बीजेपी का '19 लाख रोजगार पैकेज' नीतीश कुमार को नया झटका है
बीजेपी ने बिहार चुनाव के लिए मेगा पैकेज (BJP 19 lakh job promise) का ऐलान किया है. तेजस्वी यादव के मुकाबले डबल जॉब ऑफर और फ्री कोविड वैक्सीन - ऐसा क्यों लग रहा है कि एक बार फिर बीजेपी के निशाने पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ही हैं!
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बिहार चुनाव के लिए बीजेपी का मैनिफेस्टो भी चुनाव मार्केट में आ गया है और पेशकश भी बिलकुल जोरदार है. चर्चा तो यही है कि बीजेपी ने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के '10 लाख नौकरी' की काट के रूप में ही '19 लाख रोजगार पैकेज' लेकर आयी है.
ऊपरी तौर पर भले ही बीजेपी का ये पैकेज (BJP 19 lakh job promise) '10 का 19' लगे, लेकिन निगाहें कहीं और हैं और निशाना कहीं और है. गंगा मइया की नाम की कसम के साथ जारी इस संकल्प पत्र में 5 सूत्र, 1 लक्ष्य और 11 संकल्प बताये गये हैं - और सत्ता में वापसी की स्थिति में अगले पांच साल का रोड मैप भी पेश किया गया है. तेजस्वी यादव के लाखों को नौकरी देने के चुनावी वादे की खिल्ली तो बीजेपी और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) दोनों ने ही खूब उड़ायी है, लेकिन दोनों ने ऐसा अलग अलग तरीके से किया है. बीजेपी का कहना रहा है कि ये काम तेजस्वी कर ही कैसे सकते हैं?
नीतीश कुमार तो यहां तक कह चुके हैं कि बिहार में 10 लाख नौकरी देना संभव ही नहीं है - ये तो लगता है जैसे बीजेपी ने 19 लाख रोजगार का वादा नीतीश कुमार को आईना दिखाने के लिए किया है, तेजस्वी तो निमित्त मात्र लगते हैं.
ये बीजेपी का नीतीश को भी जवाब है
बिहार की बिसात पर चिराग पासवान के जरिये नीतीश कुमार को चुनावी शह देने के बाद बीजेपी को काफी दबाव के दौर से गुजरना पड़ा है. नीतीश कुमार के दबाव में एक एक करके बीजेपी नेताओं के बाद अमित शाह को भी चिराग पासवान से दूरी बनानी पड़ी है. बीजेपी का चुनावी संकल्प पत्र देखा जाये तो एक तरीके से नीतीश कुमार को नया और जोरदार झटका देने की कोशिश ही लगती है.
जब से महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सत्ता में आते ही कैबिनेट की पहली बैठक में पहली दस्तखत से 10 लाख नौकरियों के इंतजाम का ऐलान किया है, तभी से वो राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर आ गये हैं. बीजेपी जहां उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि का जिक्र कर ताना मारती है, वहीं नीतीश कुमार उनके पिता लालू यादव के जेल जाने और खुद तेजस्वी पर भ्रष्टाचार के आरोपों की तरफ इशारे करके हमला बोल रहे हैं.
नीतीश कुमार ने एक चुनावी रैली में कहा, 'अरे पैइसवा कहां से आवेगा तोहरा. क्या ये संभव है?' नीतीश ने लोगों को समझाने की कोशिश की कि कुछ लोग यूं ही कुछ भी बोलते रहते हैं, उनको तो ये भी नहीं मालूम कि काम कैसे होगा?
बीजेपी की चुनावी घोषणा सुन कर सोशल मीडिया पर लोग कहने लगे हैं - कितना अच्छा होता हर साल चुनाव होते!
नीतीश कुमार अब तक लोगों को यही समझाने की कोशिश करते रहे हैं कि बिहार में 10 लाख नौकरियां देना संभव ही नहीं है. उसी क्रम में नीतीश कुमार लालू यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल की दुहाई देते हुए कहते हैं कि ऐसा पहले क्यों नहीं किया. तंज कसते कसते यहां तक बोल जाते हैं, 'कुछ लोग 10 लाख नौकरी देने का दावा कर रहे हैं, लेकिन ये नहीं बता रहे हैं कि इसके लिए आखिर पैसा कहां से आएगा - जिसके लिए जेल गये, उसी पैसे को निकालकर नौकरी देंगे क्या?'
