विवादित सुर्खियों के बादशाह हैं अनिल विज!
भाजपा नेता अनिल विज ने एक बार फिर अपने बयान से पार्टी और मोदी के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं. इस बार तो उन्होंने हद ही कर दी. अपने बयान में महात्मा गांधी की बेइज्जती की.
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अपने विवादित बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले बीजेपी नेता और हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने एक बार फिर ऐसा ही बयान दिया है. विज अपने काम से ज्यादा विवादित और बेबाक बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं, जिससे फजीहत उन्हें खुद को, हरियाणा सरकार को और अंततोगत्वा भाजपा को उठानी पड़ती है. इसके कारन विपक्ष को भी हमला करने मौका मिल जाता है. राजनीति में विवादों के जरिए कई नेता हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं, पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज का तो कोई सनी नहीं है.
मोदी को बताया गांधी से बड़ा-
आज अनिल विज ने कहा है कि नरेंद्र मोदी खादी के लिए महात्मा गांधी से बड़े ब्रांड हैं. अनिल विज का ये बयान उस वक्त आया है जब खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में गांधीजी की तस्वीर नदारद है और उनकी जगह पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी हुई है. तस्वीर में पीएम मोदी चरखा चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं. अनिल विज ने अंबाला में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "गांधीजी ने कोई खादी का ट्रेडमार्क तो करा नहीं रखा है. पहले भी कई बार उनकी तस्वीर नहीं लगी है.
ये पहली बार नहीं कि अनिल विज का ऐसा कोई बयान सामने आया हो |
करी महात्मा गांधी की बेइज्जती-
"अनिल विज ने कहा, "गांधीजी का तो नाम ही ऐसा है जिस चीज पर लग जाती है वो चीज़ डूब जाती है. रुपए के ऊपर लगी और रुपया हमारा डूबता ही चला गया." विज ने एक बार फिर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया. जिसके बाद उनकी चौतरफा आलोचना होने लगी, आलोचना होते देख मंत्री जी ने ट्वीट कर अपना बयान वापिस ले लिया और साथ ही लोगों से माफी भी मांग ली.
अनिल विज पहले भी अपने बयानो के कारण विवादों में रहे हैं, जिसके कारण उन्हें काफी आलोचना का भी सामना करना पड़ा है, उनके कुछ विवादित बयानो पर नज़र डालें....
- पिछले साल 2 अक्टूबर को विज ने कहा कि जो लोग गौमांस खाए बगैर नहीं रह सकते हैं, उन्हें हरियाणा आने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने आगे ये भी कहा कि हरियाणा राज्य में कड़ा गोसंरक्षण कानून लागू है. विज ने कहा कि दुनिया में ऐसे कई देश हैं जिनके खान-पान की वजह से वहां भारतीय नहीं जाते हैं, भारतीयों को उनका खान-पान और उऩकी आदतें नहीं भाती हैं. इसलिए वो लोग जो बीफ खाते हैं उन्हें हरियाणा नहीं आना चाहिए.
- पिछले दिनों भारत के बड़े अभिनेता आमिर खान को लेकर अनिल विज ने एक फिर ट्वीट किया, "अतुल्य भारत जीने के लायक नहीं - आमिर. ऐसे लोगों को ब्रांड एंबेसडर नहीं बनाना चाहिए. यह केवल कलाकार हैं. यह कलाबाजी खाने में माहिर होते हैं."
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- गत वर्ष नवंबर 2016 में ट्वीट किया - वाड्रा ने जो हासिल किया, सब राजनीति की बदौलत है. वे राजनीतिक पुर्जा हैं. जांच से हमारा कुछ लेना-देना नहीं, आयोग सिफारिश करेगा तो ठोक जरूर देंगे.
- नवंबर 2016 में ही विज ने कहा कि जवान जो सुसाइड करते हैं उन्हें शहीद कहना सही नहीं है.
- पिछले वर्ष मई 2016 में उन्होंने कहा, जो भी भारत माता की जय नहीं बोलता है उन्हें आरएसएस की शाखाओं में आना चाहिए और गीता से बच्चों को सीख लेने की भी सलाह दी थी.
- दिसंबर 2015 में उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल को भारत की मुसीबतों का जनक तक बता दिया था.
- अगस्त 2015 में राष्ट्रगान के एक शब्द पर सवाल उठाते हुए एक बार फिर ट्वीट किया, "राष्ट्रीय गान जन गण मन का हम पूरा सम्मान करते हैं. परंतु इसमें किस अधिनायक की आराधना की जाती है, यह मुझे आज तक नहीं समझ आया."
ये तो कुछ बानगी है उनके विवादित बयानो की खैर, हरियाणा के कद्दावर भाजपा नेता और मंत्री अनिल विज के निशाने पर मीडिया के लोग, फिल्म, रियो ओलिंपिक गेम, हरियाणा की महिला पुलिस अधिकारी, राजनितिक पार्टियां, विपक्ष के राजनीतिक नेता, और बहुत सारी सम-सामयिक घटनाएं रही हैं. कई बार अपने बयानों पर अपनी व्यतिगत टिप्पणी कह कर और कई बार पलट जाने से भाजपा और खुद को परेशानी में भी डाल चुकाने की आदत से विज मजबूर हैं. वो आज भी भाजपा और हरियाणा सरकार की मजबूरी बने हुए है जो की सचमुच निंदनीय है.
और क्या राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर दिए बयान को अपना निज़ी बयान बताना और साथ ही ये कहना की मेरा बयान किसी की भावना को आहत न करे इसलिए मैं इसे वापिस लेता हूँ, से उनके पाप काम हो जाते हैं?
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