सुबह उठते से ही घर में पूजा-पाठ और सूतक की बातें होने लगी. कारण था सूर्य ग्रहण जिसका प्रभाव मुझपर बुरा पड़ सकता था. खैर, 9 बजने से पहले ही ग्रहण तो खत्म हो गया, लेकिन दिन के अशुभ होने की बातें खत्म नहीं हुईं. कारण था फ्राइडे द थर्टीन्थ यानी साल का सबसे बुरा दिन. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस दिन के बारे में लिखना शुरू कर दिया था. लोगों के स्टेटस अपडेट आ रहे थे. दिन की शुरुआत ही ऐसी हो तो आप क्या उम्मीद करेंगे? ऑफिस आते समय ट्रैफिक के कारण देरी हो गई. ऑफिस आकर भी फ्राइडे और 13 तारीख की बातों से पीछा नहीं छूटा. तमाम जगह यही बातें चल रही थीं कि आखिर फ्राइडे यानी शुक्रवार और 13 तारीख को बुरा क्यों माना जाता है.
पर सभी बातें बाइबल से जुड़ी हुई सामने आईं. साथ ही, इसे ऐतिहासिक कारणों से अशुभ माना गया. अब एक बात सोचने वाली है कि इसे कहीं भी हिंदुओं से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. क्या आप जानते हैं कि हिंदुओं के मामले में शुक्रवार और 13 अंक के मायने? कई लोगों से पूछने पर ये जवाब मिला कि अरे ये राहू ग्रह का अंक है, अरे ये अंक खराब है, 13 मतलब मौत, लेकिन क्या शास्त्रों में भी ऐसा कुछ लिखा है? चलिए आज इसी पर बात करते हैं कि आखिर क्यों 13 शुक्रवार दुनिया में अशुभ माना जाता है, लेकिन असल में भारत में ये शुभ है.
आखिर क्यों लोगों को डराता है Friday 13th
शुक्रवार और 13 तारीख लोगों को डराने के लिए काफी है और इसका सीधा जिम्मेदार है इतिहास. कहा जाता है कि ये साल का सबसे खराब दिन है. 2018 में ये दो बार पड़ा है एक 13 अप्रैल और दूसरा 13 जुलाई. paraskavedekatriaphobia यानी शुक्रवार 13 तारीख से फोबिया.
कारण बाइबल और इसाई धर्म से जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि ईसा मसीह को क्रूसिफाई यानी सूली पर इसी दिन चढ़ाया गया था. इसके अलावा, जीसस का जो आखिरी खाना यानी लास्ट...
सुबह उठते से ही घर में पूजा-पाठ और सूतक की बातें होने लगी. कारण था सूर्य ग्रहण जिसका प्रभाव मुझपर बुरा पड़ सकता था. खैर, 9 बजने से पहले ही ग्रहण तो खत्म हो गया, लेकिन दिन के अशुभ होने की बातें खत्म नहीं हुईं. कारण था फ्राइडे द थर्टीन्थ यानी साल का सबसे बुरा दिन. सोशल मीडिया पर लोगों ने इस दिन के बारे में लिखना शुरू कर दिया था. लोगों के स्टेटस अपडेट आ रहे थे. दिन की शुरुआत ही ऐसी हो तो आप क्या उम्मीद करेंगे? ऑफिस आते समय ट्रैफिक के कारण देरी हो गई. ऑफिस आकर भी फ्राइडे और 13 तारीख की बातों से पीछा नहीं छूटा. तमाम जगह यही बातें चल रही थीं कि आखिर फ्राइडे यानी शुक्रवार और 13 तारीख को बुरा क्यों माना जाता है.
