भोपाल में दिग्विजय सिंह बनाम साध्वी प्रज्ञा यानी 'हिंदू आतंकवाद' चुनाव मैदान में
यूपीए सरकार के दौर में कांग्रेस ने जिस साध्वी प्रज्ञा को हिंदू आतंकवाद का चेहरा बना दिया था, अब उसी साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी ने भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ उतारकर 'हिंदू आतंकवाद का जिन्न' ला खड़ा किया है.
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2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं. जैसे हालात हैं, साफ है कि एक बार फिर से हिंदू आतंकवाद का जिन्न बाहर आ सकता है. कहा जा सकता है कि इससे न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण हिंदी पट्टी के वोटर्स प्रभावित होंगे. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं इसकी वजह है भोपाल लोकसभा सीट. भोपाल सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से दो दो हाथ करने के लिए भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा को भोपाल का किला जीतने की जिम्मेदारी दी है.
ध्यान रहे कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर सिंह ने औपचारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था. साध्वी प्रज्ञा के पार्टी ज्वाइन करने के बाद से इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि किसी भी क्षण बीजेपी भोपाल से इनके नाम पर मोहर लगा सकती है.
Sadhvi Pragya Singh Thakur in Bhopal: I have formally joined BJP, I will contest elections and will win also. #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/siAsXSMm1U
— ANI (@ANI) April 17, 2019
ज्ञात हो कि अभी पिछले दिनों पहले ही साध्वी प्रज्ञा ने ये कहकर सुर्खियां बटोरी थीं कि अगर पार्टी उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहती है तो वह पीछे नहीं हटेंगी. साध्वी ने कहा था, जिस दिग्विजय सिंह ने हिंदू धर्म को पूरे संसार में बदनाम किया. भगवा ध्वज को आतंकवाद के रूप में प्रचारित किया. आध्यात्म और त्यागमय जीवन पर आक्षेप किया और राष्ट्रधर्म को कलंकित किया. उनके खिलाफ यदि मुझे चुनाव लड़ना पड़े तो भी मैं पीछे नहीं हटूंगी.
साध्वी प्रज्ञा को दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है
साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह की दुश्मनी किसी से छुपी नहीं है. 2008 में हुए मालेगांव बम विस्फोट के बाद जैसे कांग्रेस ने हिन्दू आतंकवाद की आड़ में साध्वी प्रज्ञा और भाजपा को घेरा था और इस पूरी प्रक्रिया में जैसे दिग्विजय सिंह ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उससे इतना तो साफ है कि, भोपाल में दिग्विजय सिंह और साध्वी प्रज्ञा के बीच की ये लड़ाई अब कई मायनों में दिलचस्प होने वाली है.
पूर्व में कई ऐसे मौके आए हैं जब हिंदू आतंकवाद को लेकर दिग्विजय सिंह ने भाजपा की आलोचना की है
अब जबकि साध्वी प्रज्ञा को भोपाल से टिकट मिल गया है. तो लाजमी था कि इस बात को लेकर विपक्ष और आलोचक सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. शुरुआत जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने कर दी है.
भाजपा के इस फैसले पर तीखा हमला बोलते हुए महबूबा ने ट्विटर पर लिखा है कि अगर मैं एक आतंक के आरोपी को मैदान में उतारती हूं तो आप उस क्रोध की कल्पना करिए. चैनल अब तक mehboobaterrorist का हैशटैग ट्रेंड कर चुके होते. इन लोगों के अनुसार जब बात भगवा आतंकवाद की आती है तो आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता उसके बाद मुसलमान आतंकी होते हैं. और ये तब तक दोषी रहते हैं जब तक निर्दोष नहीं साबित हो जाते.
Imagine the anger if I’d field a terror accused. Channels would’ve gone berserk by now trending a mehboobaterrorist hashtag! According to these guys terror has no religion when it comes to saffron fanatics but otherwise all Muslims are terrorists. Guilty until proven innocent https://t.co/ymTumxgty7
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 17, 2019
भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा के इस फैसले से क्या आम क्या खास लगभग सभी तरह के लोग हैरत में हैं. कुछ लोग इस फैसले से जहां आहत हैं तो कई ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. कुछ और बात करने से पहले आइये नजर डाल ले प्रतिक्रियाओं पर.
Modi by giving BJP ticket to Hindutva Terrorist Sadhvi to contest the prestigious Bhopal Parliamentary seat is like Imran Khan giving his party PTI ticket to Hafiz Muhammad Saeed to contest from Lahore. https://t.co/yHx4webc5G
— Ashok Swain (@ashoswai) April 17, 2019
Sadhvi Pragya was held in jail for years without bail and brutally tortured for the false charge of Hindu terror perpetrated by @INCIndia for electoral gain. Must admire her strength to challenge her accusers. Anti-Hindu Congress Party must be defeated.https://t.co/joeIZiu2og
— Dr David Frawley (@davidfrawleyved) April 17, 2019
BJP takes the fight against terror to another level!https://t.co/rCQcDq6opp
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) April 17, 2019
Bhopal is going to be the most interesting and talked about elections of 2019. BJP’s Sadhvi Pragya Thakur against Digvijaya Singh of Congress will not just see the so called ‘Hindu Terror Theory’ being challenged and exposed but also tell us who people on ground really support.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) April 17, 2019
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को दिल दहला देने वाला बम धमाका हुआ था. उस धमाके में 7 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. ये धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था, जब मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे. इस धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने का आरोप लगा था. इसमें साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित का नाम सामने आया था.
मालेगांव ब्लास्ट के तहत साध्वी प्रज्ञा को 2008 में गिरफ्तार किया गया था
मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा, असीमानंद और कर्नल पुरोहित का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस ने 'हिंदू आतंकवाद' शब्द को तेजी से उछाला था. इसी कड़ी में कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसे 'संघी आतंकवाद' बताया. आपको बताते चलें कि मालेगांव ब्लास्ट मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर को 23 अक्टूबर 2008 को गिरफ्तार किया और उनपर MCOCA लगाया गया जिसे बाद में हटा दिया गया. 25 अप्रैल 2017 को उन्हें जमानत पर रिहा किया गया. उसके बाद उन्हें हाल ही में इस केस से दोषमुक्त कर दिया गया है.
ध्यान रहे कि भोपाल लोकसभा सीट पर 12 मई को चुनाव होना है. इसके लिए 16 अप्रैल को नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. 23 अप्रैल नामांकन की अंतिम तारीख और 24 तारीख को स्क्रूटनी होनी है.
बहरहाल अब जबकि साध्वी प्रज्ञा को भाजपा ने भोपाल की कमान दे दी है तो साफ हो गया है कि भोपाल का ये चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक होने वाला है. ये कहना हमारे लिए अतिश्योक्ति नहीं है कि ये चुनाव जहां एक तरह मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की आन मान शान का चुनाव है तो वहीं दूसरी तरह ये भी साफ हो गया है कि भोपाल सीट वाकई भाजपा के लिए महत्वपूर्ण है जिसे जीतने के लिए वो साम, दाम, दंड, भेद कुछ भी एक कर सकती है.
खैर, भोपाल में चुनाव होने में अभी कुछ दिन शेष है और जिस तरह का माहौल तैयार हो चुका है एक बार फिर हिंदू आतंकवाद का जिन्न एक बड़ा मुद्दा बनेगा. कह सकते हैं कि साध्वी प्रज्ञा का ये टिकट न सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि सम्पूर्ण हिंदी पट्टी के वोटर्स को प्रभावित करेगा और अब जबकि बात निकल चुकी है तो ये बड़ी दूर तक जाएगी.
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