बचपन में एक फिल्म देखी थी जिसमें दिखाया था कि कैसे अस्पताल में बच्चे बदल गए थे, और कैसे उनकी जिंदगी भी बदल गईं. ये फिल्मी कहानी थी जिसे देखकर मन में डर बैठ गया था. सवाल भी उठा कि अस्पतालों में इतने बच्चे पैदा होते हैं आखिर नर्स को कैसे पता चलता होगा कि कौन किसका बच्चा है? समय के साथ इस सवाल का जवाब तो मिल गया लेकिन वो डर आज फिर सामने आ गया.
खबर डरा देने वाली ही है. जांबिया की एक नर्स ने जो खुलासा किया है उसने इस देश के लोगों के होश उड़ा दिए हैं. नर्स एलिजाबेथ ब्वालया मेवा(Elizabeth Bwalya Mwewa) ने माना है कि उसने जांबिया के niversity Teaching Hospital में काम के दौरान सिर्फ मजे के लिए अस्पताल में करीब 5000 बच्चों की अदला-बदली की.
जी हां, ये काम न धोखे से हुआ और न किसी एक बच्चे के साथ. बल्कि पूरे होश में जानबूझकर की गई हरकत थी जिससे एक नहीं करीब 5000 हजार बच्चे प्रभावित हुए होंगे. 1983 से 1995 के दौरान ये नर्स इस अस्पताल में काम करती थी और अब ये कह रही है कि उसी दौरान इसने मजे के लिए ये सब किया था.
ये सब इस महिला ने उस वक्त बताया जब वो दुनिया छोड़कर जाने वाली है. एलिजाबेथ को कैंसर है और वो नहीं चाहती कि मरने के बाद वो नर्क की आग में जले. इसलिए मरने से पहले उसने अपने गुनाह कबूल किए.
एलिजाबेथ ने कहा- 'मुझे टर्मिनल कैंसर है और मुझे पता है मैं जल्द ही मरने वाली हूं. मैं ईश्वर के सामने अपने गुनाह कबूल करना चाहती हूं और उन प्रभावित लोगों के सामने भी जिन्होंने मेरी सर्विस के दौरान उस, अस्पताल में बच्चों को जन्म दिया था. मुझे ईश्वर मिल गए हैं. मेरा दौबारा जन्म हुआ है. मेरे पास अब कुछ छिपाने के नहीं है. 12 साल मैंने इस अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में स्वाएं दी...
बचपन में एक फिल्म देखी थी जिसमें दिखाया था कि कैसे अस्पताल में बच्चे बदल गए थे, और कैसे उनकी जिंदगी भी बदल गईं. ये फिल्मी कहानी थी जिसे देखकर मन में डर बैठ गया था. सवाल भी उठा कि अस्पतालों में इतने बच्चे पैदा होते हैं आखिर नर्स को कैसे पता चलता होगा कि कौन किसका बच्चा है? समय के साथ इस सवाल का जवाब तो मिल गया लेकिन वो डर आज फिर सामने आ गया.
खबर डरा देने वाली ही है. जांबिया की एक नर्स ने जो खुलासा किया है उसने इस देश के लोगों के होश उड़ा दिए हैं. नर्स एलिजाबेथ ब्वालया मेवा(Elizabeth Bwalya Mwewa) ने माना है कि उसने जांबिया के niversity Teaching Hospital में काम के दौरान सिर्फ मजे के लिए अस्पताल में करीब 5000 बच्चों की अदला-बदली की.
जी हां, ये काम न धोखे से हुआ और न किसी एक बच्चे के साथ. बल्कि पूरे होश में जानबूझकर की गई हरकत थी जिससे एक नहीं करीब 5000 हजार बच्चे प्रभावित हुए होंगे. 1983 से 1995 के दौरान ये नर्स इस अस्पताल में काम करती थी और अब ये कह रही है कि उसी दौरान इसने मजे के लिए ये सब किया था.
ये सब इस महिला ने उस वक्त बताया जब वो दुनिया छोड़कर जाने वाली है. एलिजाबेथ को कैंसर है और वो नहीं चाहती कि मरने के बाद वो नर्क की आग में जले. इसलिए मरने से पहले उसने अपने गुनाह कबूल किए.
एलिजाबेथ ने कहा- 'मुझे टर्मिनल कैंसर है और मुझे पता है मैं जल्द ही मरने वाली हूं. मैं ईश्वर के सामने अपने गुनाह कबूल करना चाहती हूं और उन प्रभावित लोगों के सामने भी जिन्होंने मेरी सर्विस के दौरान उस, अस्पताल में बच्चों को जन्म दिया था. मुझे ईश्वर मिल गए हैं. मेरा दौबारा जन्म हुआ है. मेरे पास अब कुछ छिपाने के नहीं है. 12 साल मैंने इस अस्पताल के मेटरनिटी वार्ड में स्वाएं दी थीं. और मैंने करीब 5000 बच्चों की अदला-बदली की.'
एलिजाबेथ का ये भी कहना है कि उसे बच्चा बदल देने में मजा आता था और बच्चे बदलना उसकी आदत बन गया था. उसने कहा कि 'अगर कोई उस अस्पताल में 1983 से 1995 के बीच जन्मा हो तो पूरी उम्मीद है कि उनके माता-पिता उनके अपने माता-पिता न हों. इसलिए अपने भाई-बहनों को गौर से देखो उदाहरण के लिए अगर हर किसी का रंग साफ हो और आपका नहीं तो शायद आप वही बच्चे हैं. और इसके लिए मैं माफी चाहती हूं.'
'मैंने गुनाह किया है. मैं उन सभी वफादार लोगों की भी गुनहगार भी हूं जिन्होंने DNA टेस्ट करवाने के बाद तलाक ले लिया था. कोई राक्षस मुझसे ये जघन्य अपराध करवा रहा था. मैं ये सब कर के नर्क में नहीं जाना चाहती, मुझे माफ कर दीजिए, मैंने बहुत पाप किए हैं.'
पर ये बात तो और भी हैरान करती है...
हैरान करने वाली ये खबर आग की तरह पूरे देश में फैल गई. कई माता-पिता ने अस्पताल से सवाल किए. लोगों के गुस्से को देखते हुए जाम्बिया के जनरल नर्सिंग काउंसिल ने इस मामले की जांच की जिसमें और भी चौंकाने वाली बात सामने आई. जांच में पाया गया कि एलिजाबेथ ब्वालया मेवा नाम की कोई नर्स वहां कभी थी ही नहीं और न ही इस नाम की किसी नर्स ने मैटरनिटी वार्ड में काम किया है.
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