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Updated: 24 अप्रिल, 2018 09:13 PM
बिलाल एम जाफ़री
बिलाल एम जाफ़री
  @bilal.jafri.7
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कांग्रेस की हालात किसी से छुपी नहीं है. पार्टी आम देशवासियों के बीच अपना जनाधार खो चुकी है और शायद यही वो कारण है जो अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए आज एक बड़ी चुनौती है. कांग्रेस को आम जनमानस के बीच दोबारा लोकप्रिय बनाने के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार प्रयत्नशील हैं तो वहीं उन्हीं की पार्टी के लोग कई बार ऐसे बयान दे देते हैं जो न सिर्फ राहुल गांधी बल्कि पार्टी तक की गले की हड्डी बन जाता है. ताजा मामला सलमान खुर्शीद का है.

एक कार्यक्रम में शिरकत करने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आए सलमान खुर्शीद ने बातों बातों में एक ऐसा बयान दे दिया है जिसने कांग्रेस के चाल चरित्र और चेहरा को एक ऐसे रूप में दर्शाया है, जो बेहद डरावना है. सलमान ने जो कहा है उससे पार्टी आलाकमान और शीर्ष नेताओं के माथे पर चिंता के बल पड़ने लाजमी हैं. सलमान खुर्शीद का मानना है कि उन्हें ये कहने में गुरेज नहीं है कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के धब्बे लगे हैं.

सलमान खुर्शीद. कांग्रेस, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बयान   कांग्रेस को लेकर जो बयान सलमान खुर्शीद ने दिया है वो कई मायनों में चौकाने वाला है

आपको बताते चलें कि सलमान एएमयू के डॉ. बीआर आंबेडकर हॉल में आयोजित वार्षिकोत्सव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने आए थे. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार सलमान छात्रों से सीधा संवाद कर रहे थे. प्रोग्राम में छात्रों ने खुर्शीद से कई तीखे सवाल किए, जिनका उन्होंने बड़ी ही बेबाकी से जवाब दिया.

गौरतलब है कि एएमयू से निलंबित छात्र आमिर मिंटोई ने 1947 में देश की आजादी के बाद ही 1948 में एएमयू एक्ट में पहले संशोधन, 1950 प्रेसिडेंशल ऑर्डर, जिसमें मुस्लिम दलितों से एसटी/एससी आरक्षण का हक छिना गया. इसके बाद हाशिमपुरा, मलियाना, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, मुरादाबाद, भागलपुर, अलीगढ़ आदि में मुसलमानों के नरसंहार हुआ. इसके अलावा बाबरी मस्जिद के दरवाजे खुलना, बाबरी मस्जिद में मूर्तियों का रखना और फिर बाबरी मस्जिद की शहादत जो कि कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार में हुई.

इन सारी घटनाओं का हवाला देने के बाद आमिर मिंटोई ने सलमान खुर्शीद से पूछा कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के जो धब्बे हैं, इन धब्बों को आप किन अल्फाजों से धोना चाहेंगे? सवाल परेशान करने वाला था और बहुत बचते हुए भी सलमान के मुंह से निकल गया कि कांग्रेस का नेता होने के नाते मुसलमानों के खून के यह धब्बे मेरे अपने दामन पर भी हैं.

ज्ञात हो कि, कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में शुमार सलमान खुर्शीद ने मौजूद छात्रों से अपील करते हुए कहा कि, ये सच है कि हमारे दामन पर खून के धब्‍बे हैं. इसी वजह से आप हमसे कह रहे हैं कि अगर कोई आप पर वार करे तो उसे बढ़कर रोकना नहीं चाहिए? तुम समझो कि ये धब्‍बे हम पर लगे हैं तुम पर ना लगे. तुम वार इन पर करोगे और धब्‍बे तुम्‍हारे ऊपर लगेंगे. हमारे इतिहास से सीखो और समझो और अपनी हालत ऐसी न करो कि 10 साल बाद विश्वविद्यालय आओ तो तुमसे ऐसे सवाल पूछने वाला कोई न मिले.

सलमान के इस बयान के बाद जहां एक तरफ सम्पूर्ण कांग्रेस पार्टी सकते में है तो वहीं भाजपा को एक बार फिर से कांग्रेस और उसकी विचारधारा की आलोचना करने का मौका मिल गया है. भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भिवंडी से लेकर भागलपुर तक और मेरठ से मलियाना तक कांग्रेस और कांग्रेस के सेक्युलरिज्म के सियासी सूरमाओं ने निर्दोष लोगों की हत्याओं को अपनी आंखों से देखा है. कांग्रेस के शासन काल में 5000 दंगों का श्रृंखलाबद्ध इतिहास रहा है.

सलमान खुर्शीद. कांग्रेस, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बयान   सलमान के इस बयान के बाद एक बार फिर आलोचकों को कांग्रेस की आलोचना का मौका मिल गया है

मुद्दा इतना बड़ा हो और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी इसे कैश न करें ऐसा हो नहीं सकता. सलमान के बयान पर अपनी त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए स्वामी ने कहा है कि कांग्रेस के दामन पर सिर्फ मुसलमानों के नहीं बल्कि सिखों का भी खून लगा है. स्वामी का मानना है कि कांग्रेस के दामन पर किसी एक धर्म का नहीं बल्कि हर धर्म के खून का धब्बा लगा है.

एक ऐसे वक़्त में जब पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी तरफ से भरसक कोशिश कर रहे हैं कि वो अपने आपको और अपनी पार्टी को पूर्ण सेक्युलर दिखा सकें निश्चित तौर पर सलमान ने एक बड़ा बयान दिया है. सलमान के इस बयान के बाद ये कहना गलत नहीं है कि, आने वाले वक़्त में ये बयान कांग्रेस के लिए कई मुश्किलें खड़ी करेगा. अब इसे सलमान के मन की बात समझा जाए या उनकी साफगोई मगर जो उन्होंने कहा वो ये बताने के लिए काफी है कि कहीं न कहीं वो भी अपनी पार्टी से संतुष्ट नहीं है और उन्हें पार्टी की नीयत पर संदेह है.

बहरहाल अब सलमान के इस बयान का मलतब कुछ भी हो मगर एक तरफ जहां इससे उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेने का प्रयास किया तो वहीं उन्होंने अपने इस बयान के माध्यम से भाजपा को भी सबक दिया है. कहा जा सकता है कि आलोचना से इतर भाजपा को भी सलमान के इस बयान का बड़ी ही गंभीरता के साथ आंकलन करना चाहिए और जो उन्होंने कहा उसपर गहनता से विचार करना चाहिए.    

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लेखक

बिलाल एम जाफ़री बिलाल एम जाफ़री @bilal.jafri.7

लेखक इंडिया टुडे डिजिटल में पत्रकार हैं.

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