PM मोदी ही दिल्ली में केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा संभालेंगे!
Jharkhand election results भले भाजपा के हक में न गए हों, लेकिन भाजपा की प्रचार रणनीति में कोई फर्क नहीं आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi Delhi Rally) ने बीजेपी की तरफ से दिल्ली में चुनावी मुहिम (Delhi Election) शुरू कर दी है.
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Jharkhand election results भले भाजपा के हक में न गए हों, लेकिन भाजपा की प्रचार रणनीति में कोई फर्क नहीं आया है. झारखंड चुनाव नतीजे आने से एक दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकता कानून और NRC के विरोध के बीच राजधानी दिल्ली की चुनावी माहौल (Delhi Election) में एंट्री कर दी है. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के शुरू में होने हैं - और मुकाबले में जोर आजमाइश करने वाले तीनों राजनीतिक दल कमर कस चुके हैं. दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. फिलहाल दिल्ली में AAP की सरकार है जिसे पिछली बार 70 में से 67 सीटें मिली थीं - और आम चुनाव में सभी सात लोक सभा सीटें BJP ने अपने नाम कर लिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi Delhi Rally) ने बीजेपी की तरफ से चुनावी शंखनाद कर दिया है. दिल्ली बीजेपी की ओर से राजधानी की 1731 कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के लिए धन्यवाद रैली का आयोजन किया गया था. ये अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी AAP के चुनावी अभियान शुरू करने के ठीक एक दिन बाद हुआ है. बीजेपी के अलगे ही दिन कांग्रेस नेतृत्व भी मैदान में उतर रहा है. कांग्रेस की तरफ से राजघाट पर धरना दिया जाना है और उसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के भी मौजूद रहने की संभावना जतायी गयी है.
केजरीवाल के सामने कौन?
रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को तरह तरह से घेरने की कोशिश की है - और ऐसा लगता है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा भी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही संभालने वाले हैं. 2015 में बीजेपी ने किरण बेदी को बतौर CM उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के सामने पेश किया था - लेकिन बुरी तरह शिकस्त झेलनी पड़ी. माना गया कि किरण बेदी को लाये जाने से दिल्ली बीजेपी के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता नाराज हो गये थे और चुनावी हार भी उसी का नतीजा रही.
ये तो तभी साफ हो गया था कि बीजेपी दोबारा किरण बेदी जैसा एक्सपेरिमेंट नहीं करने वाली. बाद में यूपी-बिहार के लोगों की अच्छी तादाद को देखते हुए बीजेपी नेतृत्व ने दिल्ली की जिम्मेदारी सांसद मनोज तिवारी को सौंप दी. मनोज तिवारी सक्रिय और केजरीवाल और उनके साथियों के खिलाफ हमलावर तो हमेशा रहते हैं लेकिन दिल्ली बीजेपी के सीनियर नेताओं को फूटी आंख भी नहीं सुहाते. आम चुनाव से पहले से ही दिल्ली बीजेपी के कई नेता मनोज तिवारी के खिलाफ परदे के पीछे मुहिम चलाते रहे हैं - लेकिन मनोज तिवारी की कुर्सी पर आंच नहीं आ पायी है.
अभी तो दिल्ली की लड़ाई मोदी बनाम केजरीवाल ही लगता है...
फिर भी मनोज तिवारी की हैसियत ऐसी नहीं बन पायी है कि बीजेपी नेतृत्व अपने सांसद को मुख्यमंत्री के तौर पर अरविंद केजरीवाल के मुकाबले प्रोजेक्ट कर सके. लिहाजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को दिल्ली में भी खुद ही मोर्चा संभालना पड़ रहा है, अभी तो ऐसा ही लगता है.
काम में रोड़े कौन अटकाता है?
