अमृतसर धमाका: राजनीति के दलदल में धंसे लोगों ने आतंक के आगे घुटने टेक दिए
ऐसा नहीं है कि राजनीति सिर्फ अमृतसर हादसे पर हो रही है. नेताओं की बयानबाजी के जरिए सेना से लेकर खुफिया एजेंसियों तक को राजनीति में घसीटा जा रहा है.
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पंजाब के अमृतसर में निरंकारी सत्संग पर ग्रेनेड से हमला किया गया है. इस हमले से जहां एक ओर 3 लोग मर गए हैं और 20 घायल हैं, वहीं दूसरी ओर इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. केंद्र इसके लिए राज्य सरकार को दोषी ठहरा रही है तो राज्य सरकार केंद्र पर आरोप मढ़ने में लगी हुई है. बयानबाजी तो यहां तक हो गई है कि इस हमले के लिए सेना प्रमुख को भी जिम्मेदार ठहरा दिया गया है और उन पर भी राजनीति शुरू हो गई है. विपक्ष तो इसे हमला करने के एक मौके की तरह देख रहा है.
अमरिंदर सिंह ने कहा है कि इसके पीछे आईएसआई के समर्थन वाले खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकी संगठनों का हाथ हो सकता है.
'हो सकता है आर्मी चीफ ने कराया हो अमृतसर धमाका'
अमृतसर में हुए धमाके पर आम आदमी पार्टी के विधायक एच. एस फुल्का ने विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा- कुछ दिन पहले सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत पंजाब में आकर बोल गए थे कि राज्य पर आतंकी हमले का खतरा है. हो सकता है कि उन्होंने ही अपने लोगों से घमाका करवाया हो, ताकि उनका बयान गलत साबित ना हो.' फुल्का के इस बयान की हर ओर आलोचना होने लगी और फिर उन्होंने अपने बयान पर माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि वह बयान कांग्रेस के खिलाफ था, मैं आर्मी प्रमुख के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहता था. हालांकि, अब फुल्का के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग हो रही है. उनके बयान के लिए अरविंद केजरीवाल को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
AAP in Punjab has got many Pakistan sympathisers and HS Phoolka might be speaking at their behest..AAP MLA blaming army chief for Amritsar attack.... pic.twitter.com/dIwunpj5eZ
— ???????????????????? ???????????????????? (@iAgentVinod) November 18, 2018
My statement has been totally misunderstood. Please see the full video, the whole statement was actually against the Congress, and not against the respected Army Chief. Still, it was an inadvertent comment and I regret it: HS Phoolka #AmritsarBlast pic.twitter.com/wxugDVsyTb
— ANI (@ANI) November 19, 2018
हालांकि, उनके इस बयान पर आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने एक वीडियो जारी करते हुए फुल्का और केजरीवाल दोनों पर निशाना साधा है.
AAP के फूलका जी का बयान - पंजाब में हमले के पीछे देश के सेनाध्यक्ष का हाथAAP सेना को कमजोर और खालिस्तानी और ISI को मजबूत करना चाहते हैंPhoolka के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुकदमा होना चाहिए pic.twitter.com/Divha894Wl
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) November 18, 2018
सिद्दू पर भी हो रहे हमले
अमृतसर में हमले के बाद से ही जहां एक ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह को आड़े हाथों लिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर नवजोत सिंह सिद्धू भी विरोधियों के रडार पर हैं. वजह है उनका पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल बाजवा से गले लगना, जिस पर विवाद हुआ था. अब कहा जा रहा है कि जिन्हें सिद्धू गले लगा रहे हैं, वहीं पंजाब में धमाके करवा रहे हैं. आरोप तो ये भी लगाया जा रहा है कि उनका एक आदमी (सिद्धू) पंजाब में है. कुछ तो ये भी कह रहे हैं फुल्का बयान जल्द ही सिद्धू भी देंगे. एक यूजर ने तो लिखा है कि मेरे लिए भिंडरावाला एक आतंकवादी है और जो लोग खालिस्तान और आईएसआई का समर्थन कर रहे हैं वह भी इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं. और नवजोत सिंह सिद्धू अभी कहां हैं, बाजवा से पाकिस्तान में कौन डील करेगा?
