झूठ पर झूठ... झूठ बोलने का कीर्तिमान बनाने की ओर पाकिस्तान
झूठ और पाकिस्तान, ये एक दूसरे का पूरक बन चुके हैंं. हालात ये हैं कि पिछले एक महीने में सिर्फ श्रीलंका ही दो बार पाकिस्तान के झूठ की पोल खोल चुका है.
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आतंकवाद की पनाहगाह के रूप में बदनाम हो चुके पाकिस्तान ने अब अपनी छवि बदलने की कोशिश की है. अब वह खुद को दुनिया के सबसे झूठे देश के रूप में प्रस्तुत करने पर आमादा है. भारत को लेकर अपनी जलन और कुढ़न से पीडि़त पाकिस्तान के एक मंत्री फवाद चौधरी ने तो शर्मिंदगी की परवाह किए बिना इस दिशा में भरपूर काम किया है. चंद्रयान 2 मिशन को लेकर अपने विवादित ट्वीट को लेकर उसे पाकिस्तान में ही खरी-खोटी सुननी पड़ी थी, लेकिन उससे बेपरवाह फवाद ने नया बखेड़ा खड़ा करने की कोशिश की. भारत को लेकर फोबिया से ग्रस्त फवाद ने नया झूठ गढ़ा. उसने ट्वीट किया, 'एक खेल कमेंटेटर ने मुझसे कहा कि भारत ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को धमकी दी है कि अगर वे पाकिस्तान खेलने गए तो उनका आईपीएल करार खत्म कर दिया जाएगा. ये काफी नीच हरकत है. इसकी निंदा की जानी चाहिए. ये भारतीय खेल अधिकारियों की ओछी हरकत है.' दरअसल, श्रीलंका टीम को 27 सितंबर से 9 अक्टूबर तक पाकिस्तान में तीन वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज खेलना है. लेकिन श्रीलंका के 10 खिलाड़ियों ने पाक दौरे से अपना नाम वापस ले लिया है.
Informed sports commentators told me that India threatened SL players that they ll be ousted from IPL if they don’t refuse Pak visit, this is really cheap tactic, jingoism from sports to space is something we must condemn, really cheap on the part of Indian sports authorities
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) September 10, 2019
फवाद के इस बेवकूफी भरे इल्जाम की पहले ही काफी आलोचना हो चुकी थी. लेकिन श्रीलंका के टेलिकॉम मिनिस्टर हारिन फर्नांडो ने इस मुद्दे पर फुलस्टॉप ही लगा दिया. उन्होंने फवाद का नाम लिए बिना ट्वीट किया कि ऐसी रिपोर्ट सच्चाई से परे हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि भारत के दबाव में श्रीलंका के खिलाडि़यों ने अपना पाक दौरा रद्द किया. पाकिस्तान न जाने वाले कुछ खिलाडि़यों ने तो इस फैसले की वजह 2009 में पाकिस्तान में हुए आतंकी हमले को ही बताया है. श्रीलंका के इस मंत्री के बयान के बाद क्या फवाद शर्मिंदगी महसूस करेंगे, या श्रीलंका के मंत्री के बयान को भी भारत के दबाव में दिया गया बयान कहेंगे?
No truth to reports that India influenced Sri Lankan players not to play in Pakistan.Some decided not to play purely based on 2009 incident. Respecting their decision we picked players who were willing to travel. We have a full strength team & we hope to beat Pakistan in Pakistan
— Harin Fernando (@fernandoharin) September 10, 2019
मलिंगा समेत इन 10 खिलाड़ियों ने नाम वापस लिया
श्रीलंका की वनडे टीम के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने, टी-20 कप्तान लसिथ मलिंगा, पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज, निरोशन डिकवेला, कुसल परेरा, धनंजय डिसिल्वा, अकिला धनंजय, सुरंगा लकमल, थिसारा परेरा और दिनेश चंडीमल ने पाकिस्तान दौरे से अपना नाम वापस ले लिया है. जिसपर श्रीलंका के खेल मंत्री हेरिन फर्नांडो खुद बयान भी दे चुके हैं. उनके मुताबिक अधिकतर खिलाड़ियों के परिवारों ने सुरक्षा स्थिति को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है.
