लगान फिल्म का वो सीन याद है आपको.. जहां भुवन की मां अपने खेत में खड़े होकर आसमान की ओर देखते हुए बारिश का इंतजार कर रही होती है. देश के कई हिस्सों में बारिश नहीं हो रही और कई में औसत के काफी कम बारिश है. कुछ इलाकों में तो अभी भी ऐसी गर्मी है कि मौसम का पता ही नहीं चल रहा. लोग अपने-अपने तरीके से इंद्र देव को खुश करने की कोशिश में लगे हैं.
इसी बीच इंदौर में एक शादी की रस्म हुई. पूरे रीति रिवाज से, बारातियों और गाजे बाजे के साथ. मौका था सकाराम अहिरवार और राजेश अद्जन की शादी का. अगर आप सोच रहे हैं कि ये तो लड़कों के नाम है तो सही सोच रहे हैं दोनों ने आपस में शादी भी की है. हम तो एक ऐसे देश में रहते हैं जहां कोई इस तरह के रिश्ते को अपनाएगा ही नहीं फिर भी ऐसी शादी को मंजूरी किसने दी? दरअसल बात ये है कि इस शादी के लिए एक पुजारी ने सलाह दी थी. ये शादी इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए की गई थी. बरातियों में दोनों दूल्हों की पत्नियां और उनके बच्चे भी शामिल थे.
जनाब अब बारिश के लिए कोई राग मह्लार नहीं गाता. अब तो शादी करनी पड़ती है अपने किसी दोस्त से. खैर ये तो हुई एक बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंद्र को खुश करने के लिए हमारे देश में लोग क्या-क्या करते हैं?
1. मेंढक की शादी...
असम और महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में पुरुष मेंढक और मादा मेंढक की शादी करवाई जाती है वो भी पूरे रीति रिवाज से. नवदंपति को आसमान की तरफ दिखाया भी जाता है ताकि भागवान इंद्र खुश हों और नए जोड़े को अपना आशिर्वाद दें और नए जोड़े का मिलन हो सके.
2. वरुण यज्ञ...
देश के कई कोने में ये प्रथा की जाती है. पुजारी एक पानी से भरे टब में बैठते हैं और 1000 बार विष्णु के नाम लेते हैं. इसके बाद विधिवत पूजन किया जाता है.