BJP ने, दरअसल, तेजस्वी यादव के जॉब ऑफर पर सवाल उठाने वाले नीतीश कुमार को भी अपने 19 लाख के पैकेज के साथ इशारों इशारों में जवाब दे डाला है.
बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल का कहना है कि अगले पांच साल के लिए स्कीम कुछ ऐसे तैयार की जाएगी कि 19 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में जारी संकल्प पत्र में ये सारी बातें विस्तार से बतायी गयीं -
1. किसान उत्पाद संघों की बेहतर सप्लाई चेन बनाया जाएगा - और इसके चलते 10 लाख रोजगार के मौके पैदा होने की अपेक्षा है. ध्यान रहे कांग्रेस के घोषणा पत्र के साथ ही महागठबंधन ने भी किसानों को लेकर कई ऐसे वादे किये हैं.
2. बिहार की एक करोड़ महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की भी बात है - और ये काम भी पांच साल के भीतर ही हो जाने का वादा किया गया है.
3. नेक्स्ट जेनरेसन आईटी हब के जरिये बिहार में 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया गया है.
4. स्वास्थ्य विभाग में भी एक लाख लोगों को नौकरी देने के वादे के साथ साथ 2024 तक दरभंगा एम्स को चालू किये जाने का वादा है. अगला आम चुनाव भी उसी साल होना है.
5. बीजेपी की तरफ से साल भर में ही पूरे बिहार में तीन लाख नये शिक्षकों की भर्ती किये जाने का संकल्प जताया गया है.
जिस तरीके से बीजेपी ने संकल्प पत्र पेश किया है, संकेत तो यही लगता है जैसे एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम भले ही नीतीश कुमार बताया गया है, लेकिन बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनाने की तैयारी चल रही है. चिराग पासवान भी तो यही कह रहे हैं कि अगर बीजेपी की अगुवाई में सरकार नहीं बनी तो वो विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे. वैसे ये कहने वाली कोई बात तो है नहीं, इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है तो वो एनडीए के खिलाफ नहीं जाएंगे.
इस बीच एक अजीब वाकया देखने को मिला जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे थे. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मंच पर तो एनडीए के सभी दलों के नेता मौजूद थे लेकिन बैनर पर नीतीश कुमार या किसी और जेडीयू नेता की तस्वीर न देख हर कोई हैरान था. रिपोर्ट के मुताबिक पूछे जाने पर भी किसी ने संतोषजनक उत्तर नहीं दिया. ये बात काफी अजीब लगती है कि बैनर में एनडीए के सभी दलों के नेताओं की तस्वीर हो और गठबंधन के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार ही नदारद हो!
मैनिफेस्टो के जरिये बीजेपी नेतृत्व ने नीतीश कुमार को भी ये मैसेज तो दे ही दिया है कि वो जहां तक सोच पाते हैं अगला उनसे चार कदम आगे की सोच कर चलता है. नीतीश कुमार की मानें तो बिहार में 10 लाख नौकरी देना ही संभव नहीं है और बीजेपी करीब करीब डबल रोजगार के मौके देने की पेशकश कर रही है. नीतीश कुमार अभी तक रोजगार के नाम पर मोदी सरकार के कोरोना राहत पैकेज और मनरेगा के तहत लोगों को रोजाना 10 लाख रोजगार दिये जाने की बात करते रहे हैं.
सवाल उठने पर तेजस्वी यादव भी बोल ही चुके हैं कि करीब साढ़े चार लाख सरकारी पद तो पहले से ही खाली पड़े हैं. युवाओं को नौकरी देने की शुरुआत तो खाली पदों पर भर्ती से ही की जा सकती है - आगे के लिए धीरे धीरे योजनाएं तैयार की जा सकती हैं.
संकल्प पत्र पर एक स्लोगन हैशटैग के रूप में भी है - #भाजपा_है_तो_भारत_है, बिलकुल वैसे ही जैसे आम चुनावों में सुनने को मिलता रहा, 'मोदी है तो मुमकिन है' - सवाल ये उठता है कि अगर ये बात है तो इसमें नीतीश कुमार कहां हैं?