श्रीलंका की टीम को पाकिस्तान में सुरक्षा का डर है
पाकिस्तान में श्रीलंका की टीम पर हो चुका है हमला
पाकिस्तान दौरे से श्रीलंकाई खिलाड़ियों के नाम वापस लेने की मुख्य वजह 2009 में टीम पर हुआ आतंकी हमला है. गौरतलब है कि, 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम 3 टेस्ट और 3 वनडे मैचों की सीरीज के लिए पाक दौरे पर गई थी. 1 मार्च से सीरीज का दूसरा टेस्ट मैच शुरू हुआ था. इसी बीच 3 मार्च को लाहौर के लिबर्टी चौक पर श्रीलंका टीम की बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया था. इसमें आठ आम नागरिक मारे गए थे, जबकि श्रीलंका टीम के स्टाफ समेत सात खिलाड़ी जख्मी हुए थे. इस घटना के बाद से सभी टीमों ने पाक दौरे से बॉयकॉट कर लिया था.
श्रीलंका ने पहले भी पकड़ा है पाकिस्तान का झूठ
ऐसा नहीं कि पाकिस्तान पहली बार इस तरह का कोई गलत बयानी कर रहा है. बल्कि इससे पहले भी पाकिस्तान ने श्रीलंका को लेकर ही एक बड़ा झूठ बोला था. जिसकी पोल फिर श्रीलंका ने ही खोल दी थी. दरअसल कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद पाकिस्तानी उच्चायुक्त शहज़ाद चौधरी ने राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना से मुलाकात की थी. उसके बाद एक प्रेस रिलीज़ जारी कर पाकिस्तान ने कई झूठ दावे किए थे. पाकिस्तान के मुताबिक, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा कि UN के प्रस्तावों के अनुसार और कश्मीरियों की इच्छाओं के तहत कश्मीर मुद्दे का हल होना चाहिए. साथ ही श्रीलंका ने भारत-पाक के बीच मध्यस्थता कर सार्क के मंच को दोबारा शुरू करने का प्रस्ताव भी दिया.
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने खोली पाकिस्तान के झूठ की पोल
पाकिस्तान के झूठ को खुद श्रीलंका के राष्ट्रपति कार्यालय ने बेनकाब कर दिया था. राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, पाकिस्तान के अनुरोध पर राष्ट्रपति सिरिसेन ने पाक उच्चायुक्त से मुलाकात की, और पाक उच्चायुक्त ने अनुच्छेद 370 पर लिए गए भारत के फैसले की जानकारी दी थी. सिरीसेना ने कहा कि भारत और पाकिस्तान से श्रीलंका के बेहतरीन रिश्ते हैं और कोलंबो के लिए क्षेत्रीय सहयोग और मित्रता महत्वपूर्ण है. जहां तक कश्मीर की बात है, श्रीलंका के राष्ट्रपति ने इस मुद्दे का जिक्र नहीं किया था. राष्ट्रपति कार्यालय ने साफ किया कि भारत-पाकिस्तान से जुड़े किसी भी मुद्दे पर राष्ट्रपति सिरिसेना ने टिप्पणी नहीं की. वहीं अनुच्छेद 370 पर भारत के फैसले को श्रीलंका ने न सिर्फ अंदरूनी मामला बताया था बल्कि लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने का स्वागत भी किया था. एक ट्वीट में श्रीलंका के राष्ट्रपति ने कहा था कि 70% बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों के साथ यह भारत का पहला बौद्ध बहुल राज्य होगा.
पाकिस्तान भारत के खिलाफ झूठ ही बोलता आया है
पाकिस्तान से श्रीलंका भी है परेशान
पाकिस्तान में सुन्नी समुदाय के अत्याचार के शिकार सैकड़ों अहमदिया समुदाय के लोग श्रीलंका पहुंचे थे. पाकिस्तान के अलावा अफ़गानिस्तान के इन शरणार्थियों को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की मदद से यहां नेगोंबो शहर में बसाया गया है. जो श्रीलंका के लिए मुसीबत बन गया है. क्योंकि इस साल ईस्टर के मौके पर कोलंबो में हुए आतंकी हमले में भी पाकिस्तानी कनेक्शन का खुलासा हुआ था. जिसके बाद स्थानीय लोगों और शरणार्थियों के बीच झड़प भी हुई थी.
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