अमेरिका के फ्लोरिडा की रहने वाली 28 साल की स्टेफनी जर्मिनो को ब्रेंस्ट कैंसर (Breast cancer) होने का खतरा था, इसलिए उन्होंने एहितियात बरतते हुए पहले ही अपने ब्रेस्ट (Breast) निकलवा दिए और अब उम्र भर बिना ब्रेस्ट के रहने का फैसला कर लिया है. यह फैसला वाकई साहसी है, क्योंकि यहां तो महिलाओं के छोटे ब्रेस्ट को आत्मविश्वास में कमी माना जाता है. महिलाएं ब्रेस्ट को उभारने के लिए तरह-तरह के उपाय करती हैं. कभी पुशअप ब्रा तो कभी फलाने तेल तो कभी सर्जरी.
ऐसी कितनी अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने अपने फिगर को मेंनटेन करने के लिए ब्रेस्ट इम्प्लांट करवाए हैं. महिलाएं सुडौल और कसा हुआ स्तन चाहती हैं, इसलिए बिना कैंसर हुए ही वे कॉस्मैटिक सर्जरी का सहारा लेती हैं. कई महिलाएं कैंसर के कारण स्तन कटवाने के बाद दोबारा ब्रेस्ट इंप्लांट करवा लेती हैं. ऐसे में इस महिला के फैसले पर हैरानी तो होगी ही.
असल में स्टेफनी जर्मिनो को अपने ऊपर पूरा भरोसा है. वह कहती है कि मैंने अपने बच्चे को दूध पिला लिया है. अब मैं बिना ब्रेस्ट के ही आत्मविश्वास महसूस करती हूं.
यह करना स्टेफनी के लिए आसान नहीं था मगर वो कैंसर से मरना नहीं चाहती थीं. इन सब में उनके मंगेतर डायना औऱ परिवार ने साथ दिया. इसलिए उन्होंने हिम्मत दिखाई औऱ अब ने दोबारा ब्रेस्ट नहीं लगवाने वाली हैं. वे अपनी सच्चाई के साथ खुश हैं.
असल में स्टेफनी 27 साल की थीं तो उनके अंदर BRCA1 जीन म्यूटेशन की पुष्टि हुई थी, यह एक तरह का बदलाव है जिसके बाद कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. उनकी नानी को दो बार कैंसर हुआ था और उनकी मां भी BRCA1 पॉजिटिव थीं. उनके परिवार में कैंसर...
अमेरिका के फ्लोरिडा की रहने वाली 28 साल की स्टेफनी जर्मिनो को ब्रेंस्ट कैंसर (Breast cancer) होने का खतरा था, इसलिए उन्होंने एहितियात बरतते हुए पहले ही अपने ब्रेस्ट (Breast) निकलवा दिए और अब उम्र भर बिना ब्रेस्ट के रहने का फैसला कर लिया है. यह फैसला वाकई साहसी है, क्योंकि यहां तो महिलाओं के छोटे ब्रेस्ट को आत्मविश्वास में कमी माना जाता है. महिलाएं ब्रेस्ट को उभारने के लिए तरह-तरह के उपाय करती हैं. कभी पुशअप ब्रा तो कभी फलाने तेल तो कभी सर्जरी.
ऐसी कितनी अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने अपने फिगर को मेंनटेन करने के लिए ब्रेस्ट इम्प्लांट करवाए हैं. महिलाएं सुडौल और कसा हुआ स्तन चाहती हैं, इसलिए बिना कैंसर हुए ही वे कॉस्मैटिक सर्जरी का सहारा लेती हैं. कई महिलाएं कैंसर के कारण स्तन कटवाने के बाद दोबारा ब्रेस्ट इंप्लांट करवा लेती हैं. ऐसे में इस महिला के फैसले पर हैरानी तो होगी ही.
असल में स्टेफनी जर्मिनो को अपने ऊपर पूरा भरोसा है. वह कहती है कि मैंने अपने बच्चे को दूध पिला लिया है. अब मैं बिना ब्रेस्ट के ही आत्मविश्वास महसूस करती हूं.
