आईटीसी का नाम आपने सुना होगा. अगर नहीं तो कोई बात नहीं. बिल्ली तो आपने अवश्य ही देखी होगी. बिल्ली का पसंदीदा आहार चूहे हैं. बिल्ली अगर कहीं चूहा देख ले तो फिर समझ लीजिये चूहे की शामत है. चाहे कुछ हो जाए, क्यों न कितनी ही बंदिशें लगा ली जाएं बिल्ली चूहा मार के ही मानेगी. चूहे बिल्ली को लेकर कई कहावतें आज हमारे समाज में प्रासंगिक हैं. उदाहरण स्वरूप "क्या चूहे बिल्ली का खेल लगा रखा है?" और "सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को." ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि चूहे खाने के बाद बिल्कुल शुद्ध हो ही जाए. न चूहा अपनी फितरत से बाज आएगा और न ही बिल्ली अपनी आदत छोड़ेगी.
यहां हमने पहले आईटीसी का जिक्र किया है फिर चूहे बिल्ली की बात की है. हम आपको ये बिल्कुल भी नहीं बताएंगे कि आईटीसी यानी इंडियन टोबैको कम्पनी में चूहों का आतंक है और उनके सफाए के लिए किसी बिल्ली को रिक्रूट किया गया है. बल्कि जो हम आपको बताएंगे वो कहीं ज्यादा सोचनीय है. खबर है कि अलग-अलग ब्रांड की सिगरेटों से वातावरण में कार्बन मोनो डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ाने वाली कम्पनी आईटीसी अब स्वास्थ्य क्षेत्र में आने के बारे में योजना बना रही है.
जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. दरअसल हुआ कुछ यूं है कि आईटीसी के एमडी संजीव पुरी हैदराबाद में अपने 775 करोड़ के प्रोजेक्ट आईटीसी कोहिनूर सुपर लक्ज़री होटल का उद्घाटन करने आए थे. अपनी इस उपलब्धि से उत्साहित पुरी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी और कंपनी की आगामी और दूरगामी योजनाओं के बारे में भी खुल के बात की.
प्रोग्राम होगा तो पत्रकार होंगे ही. पत्रकार होंगे तो प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित होगी और सवाल भी पूछे जाएंगे. यहां भी यही हुआ. जब पुरी से पूछा गया कि क्या...
आईटीसी का नाम आपने सुना होगा. अगर नहीं तो कोई बात नहीं. बिल्ली तो आपने अवश्य ही देखी होगी. बिल्ली का पसंदीदा आहार चूहे हैं. बिल्ली अगर कहीं चूहा देख ले तो फिर समझ लीजिये चूहे की शामत है. चाहे कुछ हो जाए, क्यों न कितनी ही बंदिशें लगा ली जाएं बिल्ली चूहा मार के ही मानेगी. चूहे बिल्ली को लेकर कई कहावतें आज हमारे समाज में प्रासंगिक हैं. उदाहरण स्वरूप "क्या चूहे बिल्ली का खेल लगा रखा है?" और "सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को." ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि चूहे खाने के बाद बिल्कुल शुद्ध हो ही जाए. न चूहा अपनी फितरत से बाज आएगा और न ही बिल्ली अपनी आदत छोड़ेगी.
यहां हमने पहले आईटीसी का जिक्र किया है फिर चूहे बिल्ली की बात की है. हम आपको ये बिल्कुल भी नहीं बताएंगे कि आईटीसी यानी इंडियन टोबैको कम्पनी में चूहों का आतंक है और उनके सफाए के लिए किसी बिल्ली को रिक्रूट किया गया है. बल्कि जो हम आपको बताएंगे वो कहीं ज्यादा सोचनीय है. खबर है कि अलग-अलग ब्रांड की सिगरेटों से वातावरण में कार्बन मोनो डाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ाने वाली कम्पनी आईटीसी अब स्वास्थ्य क्षेत्र में आने के बारे में योजना बना रही है.
जी हां बिल्कुल सही सुन रहे हैं आप. दरअसल हुआ कुछ यूं है कि आईटीसी के एमडी संजीव पुरी हैदराबाद में अपने 775 करोड़ के प्रोजेक्ट आईटीसी कोहिनूर सुपर लक्ज़री होटल का उद्घाटन करने आए थे. अपनी इस उपलब्धि से उत्साहित पुरी ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी और कंपनी की आगामी और दूरगामी योजनाओं के बारे में भी खुल के बात की.
प्रोग्राम होगा तो पत्रकार होंगे ही. पत्रकार होंगे तो प्रेस कांफ्रेंस भी आयोजित होगी और सवाल भी पूछे जाएंगे. यहां भी यही हुआ. जब पुरी से पूछा गया कि क्या कंपनी हेल्थ केयर सेक्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती हैं तो इसपर पुरी का जवाब चौंकाने वाला था. पुरी के अनुसार इसके लिए एक छोटी टीम का गठन किया गया है. इस टीम का उद्देश्य एक बिजनेस प्लान तैयार करना होगा जिसकी रिपोर्ट उन्हें अगले एक वर्ष के अन्दर देनी होगी.
साथ ही पुरी ने ये माना है कि कम्पनी के तमाम शेयरहोल्डर भी तैयार हैं कि कम्पनी स्वास्थ्य क्षेत्र में उतरे और बिजनेस का विस्तार करे. स्वास्थ्य को लेकर पुरी और आईटीसी का क्या प्लान है फ़िलहाल इसकी कोई जानकारी नहीं है मगर इतना तो साफ है कि अब जल्दी ही कम्पनी इस क्षेत्र में भी उपस्थिति दर्ज कराएगी.
बहरहाल ये खबर इस लिए भी हैरत में डालने वाली है क्योंकि आज इस देश की एक बड़ी आबादी कैंसर विशेषकर लंग कैंसर से ग्रसित है. अब जब बात भारत में सिगरेट निर्माता कंपनियों की हो तो आईटीसी एकमात्र ऐसा नाम है जो काफी लम्बे समय से भारत की जनता को धुंआ मुहैया करा रहा है. खुद कल्पना करके देखिये एक तरफ कम्पनी सिगरेट पिलाए और दूसरी तरफ उस सिगरेट के कारण उत्पन्न हुए कैंसर का इलाज करे ये वाकई आश्चर्य में डालने वाला है.
खैर जब आईटीसी हेल्थ केयर में आएगी तब आएगी मगर आईटीसी के हेल्थ सेक्टर में आने के बाद वो कहावत चरितार्थ हो गई जब कहने वाले ने कहा कि सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को. यानी अगर आईटीसी इस सेक्टर में एंट्री कर लेती है तो कहीं न कहीं वो अपने दोषों से मुक्त हो जाएगी.
ये भी पढ़ें -
देश में आज ही मर गए 3000 बच्चे ! कोई खबर मिली...
भारत में योग में नुक्स निकालने की कवायद पिछड़ापन ही नहीं, शर्मनाक भी है
भारत का सबसे नया और खतरनाक ट्रेंड Medical Kidnapping..
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.