पाकिस्तान और ऑनर किलिंग ये दो शब्द सुनकर आपके मन में क्या ख्याल आता है? शायद यही की फिर कोई मासूम लड़की मार दी गई हो. शायद फिर किसी पिता, भाई या मां ने अपनी बेटी या बहू की आहूती चढ़ा दी हो, लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ है.
कितनी बार ऐसा सुना है कि किसी पत्नी ने अपने पति को गोली मार दी हो वो भी पाकिस्तान में. ये मामला ऑनर किलिंग का है. पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा के शांग्ला गांव में रहने वाली बेगम बीबी ने अपने पति गुल्बार खान की हत्या कर दी. सुनने में ये खराब लगेगा, लेकिन अगर आप इसकी वजह जानेंगे तो शायद ये हत्या नहीं एक सजा दिखेगी.
अब इसे दूसरे तरीके से देखिए. किसी खुले विचारों वाले देश में ऐसा होता तो फिर भी एक बार सोचना आसान था, लेकिन पाकिस्तान में? बेटे ने भी पिता को मारने का सोचा था, लेकिन अगर उसने ऐसा नहीं किया क्योंकि उसे माता-पिता की इज्जत करनी थी. तो उसने अपनी मां को ये बताया और कहा कि वो घर छोड़ देगा. पाकिस्तान जैसा देश जहां बहू की इज्जत बचाने के लिए किसी सास ने ऐसा कदम उठा लिया. किसी भी मामले में किसी की जान लेना सही नहीं है, लेकिन जो प्यार और जिम्मेदारी बेगम बीबी ने अपनी बहू के लिए दिखाई वो सही है.
बेटा पिता के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकता, लेकिन पुलिस में तो जा सकता था? पर माता-पिता की इज्जत उसे पत्नी से ज्यादा प्यारी थी. अब खुद ही सोचिए ऐसा देश जहां शायद पुलिस को बता भी दिया जाता तो भी पीड़िता...
पाकिस्तान और ऑनर किलिंग ये दो शब्द सुनकर आपके मन में क्या ख्याल आता है? शायद यही की फिर कोई मासूम लड़की मार दी गई हो. शायद फिर किसी पिता, भाई या मां ने अपनी बेटी या बहू की आहूती चढ़ा दी हो, लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ है.
कितनी बार ऐसा सुना है कि किसी पत्नी ने अपने पति को गोली मार दी हो वो भी पाकिस्तान में. ये मामला ऑनर किलिंग का है. पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा के शांग्ला गांव में रहने वाली बेगम बीबी ने अपने पति गुल्बार खान की हत्या कर दी. सुनने में ये खराब लगेगा, लेकिन अगर आप इसकी वजह जानेंगे तो शायद ये हत्या नहीं एक सजा दिखेगी.
अब इसे दूसरे तरीके से देखिए. किसी खुले विचारों वाले देश में ऐसा होता तो फिर भी एक बार सोचना आसान था, लेकिन पाकिस्तान में? बेटे ने भी पिता को मारने का सोचा था, लेकिन अगर उसने ऐसा नहीं किया क्योंकि उसे माता-पिता की इज्जत करनी थी. तो उसने अपनी मां को ये बताया और कहा कि वो घर छोड़ देगा. पाकिस्तान जैसा देश जहां बहू की इज्जत बचाने के लिए किसी सास ने ऐसा कदम उठा लिया. किसी भी मामले में किसी की जान लेना सही नहीं है, लेकिन जो प्यार और जिम्मेदारी बेगम बीबी ने अपनी बहू के लिए दिखाई वो सही है.
बेटा पिता के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकता, लेकिन पुलिस में तो जा सकता था? पर माता-पिता की इज्जत उसे पत्नी से ज्यादा प्यारी थी. अब खुद ही सोचिए ऐसा देश जहां शायद पुलिस को बता भी दिया जाता तो भी पीड़िता के साथ कोई इंसाफ नहीं होता. शायद बेगम बीबी को यही सही लगा होगा.
उस समय क्या स्थिती रही होगी बेगम बीबी की वो तो नहीं बताया जा सकता है, लेकिन जो भी हो चाहें परिवार की इज्जत के लिए या बहू के लिए या फिर किसी भी कारण से. ये तो सही है कि उन्होंने अपनी बहू की अग्निपरिक्षा खत्म कर दी.
हर बार जब सास बहू की बात आती है तो खटपट के बारे में ही सोचा जाता है, लेकिन अगर कोई सास अपनी बहू के लिए ऐसा काम करे तो उसे क्या कहा जाएगा. एक बात तो तय है कि अगर ऐसी सास हर बहू को मिलेगी तो शायद ये पुरानी मान्यता की सास कभी मां नहीं बन सकती ये भी खत्म हो जाएगी.
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