पर सभी बातें बाइबल से जुड़ी हुई सामने आईं. साथ ही, इसे ऐतिहासिक कारणों से अशुभ माना गया. अब एक बात सोचने वाली है कि इसे कहीं भी हिंदुओं से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है. क्या आप जानते हैं कि हिंदुओं के मामले में शुक्रवार और 13 अंक के मायने? कई लोगों से पूछने पर ये जवाब मिला कि अरे ये राहू ग्रह का अंक है, अरे ये अंक खराब है, 13 मतलब मौत, लेकिन क्या शास्त्रों में भी ऐसा कुछ लिखा है? चलिए आज इसी पर बात करते हैं कि आखिर क्यों 13 शुक्रवार दुनिया में अशुभ माना जाता है, लेकिन असल में भारत में ये शुभ है.
आखिर क्यों लोगों को डराता है Friday 13th
शुक्रवार और 13 तारीख लोगों को डराने के लिए काफी है और इसका सीधा जिम्मेदार है इतिहास. कहा जाता है कि ये साल का सबसे खराब दिन है. 2018 में ये दो बार पड़ा है एक 13 अप्रैल और दूसरा 13 जुलाई. paraskavedekatriaphobia यानी शुक्रवार 13 तारीख से फोबिया.
कारण बाइबल और इसाई धर्म से जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि ईसा मसीह को क्रूसिफाई यानी सूली पर इसी दिन चढ़ाया गया था. इसके अलावा, जीसस का जो आखिरी खाना यानी लास्ट सपर भी 13 लोगों के साथ हुआ था जिसमें 13वीं सीट जूडास ने ली थी कुछ कहते हैं कि ये 13वीं सीट खुद ईसा मसीह ने ली थी और दोनों ही जूडास और ईसा मसीह अंत सही नहीं था.
इसाई धर्म में 12 अंक को पूर्ण माना जाता है, 12 महीने होते हैं, 12 पूर्ण रूप से विभाजित हो सकता है, 12 अंक कई मामलों में शुभ था और इसे खत्म किया 13 ने.
बाइबल ये भी कहती है कि शुक्रवार को ही ईव(हव्वा) ने एडम (आदम) को फल खिलाया था. अक्टूबर 13, 1307 यानी शुक्रवार को ही फ्रेंच राजा फिलिप IV ने होली ग्रेल (यानी वो प्याला जिससे ईसा मसीह ने लास्ट सपर के दौरान इस्तेमाल किया था.) के रक्षक नाइट टेम्पलर्स को गिरफ्तार कर मौत के घाट उतारा था.
ऐसे ही कई मान्यताएं बताती हैं कि फ्राइडे 13 अशुभ दिन है, लेकिन इसका कहीं भी कोई भी रिश्ता हिंदुओं से नहीं है. इस बारे में भी बहस चलती रहती है कि ये दिन आखिर इस्लाम में अशुभ माना जाता है या नहीं पर इसके कोई ठोस कारण नहीं मिले हैं. इसके अलावा, टैरो कार्ड रीडिंग में 13वें नंबर का कार्ड मृत्यू का माना जाता है.
अब अगर सिर्फ हिंदुओं की बात करें तो यकीन मानिए ये दिन और इसका होने वाला प्रभाव हिंदू मान्यताओं के हिसाब से शुभ है.
हिंदुओं के लिए क्या मायने हैं 13 अंक के?
सबसे पहले मैं बता दूं कि हिंदुओं में 13 अंक है ही नहीं. जी हां, हिंदुओं में 0-9 अंक माना जाता है और उसके आगे के सभी अंक जोड़ दिए जाते हैं. नव ग्रह होते हैं, कुंडली के 12 भाव होते हैं. मौसम चार होते हैं, हिंदु वर्ष भी बाकी से अलग चलता है, हमारा कैलेंडर, हमारे रिवाज, हमारी पूजा सब कुछ अलग है.
* 13 अंक राहू को दर्शाता है..
यहां बात 13 की नहीं बल्कि 1+3=4 की हो रही है. आईचौक ने इस गणित को समझने के लिए कई पंडितों से बात की और सामने निकल कर आया कि ये अंक राहू का अंक है. जी हां, राहू का. अब इससे इसे बुरा मत मानिए.
