तो महागठबंधन में 'गांठ' की शुरुआत मायावती द्वारा छत्तीसगढ़ से हो ही गई
छत्तीसगढ़ में मायावती का जोगी के साथ गठबंधन से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. छत्तीसगढ़ की कुल 90 विधानसभा सीटों में से 35 सीटों पर बसपा और 55 सीटों पर जोगी की जनता कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी.
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आने वाले 5 राज्यों के विधानसभा और 2019 लोकसभा के चुनावी महाकुंभ में भाजपा को परास्त करने के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन बनाने की कोशिशों के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसमें 'गांठ' डालने का श्रेय लिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि मायावती ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए अजीत जोगी की पार्टी 'जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़' के साथ गठबंधन का ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ की कुल 90 विधानसभा सीटों में से 35 सीटों पर बसपा और 55 सीटों पर जनता कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ेगी. इस गठबंधन के तहत अगर प्रदेश में सरकार बनती है तो इसके मुख्यमंत्री अजीत जोगी होंगे.
Bahujan Samaj Party(BSP) has decided to contest upcoming assembly polls in alliance with Janta Congress Chhattisgarh. BSP will fight on 35 seats&Janta Congress Chhattisgarh will contest on 55 seats.If we win, Ajit Jogi will be the CM: BSP Chief Mayawati on #Chhattisgarh elections pic.twitter.com/pnW0APhAUL
— ANI (@ANI) September 20, 2018
इससे पहले बसपा प्रमुख मायावती ये ऐलान कर चुकी थी कि जब तक उसे सम्मानजनक सीटें नहीं मिलेंगी वो गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगी. और अब मायावती का जोगी के साथ गठबंधन साफ संकेत देता है कि महागठबंधन की कोशिश में लगी कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस उत्तर प्रदेश के साथ ही साथ मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी बसपा के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रही थी, क्योंकि इन राज्यों में अनुसूचित जाति वर्ग की अच्छी खासी आबादी है.
मायावती के अजीत जोगी के साथ गठबंधन से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के लिए अहम
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस करीब 15 वर्षों से वनवास में है. भाजपा की रमन सिंह सरकार यहां 2003 से ही सत्ता में है. ऐसे में कांग्रेस बसपा के साथ मिलकर भाजपा के प्रति एंटी इंकम्बेंसी का फायदा उठाते हुए अपनी वापसी चाहती थी. प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों में से 39 आरक्षित सीटें हैं इनमें 29 अनुसूचित जनजाति और 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
जोगी-माया कांग्रेस का खेल खराब कर सकते हैं
अजीत जोगी और मायावती मिलकर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं. और यदि यह गठबंधन कांग्रेसी वर्चस्व की सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ लड़ते हैं तो इसका सीधा फायदा भाजपा को हो सकता है. फायदा इसलिए क्योंकि 2013 के विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा को 41.04 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे वहीं कांग्रेस को 40.29 फीसदी वोट मिले थे. यानी मात्र एक फीसदी वोट का अंतर. ऐसे में इस बार कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन के आसार पर ये गठबंधन पानी फेर सकता है.
छत्तीसगढ़ में जोगी का जलवा
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी पिछले 5 वर्षों से राज्य में लगातार दौरे करते रहे हैं जिससे कई क्षेत्रों में जनता में उनकी पकड़ बढ़ी है. वैसे भी जोगी आदिवासी वर्ग से आते हैं और छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 29 अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. मतलब साफ है जोगी को माया का साथ मिलने से कम से कम प्रदेश की 39 आरक्षित सीटों पर तो इस गठबंधन का दबदबा कायम हो सकता है. जहां तक बात बसपा के छत्तीसगढ़ में 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन की है, तो बसपा एक ही सीट जीत पाई थी लेकिन इसका वोट 4.27 फीसदी था.
अब चूंकि भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बनाने की मुहिम में बसपा सुप्रीमो मायावती ने 'गांठ' डालने की शुरुआत कर दी है, ऐसे में आने वाले समय में संभावनाएं ये भी बन सकती हैं कि मयावती के पदचिन्हों पर कुछ और पार्टियां चलें और हमेशा की तरह महागठबंधन एक सपना बन कर रह जाए.
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