यह करना स्टेफनी के लिए आसान नहीं था मगर वो कैंसर से मरना नहीं चाहती थीं. इन सब में उनके मंगेतर डायना औऱ परिवार ने साथ दिया. इसलिए उन्होंने हिम्मत दिखाई औऱ अब ने दोबारा ब्रेस्ट नहीं लगवाने वाली हैं. वे अपनी सच्चाई के साथ खुश हैं.
असल में स्टेफनी 27 साल की थीं तो उनके अंदर BRCA1 जीन म्यूटेशन की पुष्टि हुई थी, यह एक तरह का बदलाव है जिसके बाद कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. उनकी नानी को दो बार कैंसर हुआ था और उनकी मां भी BRCA1 पॉजिटिव थीं. उनके परिवार में कैंसर का इतिहास था. इसलिए वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थीं. हालाांकि अगर वे चाहतीं तो सर्जरी के बाद फिर से ब्रेस्ट पा सकती थीं मगर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया. उनका मानना है कि बिना ब्रेस्ट के रहने में क्या बुराई है. मैं क्यों नकली ब्रेस्ट पाकर खुशी मनाऊं? मैं ऐसे ही ठीक हूं.
सोचिए एक तरफ महिलाएं अपनी बॉडी को स्वीकार करने में शर्मिंदा होती हैं. वे अपने आप को बदलने पर तुली हैं. पतली होने के लिए वे दिन भर बिना खाए डाइटिंग करती है. चेहरे को ठीक बनाने के लिए कॉस्मैटिक सर्जरी का सहारा लेती हैं. बोटोक्स औऱ फिलर्स का सहारा लेती हैं. फैट कम करने के लिए सजर्री कराती हैं. नोज़, चिक और लिप जॉब कराती हैं. ऐसे में यह महिला ऐसी है जिसने खुद को असली रूप में अपना लिया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, बॉडी को शेप में रखने की चाहत में पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट इंप्लांट कराने का चलन तेजी से बढ़ा है. साल 2019 में 1.5 लाख ब्रेस्ट इम्प्लांट सर्जरी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेस्ट इंप्लांट का खतरा भी है. जैसे सर्जरी वाले हिस्से में दर्द होना, संक्रमण फैलना, निप्पल के आकार बदलना, लीकेज होना या फिर पोजिशन का बदल जाना. इतना ही नहीं या कई बार सर्जरी वाला हिस्सा फट भी सकता है.
अपने लुक के लिए पागल महिलाओं को ब्रेस्ट इंप्लांट के खतरे के बारे में सब पता रहता है फिर भी वे परफेक्ट स्तनों की चाह में रिस्क लेने को राजी हो जाती हैं. इसके लिए वे करीब 80 हजार से 1.5 लाख रुपये तक खर्च करती हैं, जिसमें करीब तीन घंटे लगते हैं.
स्टेफनी ने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट कर बताया है कि लोग उससे कहते हैं कि सर्जरी के बाद वह आदमियों जैसी दिखने लगी है, इसलिए उसे नेल औऱ मेकअप करना छोड़ देना चाहिए. मगर वे अपना आपा खोए बना लोगों के तानों को इग्नोर करती हैं. वे जैसी हैं खुद से प्यार करती हैं औऱ लोगों की बातों की परवाह नहीं करती हैं. उनका स्तन कटा है मगर हैं तो वे महिला ही. इसलिए वे महिलाओं की तरह सजधज कर रहती हैं. उनके हिसाब से सिर्फ ब्रेस्ट की किसी महिला की पहचान नहीं है. महिलाएं स्तन से कहीं अधिक हैं.
जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है वे तो मजबूरी में सर्जरी कराकर अपने ब्रेस्ट कटवाती हैं और फिर लगवाती हैं. मगर कुछ महिलाएं तो शौकियाई तौर पर ब्रेस्ट इंप्लांट कराती हैं. ऐसे में इस महिला को सैल्यूट करना तो बनता है, जिसने कैंसर के डर के ब्रेस्ट तो हटवाए मगर लगवाया नहीं. दुनिया के सामने बिना ब्रेस्ट के आने के लिए किसी महिला में हिम्मत चाहिए.
आसान नहीं है लोगों की चुभती निगाहों को बर्दाश्त करना, लोगों के बुरे कमेंट को झेलना. लोगों का सामना करने के लिए कलेजा चाहिए कलेजा, जो इस महिला के पास है. हम औऱ आप तो शायद ऐसा सोच भी नहीं सकते...
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