क्या आपका पार्टनर हर छोटी बात पर आप पर चिल्लाता रहता है? क्या हर थोड़ी देर में आप दोनों में तूतू-मैंमैं होने लगती है? क्या वह आप पर गुस्सा करता है और हर बार गलती आपकी निकालता है? क्या वह आपको इमोशनली ब्लैकमेल करता है? क्या वह अपनी बातों से आपको मैनिपुलेट करता है? क्या वह आपकी सोचने समझने की क्षमता पर कंट्रोल करने लगा है? क्या हर बार होने वाले झगड़े की वजह आप खुद को मानने लगे हैं? क्या वह आप पर हाथ उठाता है? क्या वह आपको कंट्रोल करता है? अगर हां तो आपका रिश्ता जहरीला हो चुका है.
शुरुआत में हमारे समझ नहीं आता और हम इसे छोटी-मोटी लड़ाइयां समझकर इग्नोर कर देते हैं. मगर बार-बार जब एक ही हालत से सामना होने लगे तो यह आपके लिए खतरे ही घंटी है.
शुरुआत में जब हम किसी के साथ रिश्ते में जुड़ते हैं तो बहुत सारी बातों के बारे में हमें पता नहीं रहता है. हम उस वक्त प्यार के आगोश में रहते हैं इसलिए उसकी बुराइयों में भी अच्छाई ढूढ़ने की कोशिश करने लगते हैं. जब रिश्ता नया-नया होता है तो हमें सबकुछ अच्छा लगता है. उस वक्त अगर हमें कोई आगाह भी करना चाहे तो हम उसकी बातों पर भरोसा नहीं कर पाते हैं. मगर बाद में जब हम पार्टनर के साथ रहते हैं तो धीरे-धीरे समझ आता है कि हमारी उनसे बन नहीं रही है. हर जोड़े के साथ ऐसा हो यह जरूरी नहीं है, कई जोड़े साथ में खुशी-खुशी रहते हैं वहीं कई का रिश्ता एकदम जहरीला बन जाता है.
आइए कुछ निशानियों से जानते हैं-
जब इमोशनल बॉन्ड खत्म हो जाए
जब उन्हें आपके होने या ना होने से फर्क न पड़े
जब आपके कॉल या मैसेज का जवाब आना बंद हो...
क्या आपका पार्टनर हर छोटी बात पर आप पर चिल्लाता रहता है? क्या हर थोड़ी देर में आप दोनों में तूतू-मैंमैं होने लगती है? क्या वह आप पर गुस्सा करता है और हर बार गलती आपकी निकालता है? क्या वह आपको इमोशनली ब्लैकमेल करता है? क्या वह अपनी बातों से आपको मैनिपुलेट करता है? क्या वह आपकी सोचने समझने की क्षमता पर कंट्रोल करने लगा है? क्या हर बार होने वाले झगड़े की वजह आप खुद को मानने लगे हैं? क्या वह आप पर हाथ उठाता है? क्या वह आपको कंट्रोल करता है? अगर हां तो आपका रिश्ता जहरीला हो चुका है.
शुरुआत में हमारे समझ नहीं आता और हम इसे छोटी-मोटी लड़ाइयां समझकर इग्नोर कर देते हैं. मगर बार-बार जब एक ही हालत से सामना होने लगे तो यह आपके लिए खतरे ही घंटी है.
शुरुआत में जब हम किसी के साथ रिश्ते में जुड़ते हैं तो बहुत सारी बातों के बारे में हमें पता नहीं रहता है. हम उस वक्त प्यार के आगोश में रहते हैं इसलिए उसकी बुराइयों में भी अच्छाई ढूढ़ने की कोशिश करने लगते हैं. जब रिश्ता नया-नया होता है तो हमें सबकुछ अच्छा लगता है. उस वक्त अगर हमें कोई आगाह भी करना चाहे तो हम उसकी बातों पर भरोसा नहीं कर पाते हैं. मगर बाद में जब हम पार्टनर के साथ रहते हैं तो धीरे-धीरे समझ आता है कि हमारी उनसे बन नहीं रही है. हर जोड़े के साथ ऐसा हो यह जरूरी नहीं है, कई जोड़े साथ में खुशी-खुशी रहते हैं वहीं कई का रिश्ता एकदम जहरीला बन जाता है.
आइए कुछ निशानियों से जानते हैं-
जब इमोशनल बॉन्ड खत्म हो जाए
जब उन्हें आपके होने या ना होने से फर्क न पड़े
जब आपके कॉल या मैसेज का जवाब आना बंद हो जाए
जब पार्टनर आपकी हर बात पर चिढ़ जाए
जब आपके पार्टनर का किसी और से अफेयर हो जाए
जब आपके पार्टनर आपसे बातें शेयर करना बंद कर दे
जब आपका पार्टनर आपको मेंटली टॉर्चर करने लगे
जब आपका पार्टनर आप पर हाथ उठाना शुरु कर दे
जब आपका पार्टनर आपसे जलन महसूस करने लगे
जब आपका पार्टनर आपकी सोशल लाइफ को कंट्रोल करने लगे
जब आपका पार्टनर आपको सपोर्ट करना बंद कर दे
जब आपका पार्टनर आपको इग्नोर करने लगे
जब आपका पार्टनर किसी काम में आपका सहयोग न करे
जब आप बिना गलती के भी खुद को ब्लेम करने लगे
अगर आप पार्टनर के साथ होकर भी खुद को अकेला महसूस करने लगें
अगर आप उसकी वजह से बार-बार रोने लगते हैं
जब आपका आपसे पार्टनर झूठ बोलने लगे
जब आपका पार्टनर आपसे बातें छिपाने लगे
जब आपका पार्टनर आपसे दूर जाने के बहाने खोजने लगे
अगर ये सारे लक्षण आपके रिश्ते में दिखने लगे हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है. कोई भी इंसान रिश्ते में प्यार, सम्मान, औऱ बराबरी चाहता है. जब दो लोगों में इमोशनली अटैचमैंट ना रहे तो साथ में रहने का कोई मतलब नहीं बनता है. साथ में रहकर एक-दूसरे से लड़ने से बेहतर तो अलग हो जाना है.
ऐसे में दो लोगों को आपस में बात करनी चाहिए और धीरे से इस रिश्ते से बाहर निकल जाना चाहिए. जब आप खुद को प्यार करेंगे तो तभी तो खुश रह पाएंगे. ऐसा तो नहीं होता ना कि आप किसी को टूटकर चाहने में खुद को ही भूल जाओ. आप उसके लिए रोते रहें और वो बहाने बनाकर आपको टहलाता रहे.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.