शराब पीना बुरा है. पब्लिक प्लेस और पब्लिक के सामने पीना उससे भी बुरा है. टीवी- फ़िल्म में कोई मदिरा पान करे तो भी उसे ठीक नहीं माना जाता. सेंसर बोर्ड की गाइड लाइन है, ऐसे सीन के नीचे पट्टी चलवा देने और ये लिख देने की कि शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है. अब सवाल ये है कि जब शराब इतनी ही बुरी चीज है तो समाज की मीन मेख और नैतिकता की तमाम बातें तब कहां चली जाती हैं जब हम सड़क पर जा रही किसी बारात के साथ आ रहे बारातियों और कभी कभी दूल्हे तक को नशे में धुत देखते हैं. क्या लोग ये मान बैठे हैं कि शादी में शराबखोरी शादी से भी ज्यादा जरूरी रस्म है? क्या वो शराब ही है जो शादी को सम्पूर्ण करती है? हमारी भारतीय शादियों में तमाम मौके आए हैं जब शराब ने ब्लंडर किया और मजा खराब न हो, इसलिए उसे नजरअंदाज कर दिया गया. मगर हर बार इस भूल को नकारा जाए ये जरूरी नहीं. ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जहां एक 22 वर्षीय दुल्हन ने सिर्फ इसलिए शादी तोड़ दी क्योंकि दूल्हा और उसके दोस्त नशे में धुत थे. मामले में दिलचस्प ये कि न केवल दुल्हन ने शादी रद्द की, बल्कि उसके परिवार ने दूल्हे और बारातियों को बंधक बना लिया और शादी तय होने पर दिए गए उपहारों को वापस करने की मांग की.
मौके पर स्थिति कैसी थी? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लड़की वालों द्वारा ऐसा किये जाने के बाद लड़के वालों के हाथ पांव फूल गए. उन्होंने अपनी मदद के लिए पुलिस को बुलाया और उनसे आग्रह किया कि वह मामले में बीच बचाव करे मगर लड़की अपनी बातों पर अड़ी रही उसने शराबी दूल्हे को 'तलाक' देकर अपने दरवाजे पर बेइज्जत किया और खाली हाथ भेज दिया.
बताते चलें कि मामला प्रयागराज के प्रतापगढ़ का...
शराब पीना बुरा है. पब्लिक प्लेस और पब्लिक के सामने पीना उससे भी बुरा है. टीवी- फ़िल्म में कोई मदिरा पान करे तो भी उसे ठीक नहीं माना जाता. सेंसर बोर्ड की गाइड लाइन है, ऐसे सीन के नीचे पट्टी चलवा देने और ये लिख देने की कि शराब पीना सेहत के लिए हानिकारक है. अब सवाल ये है कि जब शराब इतनी ही बुरी चीज है तो समाज की मीन मेख और नैतिकता की तमाम बातें तब कहां चली जाती हैं जब हम सड़क पर जा रही किसी बारात के साथ आ रहे बारातियों और कभी कभी दूल्हे तक को नशे में धुत देखते हैं. क्या लोग ये मान बैठे हैं कि शादी में शराबखोरी शादी से भी ज्यादा जरूरी रस्म है? क्या वो शराब ही है जो शादी को सम्पूर्ण करती है? हमारी भारतीय शादियों में तमाम मौके आए हैं जब शराब ने ब्लंडर किया और मजा खराब न हो, इसलिए उसे नजरअंदाज कर दिया गया. मगर हर बार इस भूल को नकारा जाए ये जरूरी नहीं. ऐसा ही कुछ हुआ है उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जहां एक 22 वर्षीय दुल्हन ने सिर्फ इसलिए शादी तोड़ दी क्योंकि दूल्हा और उसके दोस्त नशे में धुत थे. मामले में दिलचस्प ये कि न केवल दुल्हन ने शादी रद्द की, बल्कि उसके परिवार ने दूल्हे और बारातियों को बंधक बना लिया और शादी तय होने पर दिए गए उपहारों को वापस करने की मांग की.
