैसे बता दें कि हम वैलेंटाइन डे के खिलाफ नहीं हैं.
असल में जब हम किसी से प्रेम करते हैं तो धीरे-धीरे खुद को भूलते जाते हैं. उसकी पसंद को ही अपनी पसंद बना लेते हैं, उसे अपनी दुनिया समझ लेते हैं, लेकिन यह सब रिश्ते की शुरुआत में ही अच्छा लगता है. आगे चलकर यही बातें रिश्ते में घुटन की वजह बन जाती है. प्यार में सामने वाले को जान बोलना अलग बात है लेकिन खुद को भूलकर सिर्फ सामने वाले के बारे में सोचना भी सही नहीं है.
हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बता रहे हैं जिससे पता चलता है कि आप अपने रिश्ते में खुद को खो रहे हैं. प्यार में होने का मतलब यह नहीं है कि आप खुद को ही भूल जाएं...
आप हमेशा पार्टनर को खुश करने में लगे रहते हैं
अगर आप हर पल अपने पार्टनर को खुश करने में ही लगे रहते हैं. आप हर पल इस दबाव में रहते...
प्यार का सप्ताह (Valentine week) चल रहा है. प्रेमी जोड़े अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं. कोई रोज डे पर (Rose Day) गुलाब का गुच्छा भेज रहा है तो कोई सरप्राइज प्लान कर रहा है. वैसे अपने पार्टनर पर प्यार जताने के लिए आपको किसी खास दिन की जरूरत नहीं है. सिर्फ Valentine's day पर ही क्यों आप उन्हें हर दिन आई लव यू बोलिए, उनका ख्याल रखिए, उन पर खूब प्यार जताइए लेकिन उनसे प्रेम करते हुए अपनी पहचान मत खोइए. वैसे बता दें कि हम वैलेंटाइन डे के खिलाफ नहीं हैं.
असल में जब हम किसी से प्रेम करते हैं तो धीरे-धीरे खुद को भूलते जाते हैं. उसकी पसंद को ही अपनी पसंद बना लेते हैं, उसे अपनी दुनिया समझ लेते हैं, लेकिन यह सब रिश्ते की शुरुआत में ही अच्छा लगता है. आगे चलकर यही बातें रिश्ते में घुटन की वजह बन जाती है. प्यार में सामने वाले को जान बोलना अलग बात है लेकिन खुद को भूलकर सिर्फ सामने वाले के बारे में सोचना भी सही नहीं है.
हम आपको कुछ ऐसी आदतों के बारे में बता रहे हैं जिससे पता चलता है कि आप अपने रिश्ते में खुद को खो रहे हैं. प्यार में होने का मतलब यह नहीं है कि आप खुद को ही भूल जाएं...
आप हमेशा पार्टनर को खुश करने में लगे रहते हैं
अगर आप हर पल अपने पार्टनर को खुश करने में ही लगे रहते हैं. आप हर पल इस दबाव में रहते हैं कि वे आपकी किसी बात से दुखी न हो जाएं. आपको उनकी खुशियों की चिंता लगी रहती है. आप अपनी खुशी को भूलकर उनकी पसंद का ही काम करने लगे हैं. उसमें भले आपको खुशी न मिले लेकिन फिर भी आप खुद को विवश महसूस करते हैं. यह एक प्रमुख संकेत है कि आप खुद को खो रहे हैं. अपने साथी की नजरों में खुद को परफेक्ट दिखाने की यह इच्छा अक्सर आपको थका देती है. जरा सा कुछ गलत हो जाए तो पार्टनर आपको ऐसा महसूस कराते हैं जैसे आप परिपूर्ण नहीं है. इस तरह का डर, ऐसी चिंता, ऐसा दबाव किसी भी रिश्ते में नहीं होना चाहिए.
जब अपनी ही भावनाओं पर सवाल उठाने लगे
क्या रिश्ते में आपको ऐसा लगता है कि आपकी भावनाओं का कोई महत्व नहीं हैं. आप हारा हुआ महसूस करते हैं जैसे कि आप थक गए हैं. अगर ऐसी बात है तो आपको पता है कि आपको क्या करने की जरूरत है? आप एक ऐसे रिश्ते में हैं जहां होकर भी आप सहज नहीं है. कई बार आप खुद से यह सवाल करते हैं कि आप सही रिश्ते में हैं या नहीं...ऐसा सोचना इस बात का संकेत हैं कि आपको इससे बाहर निकलने की जरूरत है.
