ड्राइवर शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में किसी पुरुष की छवि उभर आती है. लेकिन अब महिलाएं इस मिथक को तोड़ रही हैं. ओला और उबर जैसी कंपनियां अब महिलाओं को इस क्षेत्र में बढ़ चढ़कर काम दे रही हैं. इनमें से अधिकतर घरेलु महिलाएं और मांए हैं जो दिन में अपना घर, अपने बच्चे संभालती हैं और रात में टैक्सी चलाती हैं. जी सही पढ़ा आपने. महिलाएं रात में ड्राइवर का काम कर रही हैं. और यकीन मानिए ये किसी दूसरे देश की नहीं बल्कि अपने भारत की कहानी है.
30 साल की रिज़वाना शेख से मिलिए. लखनऊ में पली बढ़ी रिज़वाना, शादी के बाद मुंबई आ गईं. दिन में रिज़वाना एक गृहणी और मां की जिम्मेदारी कुशलतापूर्वक निभाती हैं, तो रात में ओला के लिए कैब चलाती हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में रिज़वाना बताती हैं- 'जब मैं लोगों से रास्ता पूछने के लिए रूकती हूं या फिर मुझे ड्राइव करते देखते हैं तो एकबारगी को किसी को विश्वास ही नहीं होता. हालांकि नशे में धुत्त आदमियों से मुझे असहजता महसूस होती है और मैं राइड कैंसिल कर देती हूं.'
रिज़वाना इसके पहले एक ब्यूटी पार्लर में काम करतीं थीं. लेकिन वहां कमाई कम थी. इसलिए उन्होंने कैब चलाने का फैसला किया. अब वो महीने के 30 से 40 हजार कमा लेती हैं. रिज़वाना कहती हैं- 'ये ज्यादा अच्छा प्रोफेशन है. मेरे पति और परिवार ने इस फैसले में मेरा साथ दिया. ये जॉब मेरे परिवार के खर्चे के लिए बहुत जरुरी है.'
कई कैब कंपनियां हैं जो महिलाओं के लिए महिला कैब ड्राइवर की सुविधा देते हैं. महिला सशक्तिकरण के इस कदम में ओला थोड़ा आगे बढ़कर अब महिला ओला व्यवसायी बनाना चाहती है. वैसे हर कैब में इंस्टॉल किए गए जीपीएस सिस्टम से कार की लोकेशन लगातार ट्रैक होती रहती है. ये महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के...
ड्राइवर शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में किसी पुरुष की छवि उभर आती है. लेकिन अब महिलाएं इस मिथक को तोड़ रही हैं. ओला और उबर जैसी कंपनियां अब महिलाओं को इस क्षेत्र में बढ़ चढ़कर काम दे रही हैं. इनमें से अधिकतर घरेलु महिलाएं और मांए हैं जो दिन में अपना घर, अपने बच्चे संभालती हैं और रात में टैक्सी चलाती हैं. जी सही पढ़ा आपने. महिलाएं रात में ड्राइवर का काम कर रही हैं. और यकीन मानिए ये किसी दूसरे देश की नहीं बल्कि अपने भारत की कहानी है.
30 साल की रिज़वाना शेख से मिलिए. लखनऊ में पली बढ़ी रिज़वाना, शादी के बाद मुंबई आ गईं. दिन में रिज़वाना एक गृहणी और मां की जिम्मेदारी कुशलतापूर्वक निभाती हैं, तो रात में ओला के लिए कैब चलाती हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में रिज़वाना बताती हैं- 'जब मैं लोगों से रास्ता पूछने के लिए रूकती हूं या फिर मुझे ड्राइव करते देखते हैं तो एकबारगी को किसी को विश्वास ही नहीं होता. हालांकि नशे में धुत्त आदमियों से मुझे असहजता महसूस होती है और मैं राइड कैंसिल कर देती हूं.'
रिज़वाना इसके पहले एक ब्यूटी पार्लर में काम करतीं थीं. लेकिन वहां कमाई कम थी. इसलिए उन्होंने कैब चलाने का फैसला किया. अब वो महीने के 30 से 40 हजार कमा लेती हैं. रिज़वाना कहती हैं- 'ये ज्यादा अच्छा प्रोफेशन है. मेरे पति और परिवार ने इस फैसले में मेरा साथ दिया. ये जॉब मेरे परिवार के खर्चे के लिए बहुत जरुरी है.'
कई कैब कंपनियां हैं जो महिलाओं के लिए महिला कैब ड्राइवर की सुविधा देते हैं. महिला सशक्तिकरण के इस कदम में ओला थोड़ा आगे बढ़कर अब महिला ओला व्यवसायी बनाना चाहती है. वैसे हर कैब में इंस्टॉल किए गए जीपीएस सिस्टम से कार की लोकेशन लगातार ट्रैक होती रहती है. ये महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए बहुत जरुरी है और लाभदायक भी.
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