जिस दिन से अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे, जो बात सबसे ज्यादा सुनने को मिली वो यही रही कि केंद्र की मोदी सरकार दिल्ली की AAP सरकार को कोई काम करने ही नहीं देती. कई बार अफसरों पर इसकी तोहमत लगायी गयी. एक बार तो एक बड़े अफसर के साथ मारपीट भी हो गयी. ऐसा ही एक मौका तब भी आया जब अरविंद केजरीवाल अपने मंत्रियों के साथ उप राज्यपाल के दफ्तर में ही धरने पर कई दिन तक बैठे रहे. प्रधानमंत्री मोदी ने केजरीवाल की ही स्टाइल में दिल्ली सरकार पर जोरदार हमला बोला है. इससे पहले तो बीजेपी नेता और मोदी सरकार के मंत्री ही आयुष्मान स्कीम जैसी योजनाओं को लेकर केजरीवाल सरकार पर रोड़े अटकाने के आरोप लगाते रहे, अब तो प्रधानमंत्री ने भी ये इल्जाम लगा दिया है. ऐसा भी नहीं कि प्रधानमंत्री किसी राज्य के मुख्यमंत्री पर पहली बार ऐसा कोई इल्जाम लगाये हों - लेकिन दिल्ली के मामले में ये लोहे को लोहे से ही काटने वाला प्रयोग लगता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'राज्य सरकार के अवरोध के बावजूद दिल्ली में सालाना 25 किलोमीटर प्रतिवर्ष मेट्रो रूट बन रहा है, जबकि इससे पहले 13 किलोमीटर प्रतिवर्ष ही रूट बनता था.'
प्रधानमंत्री मोदी ने ये आरोप भी लगाया कि AAP की सरकार दिल्ली की बसों को लेकर भी बहाने बना रही है.
पानी को लेकर हाल फिलहाल आम आदमी पार्टी की ओर से प्रचारित किया जा रहा था कि दिल्ली में ऐसा पानी आता है कि सीधे नलों से गिलास में भर कर पीया जा सकता है - लेकिन प्रधानमंत्री का तो अलग ही इल्जाम रहा.
प्रधानमंत्री ने कहा - आज दिल्ली में जो सरकार है वो यहां की सबसे बड़ी समस्या से आंख मूंद कर बैठी है - पानी की समस्या.
प्रधानमंत्री ने हैरानी जताने वाले अंदाज में कहा, 'इन लोगों के अनुसार पूरी दिल्ली में हर जगह बिसलरी जैसा साफ पानी मिलता है!'
प्रधानमंत्री मोदी बोले, 'मैं पूछता हूं आप दिल्ली सरकार से सहमत हो? क्या आपको शुद्ध पानी मिलता है? पानी देखकर डर लगता है? ये आपको भी झूठा बता रहे हैं - क्या आप झूठे हैं? क्या आप बेइमान हैं? दिल्ली के लोगों को जो बताया गया है, लोग उसकी सच्चाई देख रहे हैं. दिल्ली में सबसे अधिक वाटर प्यूरीफायर बिक रहे हैं. ये खर्चा क्यों? जो प्यूरीफायर नहीं लगा सकता वो 40-50 रुपये का बोतल खरीदता है. अधिकतर जगहों पर नल से पानी आता ही नहीं है.'
झाडू से झाडू की सफाई
आम आदमी पार्टी का चुनाव निशान झाडू है और पहली बार जब आम आदमी पार्टी चुनावों में उतरी तो उसका नारा था - अब चलेगी झाडू. ये स्लोगन दिल्ली में जगह जगह और तकरीबन हर ऑटोरिक्शा के पीछे देखने को मिला था.
जैसे ही 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, पूरे देश में स्वच्छता अभियान शुरू कर दिया. फिर तो बीजेपी नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से नॉमिनेट किये जा रहे लोगों ने ऐसे झाडू उठाया कि लगा जैसे झाडू बीजेपी की ही प्रॉपर्टी हो. एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी ने उसी अंदाज में आप के चुनाव निशान को हाइजैक करने की कोशिश की है.
प्रधानमंत्री की बातों से तो ऐसा ही लगता है - 'मेरा आपसे आग्रह है कि दिल्ली के जिस भी इलाके में आप रहते हैं, वहां अगले एक हफ्ते तक सफाई अभियान चलाया जाये - नये साल का स्वागत और ज्यादा साफ सुथरी दिल्ली के साथ करेंगे.'
ये तो झाडू से ही सियासी झाडू की सफाई की स्ट्रैटेजी लगती है.
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