रामलीला (Ramleela) तो आपने बहुत देखी होगी मगर हमारा दावा है कि ऐसा अनोखा प्रदर्शन पहले कभी नहीं देखा होगा. यह रामलीला पंजाब के जीरकपुर में हो रही है. इस रामलीला की खासियत है कि इसके सभी 32 किरदार महिलाएं (Women) निभा रही हैं. महिलाएं ही भगवान राम (Lord Ram), रावण (Ravan), मां सीता (Maa Sita), हनुमान (Hanuman) से लेकर कुंभकरण( Kumbhkaran) तक के किरदारों में नजर आ रही हैं. सिर्फ किरदार ही नहीं संचालन का काम भी महिलाएं ही देख रही हैं. यानी इस रामलीला में एक भी पुरुष शामिल नही हैं.
इन महिलाओं का प्रदर्शन इतना शानदार है कि इस रामलीला देखकर आप इस बात का अंदाजा ही नहीं लगा पाएंगे कि स्टेज पर अभिनय करने वाले पुरुष नहीं महिलाएं हैं. इन महिलाओं की आवाज में इतना दम कि ये अपनी बात आप तक पहुंचाने की क्षमता रखती हैं. वही रावण की हाहाहा वाली खूंखार हंसी और वही प्रभु राम की सौम्यता...हमारा दावा है कि इन महिलाओं को रामलीला करते देख आपको पछतावा नहीं होगा, उल्टा आप इन पर गर्व करेंगे.
इस तरह की रामलीला पहली बार मैंने देखी है. वरना रामलीला के सारे किरदार पुरुष ही निभाते हैं. यहां तक की मां सीता को रोल भी अधिकतर पुरुष ही निभाते हैं. वैसे आपको बता दें कि इन महिलाओं के लिए रामलीला करना आसान नहीं था. सबसे बड़ी परेशानी कॉस्टयूम को लेकर हुई. जब महिलाएं बाजार में कॉस्टयूम लेने गईं तो सारे कपड़ें पुरुषों की साइज के थे. वे कपड़े काफी खुले हुए थे मगर महिलाओं के पास तो हर समस्या का समाधान होता ही है.
फिर क्या इन्होंने जुगाड़ लगाकर इस समस्या का भी समाधान निकाल लिया. असल में महिलाओं ने कॉस्टयूम के रंग का फुल आस्तीन टीशर्ट (कमीज) और लैगी...
रामलीला (Ramleela) तो आपने बहुत देखी होगी मगर हमारा दावा है कि ऐसा अनोखा प्रदर्शन पहले कभी नहीं देखा होगा. यह रामलीला पंजाब के जीरकपुर में हो रही है. इस रामलीला की खासियत है कि इसके सभी 32 किरदार महिलाएं (Women) निभा रही हैं. महिलाएं ही भगवान राम (Lord Ram), रावण (Ravan), मां सीता (Maa Sita), हनुमान (Hanuman) से लेकर कुंभकरण( Kumbhkaran) तक के किरदारों में नजर आ रही हैं. सिर्फ किरदार ही नहीं संचालन का काम भी महिलाएं ही देख रही हैं. यानी इस रामलीला में एक भी पुरुष शामिल नही हैं.
इन महिलाओं का प्रदर्शन इतना शानदार है कि इस रामलीला देखकर आप इस बात का अंदाजा ही नहीं लगा पाएंगे कि स्टेज पर अभिनय करने वाले पुरुष नहीं महिलाएं हैं. इन महिलाओं की आवाज में इतना दम कि ये अपनी बात आप तक पहुंचाने की क्षमता रखती हैं. वही रावण की हाहाहा वाली खूंखार हंसी और वही प्रभु राम की सौम्यता...हमारा दावा है कि इन महिलाओं को रामलीला करते देख आपको पछतावा नहीं होगा, उल्टा आप इन पर गर्व करेंगे.
इस तरह की रामलीला पहली बार मैंने देखी है. वरना रामलीला के सारे किरदार पुरुष ही निभाते हैं. यहां तक की मां सीता को रोल भी अधिकतर पुरुष ही निभाते हैं. वैसे आपको बता दें कि इन महिलाओं के लिए रामलीला करना आसान नहीं था. सबसे बड़ी परेशानी कॉस्टयूम को लेकर हुई. जब महिलाएं बाजार में कॉस्टयूम लेने गईं तो सारे कपड़ें पुरुषों की साइज के थे. वे कपड़े काफी खुले हुए थे मगर महिलाओं के पास तो हर समस्या का समाधान होता ही है.
फिर क्या इन्होंने जुगाड़ लगाकर इस समस्या का भी समाधान निकाल लिया. असल में महिलाओं ने कॉस्टयूम के रंग का फुल आस्तीन टीशर्ट (कमीज) और लैगी (सलवार) पहल लिया. इस तरह इनका कॉस्टयूम औऱ अधिक सुंदर दिखने लगा और उनका शरीर भी पूरी तकर ढक गया.
रामलीला की संचालक और निर्देशक एकता नागपाल के अनुसार, किरदारों को निभाने वाली सभी महिलाएं पढ़ी-लिखी और कामकाजी हैं. उन्होंने सिर्फ 20 दिनों में रिहर्सल कर इस रामलीला के लिए खुद को तैयार किया है. रावण का रोल निभा रहीं रेनू चावला 46 साल की हैं और सोशल एक्टिविस्ट हैं. वहीं सीता बनीं माधवी 18 साल की हैं और बीटेक कर रही हैं. जबकि प्रभु राम का किरदार निभाने वाली प्रतिभा सिंह 38 साल की हैं और पेशे से बैंकर हैं.
आपको जानकर खुशी होगी कि इन महिलाओं की रामलीला को देखने के लिए काफी भीड़ उमड़ रही है और लोग इनके अभिनय की तारीफ कर रहे हैं. सच में इन महिलाओं के हिम्मत की दाद देनी चाहिए जिन्होंने कुछ नया करने की हिम्मत दिखाई. जिन्होंने बता दिया है कि महिलाएं अगर ठान लें तो कुछ भी कर सकती हैं. हिंदू धर्म की यह सहजता है कि यह समय के साथ खुद में नई बातों को शामिल करते जाता है. वैसे आपको इन महिलाओं की यह पहल कैसे लगी?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.