यूपी चुनाव में बीजेपी की जीत पर नीतीश कुमार का धर्मसंकट !
नीतीश कुमार कुछ खुलकर बोलना नहीं चाहते, न तो वो समाजवादी और कांग्रेस की हार पर खुलकर दुख जता सकते हैं और न ही बीजेपी की जीत पर खुलकर बधाई दे सकते हैं.
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उत्तरप्रदेश में बीजेपी की बम्पर जीत का असर बिहार की राजनीति पर दिखने लगा है. बिहार में महागठबंधन की सरकार चल रही है. लेकिन इस परिणाम के बाद महागठबंधन के सभी दलों की बॉडी लैंग्वेज में अंतर दिखने लगा है. हालांकि किसी भी दल ने अभी तक समाजवादी और कांग्रेस के गठबंधन की हार पर और बीजेपी की जीत पर कोई बयान नहीं दिया है. एक कार्यक्रम में आए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया पूछने पर सिर्फ इतना ही कहा कि अरे अभी पूरा परिणाम तो आने दीजिए.
जाहिर है कि नीतीश कुमार कुछ खुलकर बोलना नहीं चाहते, न तो वो समाजवादी और कांग्रेस की हार पर खुलकर दुख जता सकते हैं और न ही बीजेपी की जीत पर खुलकर बधाई दे सकते हैं.
परिणाम से पहले एग्जिट पोल को कोसने वाले आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद परिणाम के बाद चुप हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता जब ट्वीट कर के उनसे पूछा तो लालू ने ट्वीटर पर जवाब दिया कि आपको उत्तरप्रदेश में बीजेपी ने प्रचार के लिए नहीं बुलाया इसलिए वो जीत गई. लालू प्रसाद यादव ने उत्तरप्रदेश में सपा और कांग्रेस गठबंधन के लिए न सिर्फ प्रचार किया बल्कि अपने समधियाने की आन-बान और शान कायम रखने के लिए बहुत जतन किए. चुनाव से पहले उन्होंने समाजवादी पार्टी को अपना समर्थन दिया, चुनाव न लड़ने का फैसला किया, लेकिन सब धरा का धरा रह गया. और आजादी के बाद बीजेपी ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की.
रही बात कांग्रेस की तो शायद उसे हारने की इतनी आदत पड़ चुकी है कि उत्तरप्रदेश की हार का शायद ही उसपर कुछ असर पडेगा. कांग्रेस बिहार में महागठबंधन में शामिल है तो उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी. और उसे उत्तरप्रदेश में अबतक की सबसे बडी हार को देखना पडा है.
लेकिन बॉडी लैंग्वेज की बात करें तो पटना में शहीद जुब्बा सहनी के शहादत पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को हिस्सा लेना था. मुख्यमंत्री तो कार्यक्रम में आए लेकिन तेजस्वी यादव कार्यक्रम में नहीं आए. जाहिर है उन्हें इस परिणाम से झटका लगा होगा. उन्होंने अपनी जगह आरजेडी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी को भेजा. इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार को देखकर साफ लग रहा था कि उन्हें इस चुनाव परिणाम से कोई फर्क नहीं पड़ा है, वो पहले की तरह ही हंसते-बोलते दिखे. उन्होंने अपने संबोधन में भी कोई राजनीतिक बात नहीं की.
जाहिर है कि उत्तरप्रदेश के चुनाव की चर्चा का तो सवाल ही नहीं था. अब अब्दुलबारी सिद्दीकी ने अपनी खीज जरूर निकाली और कहा कि सामंती लोग अब साम्प्रदायिकता का चोला पहन कर गरीबों को बरगला रहे हैं. उन गरीबों को जिन्हें कर्पूरी ठाकुर और लालू यादव ने जुबान दी थी.
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पटना आवास पर सन्नाटा छाया हुआ है. आज अगर परिणाम इससे उल्टा होता तो होली आज से ही शुरू हो जाती लेकिन ऐसा हुआ नहीं. अब तो लगता है कि होली के दिन भी शायद ही लालू यादव की मशहूर होली देखने को मिले.
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने उत्तरप्रदेश में साम्प्रदायिक शक्तियों की जीत के पीछ नीतीश कुमार का हाथ बताया है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के उत्तरप्रदेश में चुनाव नहीं लड़ने की वजह से बीजेपी की जीत हुई है. जनता दल यू ने रघुवंश प्रसाद सिंह के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने रघुवंश प्रसाद सिंह को शिखंडी कहकर संबोधित किया. ऐसे में बिहार में महागठबंधन एक साथ मिलकर बिहार में सरकार तो चला रही है लेकिन सभी के रंग अलग अलग हैं.
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