लक्ष्य 1- आत्मनिर्भर बिहार,सूत्र 5- गांव, शहर, उद्योग, शिक्षा, कृषि का विकास,
इन मंत्रों को लेकर चलना है,मोदीजी के सपने को पूरा करना है,
"आत्मनिर्भर बिहार" बनाना है।#भाजपा_है_तो_भरोसा_है pic.twitter.com/OcWfGkpUmv
— BJP Bihar (@BJP4Bihar) October 22, 2020
बिहार के मतदाताओं को दिवाली बोनस भी देगी बीजेपी
तेजस्वी यादव के मुकाबले डबल जॉब ऑफर के साथ साथ बीजेपी ने बिहार के मतदाताओं को दिवाली बोनस देना भी ऑफर किया है, लेकिन उसके लिए शर्तें लागू भी हैं - ये दिवाली ऑफर तभी वैलिड होगा जब बिहार में बीजेपी की एनडीए की सरकार बनती है.
नौकरी के अलावा बीजेपी का एडिशनल चुनावी वादा है - बिहार के सभी लोगों तक कोरोना वैक्सीन की पहुंच सुनिश्चित करेगी और वो भी बिलकुल मुफ्त! गौर करने वाली बात है कि मुफ्त की कौन कहे, केंद्र की मोदी सरकार ने अभी तक कोरोना वैक्सीन को लेकर ऐसी कोई बात नहीं कही है. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बीजेपी के चुनावी वादे पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के स्लोगन - 'तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' की तर्ज पर पैरोडी बना कर रिएक्ट किया है - साथ ही चुनाव आयोग तक शिकायत भी पहुंच गयी है.
तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हे वैक्सीन .... what appalling cynicism! Will the ElectionCommission rap her & her shameless Govt on the knuckles? https://t.co/ri1UlWWmgD
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 22, 2020
Filed an urgent complaint with ECI regarding BJP's announcement of free Covid-19 vaccine for Bihar by Union Finance Minister @nsitharaman.
This is not only discriminatory but also a false promise & blatant misuse of Central Govt. powers during elections.
cc: @SpokespersonECI pic.twitter.com/yti8vR9i2E
— Saket Gokhale (@SaketGokhale) October 22, 2020
राष्ट्र के नाम अपने ताजा संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था - 'भारत में अभी कोरोना की कई वैक्सीन पर काम चल रहा है... कुछ एडवांस स्टेज पर हैं. कोरोना की वैक्सीन जब भी आएगी, वो जल्द से जल्द प्रत्येक भारतीय तक कैसे पहुंचे, इसके लिए भी सरकार की तैयारी चल रही है - एक-एक नागरिक तक वैक्सीन पहुंचे, इसके लिए तेजी से काम हो रहा है.'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन भी कह चुके हैं कि जुलाई 2021 तक प्राथमिकता के आधार पर 25-30 करोड़ भारतीयों को कोरोना वायरस का टीका लगाने की तैयारी है. केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, वैक्सीन की कीमत को लेकर तस्वीर तभी साफ हो पाएगी जब ट्रायल पूरे हो जाएंगे और अप्रूवल मिल जाएगा.
बीजेपी ने बिहार के वोटर से मुफ्त कोरोना वैक्सीन का वादा कर नया झमेला खड़ा कर दिया है. फिर तो मान कर चलना होगा कि पश्चिम बंगाल के साथ साथ उन चार राज्यों में भी फ्री कोरोना वैक्सीन की घोषणा की जा सकती है जहां 2021 में चुनाव होने जा रहे हैं. ठीक वैसे ही उसके आगे उत्तर प्रदेश और उन राज्यों के लोगों को भी ऐसा ऑफर मिल सकता है कि बीजेपी को वोट देने पर कोरोना वैक्सीन मुफ्त मिलेगी जहां 2022 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वैसे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी ने अभी से ही घोषणा कर दी है कि कोरोना वैक्सीन आ जाने के बाद राज्य के सभी लोगों मुफ्त उपलब्ध करायी जाएगी.
फिर तो ऐसा भी हो सकता है कि जो लोग खरीद कर कोरोना वायरस का टीका नहीं लगवा पायें उनको 2024 तक इंतजार करना होगा - क्योंकि तभी बीजेपी केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए पूरे देश में चुनाव लड़ रही होगी. अब तो उन लोगों को खुशकिस्मत ही समझ लेना चाहिये जिनको 'दो बूंद जिंदगी के' लिए चुनावों का इंतजार नहीं करना पड़ा!
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