मौके पर स्थिति कैसी थी? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लड़की वालों द्वारा ऐसा किये जाने के बाद लड़के वालों के हाथ पांव फूल गए. उन्होंने अपनी मदद के लिए पुलिस को बुलाया और उनसे आग्रह किया कि वह मामले में बीच बचाव करे मगर लड़की अपनी बातों पर अड़ी रही उसने शराबी दूल्हे को 'तलाक' देकर अपने दरवाजे पर बेइज्जत किया और खाली हाथ भेज दिया.
बताते चलें कि मामला प्रयागराज के प्रतापगढ़ का है. जहां एक किसान ने अपनी बेटी की शादी रविंद्र पटेल नाम के लड़के से तय की. लड़की और लड़की के घर वालों का आरोप है कि शादी समारोह में दूल्हे और उसके दोस्तों ने जमकर शराब पी और एक से एक बेहूदा हरकतें की. शुरुआत में लड़की पक्ष दूल्हे और उसके दोस्तों की हरकतों को नजरअंदाज करता रहा लेकिन हद तब हो गयी जब जयमाला के वक़्त दूल्हे ने अपने दोस्तों के कहने पर दुल्हन को भरी शादी में नाचने के लिए मजबूर किया.
दुल्हन को दूल्हें की ये हरकत नागवार गुजरी और उसने डांस करने से साफ मना कर दिया. लड़की की इस 'गुस्ताखी' ने 'दूल्हा'बने लड़के को आहत किया और उसने हंगामा शुरू कर दिया. दूल्हे की इस हरकत ने आग में घी का काम किया और उसके व्यवहार से चिढ़कर लड़की ने भी शादी करने से मना कर दिया. बाद में तिलक के वक़्त लड़की वालों ने जो गिफ्ट लड़के के परिजनों को दिए थे उन्हें मुद्दा बनाया और दूल्हे एवं उसके दोस्तों को बंधक बना लिया.
मौके पर पुलिस तो आई मगर बात ही कुछ ऐसी थी वो कुछ करने में नाकाम रही. मामला तब कुछ हद तक शांत हुआ जब दूल्हे के घरवालों ने वधू पक्ष को नकदी के अलावा अन्य चीजें वापस देने पर हामी भरी.
यूपी के प्रतापगढ़ में घटित इस घटना पर देने को 100 तरह के तर्क दिए जा सकते हैं. मामले को प्रो/ एंटी फेमिनिज्म के सांचे में ढाला जा सकता है. इसपर कई लोगों का पैनल बुलाकर डिबेट भी कराई जा सकती है लेकिन जब मुद्दा शराब हो तो निकल कर सामने यही आता है कि शराब का सेवन करने के आदमी खुद को पहलवान समझ लेता है. अच्छा चूंकि बात यहां शादी के दौरान शराब पर हुई है तो कहीं दूर क्या ही जाना हमारे आस पास तमाम ऐसी शादियां हुई हैं जिनमें शराब के नशे में धुत दूल्हे और उसके साथ आए लोगों ने एक से एक कांड किये हैं और सब ठीक से निपट जाए इस उम्मीद के साथ लोगों ने उसपर पर्दा डाला है.
प्रतापगढ़ में जो हुआ है उसकी तारीफ इसलिए भी होनी चाहिए क्यों कि वहां दुल्हन ने दूल्हे को न केवल उसकी हदों से रू-ब-रू कराया है. बल्कि समाज और समाज में रह रहे लोगों को ये भी बता दिया है कि अगर शादी को शराब ही सम्पूर्ण बनाती है, और उस दैरान एक जरूरी रस्म है. तो फिर ऐसा 'तलाक' ही वो तरीका है जिसका इस्तेमाल करते हुए शराब पीकर ख़ुद को शहंशाह समझने वाले लोगों को सबक सिखाया जा सकता है.
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