#Amritsar #NirankariBhawan For me, Bhindrawala is a terrorist & People who support Khalistan & ISI are equal culprits of this incident. And where is Navjot Singh Sidhu now who deals with Bajwa in Pak ??
— Virat ka Fan ???????? (@YoYoViratKohli) November 18, 2018
इस घटना पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि इसके पीछे आईएसआई के समर्थन वाले खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकी संगठनों का हाथ हो सकता है. इसे उन्होंने पाकिस्तान के K2 मिशन का एक हिस्सा कहा है.
वहीं दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल और आप ने कांग्रेस की अगुवाई वाली पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा है कि पंजाब में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. सुखबीर सिंह बादल ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ऐसे तत्वों को बढ़ावा दे रही है, जिसका मकसद सिर्फ पंजाब की शांति को भंग करना है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस शांति के बजाय, राजनीति को तरजीह दे रही है.
यही नहीं, शिरोमणी अकाली दल के नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि अमृतसर में पहले बम और अब ग्रेनेड हमला, अब आगे क्या होगा? कब तक आप शांति भंग करने वाले तत्वों को बढ़ावा देंगे? वहीं कांग्रेस विधायक राज कुमार विर्क ने कहा है कि यह विस्फोट खुफिया एजेंसियों की नाकामी का परिणाम है.
सेना और खुफिया एजेंसियों पर राजनीति
ऐसा नहीं है कि राजनीति सिर्फ अमृतसर हादसे पर हो रही है. नेताओं की बयानबाजी के जरिए सेना से लेकर खुफिया एजेंसियों तक को राजनीति में घसीटा जा रहा है. राजकुमार विर्क ने इसके लिए खुफिया एजेंसियों को जिम्मेदार ठहरा दिया, लेकिन ये नहीं देखा कि बिपिन रावत ने इसका अलर्ट जारी कर दिया था. अमृतसर में हुई इस घटना की वजह है उन घटनाओं की अनदेखी, जो पिछले कुछ समय में हुई हैं.
वो घटनाएं, जिनकी अनदेखी की गई
14 सितंबर- जालंधर के पुलिस स्टेशन पर 4 बम फेंके गए. जांच में पता चला कि हमले के पीछे जाकिर मूसा का हाथ था.
10 अक्टूबर- जालंधर में एक कश्मीरी स्टूडेंट से एके-56 राइफल जब्त की गई, जांच में मूसा का कनेक्शन सामने आया.
16 अक्टूबर- उत्तर प्रदेश की पुलिस पर हमला करने और उनके राइफल छीनने के आरोप में 3 युवाओं को पकड़ा गया. युवाओं ने प्रकाश सिंह बादल पर हमला करने की योजना बनाई हुई थी.
1 नवंबर- खालिस्तानी गदर फोर्स का आतंकी शबनमदीप सिंह पकड़ा गया. पटियाला बस स्टैंड पर हमला करने की योजना थी.
14 नवंबर- 4 लोगों ने एक कार को लूट लिया, जिसमें हथियार रखे हुए थे.
कुछ दिन पहले ही जाकिर मूसा को अमृतसर में देखा गया. आर्मी प्रमुख ने भी कहा कि आतंकी पंजाब में कोई हमला करने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा कई घटनाएं हुईं, जिन्होंने किसी अनहोनी की ओर इशारा किया, लेकिन समय रहते उन्हें समझ नहीं पाने की वजह से अमृतसर हादसा हो गया. खैर, अमृतसर हमले पर राजनीति करने के बजाय जरूरत है अपनी कमियों को समझने की, ताकि आगे इस तरह की घटनाओं को होने से पहले ही रोका जा सके. लेकिन ये तभी होगा जब केंद्र और राज्य आपस में उलझने के बजाय इस मामले को गंभीरता से लेंगे.
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