रिश्ता दो लोगों के बीच होता है. मगर कई बार इसके टूटने का दोष सिर्फ महिलाओं के सिर मढ़ दिया जाता है. लोगों का कहना होता है कि पत्नी ही अपनी गृहस्थी नहीं संभाल पाई. लोगों की नजरों में सारी गलती उस महिला की होती है. लोग उसे जज करने लगते हैं औऱ उस पर तरह-तरह के इल्जाम लगाते हैं.
जबकि यह सही नहीं है. कभी भी ताली एक हाथ से नहीं बजती है. अगर दो लोग अलग हो रहे हैं तो उनके बीच की बात सिर्फ उन्हें ही पता होगी, मगर यह बात लोगों को कौन समझाए? वे तो बिना सोचे समझे महिला पर ये इल्जाम लगा देते है. आइए एक नजर डालते हैं-
बाहर नौकरी करना
लोगों का लगता है कि जो महिला बाहर जाती है, नौकरी करती है उसका ध्यान घर पर कम और बाहर अधिक रहता है. वह घर को संभाल नहीं पाती है इस कारण उसका घर टूट जाता है.
वह बहुत तेज है
लोग कहते हैं कि उसकी जुबान देखी है, कैंची की तरह तेज चलती है. वह बहुत तेज है. उन्हें कौन समझाए की सही औऱ काम की बात करना तेज होना नहीं होता है.
अपने आगे पति की चलने नहीं देती है
लोगों को लगात है कि महिलाओं की घर में चलती है औऱ पति उसके कदमों तले दबा रहता है. वह बेचारा है औऱ पत्नी उस पर अपना हुक्म चलाती है. वह उस पर शक करती है, वे कहते हैं कि ऐसी पत्नी के पास किसका दम नहीं घुटेगा.
पति पर ध्यान नहीं देती है
पत्नी पूरे घर का काम करती है. ऑफिस जाती है. रात में ऑफिस से आकर चाय, खाना बनाती है. वह पति के कपड़े धोती है, उसे सुखाती है फिर संभाल कर रखती है, ताकि सुबह नहाने के बाद जब पति पूछे तौलिया कहां है तो वह भागे-भागे हाजिर हो सके. फिर भी लोगों को लगता है कि पति अपने पति पर ध्यान नहीं देती है.
पति को जोरू का गुलाम समझती है
पत्नी भले घर संभाले, मगर पति ने अगर थोड़ी सी मदद कर दी तो लोग कहने लगते हैं कि फलानी तो पति को अपना गुलाम बनाकर रखती है. यह किसी को नहीं दिखता है कि घर के लिए वह कितना कुछ...
रिश्ता दो लोगों के बीच होता है. मगर कई बार इसके टूटने का दोष सिर्फ महिलाओं के सिर मढ़ दिया जाता है. लोगों का कहना होता है कि पत्नी ही अपनी गृहस्थी नहीं संभाल पाई. लोगों की नजरों में सारी गलती उस महिला की होती है. लोग उसे जज करने लगते हैं औऱ उस पर तरह-तरह के इल्जाम लगाते हैं.
जबकि यह सही नहीं है. कभी भी ताली एक हाथ से नहीं बजती है. अगर दो लोग अलग हो रहे हैं तो उनके बीच की बात सिर्फ उन्हें ही पता होगी, मगर यह बात लोगों को कौन समझाए? वे तो बिना सोचे समझे महिला पर ये इल्जाम लगा देते है. आइए एक नजर डालते हैं-
बाहर नौकरी करना
लोगों का लगता है कि जो महिला बाहर जाती है, नौकरी करती है उसका ध्यान घर पर कम और बाहर अधिक रहता है. वह घर को संभाल नहीं पाती है इस कारण उसका घर टूट जाता है.
वह बहुत तेज है
लोग कहते हैं कि उसकी जुबान देखी है, कैंची की तरह तेज चलती है. वह बहुत तेज है. उन्हें कौन समझाए की सही औऱ काम की बात करना तेज होना नहीं होता है.
अपने आगे पति की चलने नहीं देती है
लोगों को लगात है कि महिलाओं की घर में चलती है औऱ पति उसके कदमों तले दबा रहता है. वह बेचारा है औऱ पत्नी उस पर अपना हुक्म चलाती है. वह उस पर शक करती है, वे कहते हैं कि ऐसी पत्नी के पास किसका दम नहीं घुटेगा.
पति पर ध्यान नहीं देती है
पत्नी पूरे घर का काम करती है. ऑफिस जाती है. रात में ऑफिस से आकर चाय, खाना बनाती है. वह पति के कपड़े धोती है, उसे सुखाती है फिर संभाल कर रखती है, ताकि सुबह नहाने के बाद जब पति पूछे तौलिया कहां है तो वह भागे-भागे हाजिर हो सके. फिर भी लोगों को लगता है कि पति अपने पति पर ध्यान नहीं देती है.
पति को जोरू का गुलाम समझती है
पत्नी भले घर संभाले, मगर पति ने अगर थोड़ी सी मदद कर दी तो लोग कहने लगते हैं कि फलानी तो पति को अपना गुलाम बनाकर रखती है. यह किसी को नहीं दिखता है कि घर के लिए वह कितना कुछ करती है.
अपनी आजादी प्यारी
वह तो अपने पति की एक बात ही नहीं सुनती है. उसे अपनी आजादी प्यारी है. जब देखो तब अपनी सहेलियों के साथ बाहर घूमती रहती है. जब जहां जाना है जाती है, किसी से पूछती भी नहीं है. इनके हिसाब से पत्नी की अपनी कोई लाइफ ही नहीं होना चाहिए.
मायके पर ज्यादा ध्यान
लोगों को लगता है कि पत्नी का ध्यान ससुराल पर कम औऱ मायके पर ज्यादा रहता है. क्या एक शादीशुदा लड़की अपने मां-बाप का ध्यान नहीं रख सकती? क्या वह बेटों की तरह अपनी मां-बाप की संतान नहीं है?
इस तरह लोग रिश्ता टूटने का इल्जाम पत्नी पर लगा देते हैं. इतना ही नहीं लोगों का कहना होता है कि वह अपने पति को अपने पास भटकने नहीं देती है. जबकि ये सारी बातें मनगढ़ंत होती हैं, कोई उस महिला से नहीं पूछता है कि आखिर रिश्ता टूटने की असली वजह क्या है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.