पार्टनर का शेड्यूल ही आपकी दिनचर्या बन गई है
जब दो लोग रिश्ते में होते हैं तो एक-दूसरे के लिए समय निकालना पड़ता है. अगर कभी-कभी आप साथी के हिसाब से अपना समय निकालते हैं तो ठीक है लेकिन अगर हर बार यही करना पड़े तो यह हजम होने वाली बात नहीं. अगर यह एक तरफा ट्रैफिक बन गया है तो यह सही नहीं है. आप अपने समय को कब तक अपने साथी के कामों के हिसाब से सेट करते रहेंगे. जब रिश्ता दोनों का है और मिलना दोनों को है तो फिर एक-दूसरे को इसके लिए कोशिश करनी चाहिए. रिश्ते में ऐसा करने वाला सिर्फ एक व्यक्ति नहीं हो सकता है.
आपकी रुचि व प्राथमिकता सिर्फ साथी के लिए
प्रत्येक व्यक्ति का अपना शौक और रुची होती है. आपका अपना भी व्यक्तित्व है. अगर आप अपने साथी की वजह से अपनी पसंद बदल रहे हैं. उस काम को छोड़ रहे हैं जो आपको पसंद है. इसका मतलब यह है कि आप खुद को काफी तेजी से बदल रहे हैं और यह पूरी तरह से गलत है. पार्टनर के लिए खुद को कुछ हद तक बदलना ठीक है, लेकिन अगर आप केवल वही कर रहे हैं जो उन्हें पसंद है तो आप खुद को खो रहे हैं. पार्टनर के लिए अपने शौक छोड़ने के बाद आप वह नहीं रहेंगे जो आप सच में हैं.
खुलकर अपनी बात भी नहीं रख पाना
हम सभी को रिलेशनशिप में थोड़ा-बहुत त्याग करना पड़ता है लेकिन अगर अपने रिश्ते में ऐसा करने वाले सिर्फ आप हैं तो यह गलत है. रिश्तों में समझौता दोनों तरफ से होता है वो ही एक तय सीमा तक... सिर्फ अपने साथी के लिए अपने आप को खो देना, ये कहां का और कैसा प्यार है? अगर आप अपने विचारों को अपने साथी के सामने खुलकर नहीं रख पाते, अगर आपको अपने विचार दबाने पड़ते हैं, अगर आप अपनी बात खुलकर नहीं रख पाते हैं ताकि उन्हें ठेस न पहुंचे तो ऐसे व्यक्ति के साथ रहने का क्या मतलब है? कोई भी फैसला दो लोग मिलकर लेते हैं. हो सकता है कि आप उस विषय में एक्सर्ट न हों लेकिन अपनी सोच को बेझिझक होकर कहना आपका अधिकार है.
अगर आपका रिलेशनशिप भी ऐसा है तब तो आप इस रिश्ते में हैं ही नहीं, इसमें तो सिर्फ आपका पार्टनर है. ऐसा रिश्ता सिर्फ आपकी चुप्पी पर चल रहा है लेकिन आखिर कब तक?
मान लीजिए आपको फुटबॉल खेलना पसंद है लेकिन उनके चक्कर में आप टेनिस लेकर बैठे हैं. आपको गाना पसंद है और वे म्यूजिक से दूर भागते हैं. हो सकता है कि आपको बॉलीवुड पसंद हैं और उनके कारण जबरन हॉलीवुड देख रहे हैं. लोगों की पसंद अलग-अलग हो सकती है. इसलिए दोनों को एक-दूसरे का ख्याल रखना चाहिए. वरना आप जितना भी वैलेनटाइन डे साथ में मना कर सोशल मीडिया पर शो ऑफ कर लीजिए, जहां आपका कोई अस्तित्व ही नहीं है उस रिश्ते से खुशी नहीं मिलेगी...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.