राहू को ज्योतिष शास्त्र में छाया ग्रह माना जाता है. इन्हें राशि चक्र की किसी भी राशि का स्वामित्व नहीं है एवं राहू जन्म से वक्री ग्रह माने जाते हैं. इसके अलावा, मूलांक 4 को सूर्य से भी जोड़कर देखा जाता है.
के धनात्मक रूप अथवा राहु का परिचायक माना जाता है. ये सूर्य का धनात्मक रूप है. मूलांक चार पर राहु का प्रभाव पड़ता है इस कारण चार मूलांक के लोग साहस, प्रगति, विध्वंस, विस्फोट, आश्चर्यजनक कार्य, तथा असंभावित कार्य करने वाले होते हैं. ये ख्याती भी प्राप्त करते हैं और इसलिए इसे कहीं से भी अशुभ नहीं माना जा सकता.
* मुक्ति का अंक है 13..
13 अंक को मुक्ति का रूप भी माना जाता है. किसी की मृत्यू के बाद 13वीं की जाती है और इसे मुक्ति से जोड़कर देखा जाता है. इसके अलावा, 13वीं के बाद घर में वापस से सामान्य जीवन की ओर बढ़ा जाता है. जीवन में सामान्य स्थिती लाने और दुख के दूर होने से भी इसे जोड़कर देखा जाता है. ऐसे में 13 अंक मृत्यू का नहीं बल्कि हिंदुओं के हिसाब से मुक्ति का प्रतीक है.
* क्या चंद्रमा का अंक है 13?
कुछ लोग इसे चंद्रमा से भी जोड़कर देखते हैं और कहा जाता है कि मूलांक 4 चंद्रमा से जुड़ा हुआ है. अगर ये चंद्रमा से जुड़ा हुआ है तो भी ये किसी तरह से खराब नहीं हो सकता. चंद्रमा शांति का प्रतीक है और समृद्धि को दर्शाता है.
चाहें ये अंक सूर्य से जुड़ा हो, चाहें चंद्रमा से, चाहें उपग्रह राहू से ये कहीं से भी अशुभ नहीं माना गया है.
13 तो ठीक, लेकिन शुक्रवार का क्या?
अभी तक हम 13 अंक की बात कर रहे थे, लेकिन अब बात करते हैं शुक्रवार की. कहीं शुक्रवार तो हिंदुओं के लिए गलत नहीं?
तो इसका जवाब है नहीं. शुक्रवार हिंदुओं के लिए बहुत शुभ दिन है. कोई नया काम शुरू करना, कोई नया सामान खरीदना, कोई बड़ी पूजा अनुष्ठान सब शुक्रवार के शुभ दिन से शुरू किया जा सकता है क्योंकि ये लक्ष्मी का दिन है. इसके अलावा, इसे संतोषी मां का दिन भी कहा जाता है. शुक्र ग्रह की पूजा करने वाले का धन, वैभव मजबूत होता है उसे सुख मिलता है ऐसा कहा जाता है हमारे पुराणों में.
अब मुद्दा ये है कि अगर हिंदुओं में ये मान्यता है कि ये शुभ अंक है तो फिर इसके अशुभ प्रभाव आखिर कैसे पड़ सकते हैं? ये सब खेल मान्यताओं का है. हमारे पुराण कुछ और कहते हैं और किसी और धर्म के ग्रंथों में कुछ और लिखा है. ऐसे में ये व्यक्ति विशेष पर ही निर्भर करता है कि आखिर उसे ये दिन कैसा देखना है. साल में एक, दो या तीन जितनी भी बार शुक्रवार 13 तारीख को पड़े उसे गलत ही समझना और बुरा समझ लेना गलत है. ये सब समझ का फेर ही है. 13 शुभ मानें या अशुभ ये सब सिर्फ भ्रम की बात है. बहरहाल, मेरे लिए तो साल के सभी दिन बराबर ही हैं.
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