भाजपा की कामयाबी में पलीता लगाते पार्टी के नेता...
कैराना और नूरपुर हारने के बावजूद जिस तरह भाजपा के नेता बेतुके बयान और दे रहे हैं कहना गलत नहीं है कि इन्हीं नेताओं की वजह से भाजपा भविष्य में गर्त के अंधेरों में जाएगी.
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हाल के ज्यादातर चुनावों में विजय का परचम लहराने वाली भाजपा के लिए मुश्किल वक़्त की शुरुआत हो गई है. पहले गोरखपुर, फूलपुर अब कैराना और नूरपुर सबसे बड़े राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश की इन चारों ही महत्वपूर्ण सीटों पर हार का मुंह देखने वाली भाजपा ढंग से अपनी इस हार का मंथन कर भी नहीं पाई थी कि पार्टी नेताओं के बेतुके बयानों और अजीबो गरीब हरकतों ने सूबे के अलावा पूरे देश की जनता को आश्चर्य में डाल दिया है. विवाद इस बात को लेकर शुरू हो गया है कि जिस भाजपा को अपनी हार से सबक लेकर अपनी कार्यप्रणाली पर सुधार करने चाहिए थे उसके मंत्री और नेता ऐसी हरकतों में लिप्त हैं जिससे पार्टी की किरकिरी में लगातार इजाफा हो रहा है.
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर का है. अंबेडकरनगर जिले के टांडा विधानसभा इलाके में स्थानीय बीजेपी विधायक संजू देवी ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर मंत्रोच्चार के बाद उसका दुग्धाभिषेक किया और भगवा अंगवस्त्र पहना दिया. भले ही इस बात को लेकर दलितों में रोष हो मगर बीजेपी कार्यकर्ता ये दावा कर रहे हैं कि भगवा रंग किसी जाति विशेष का नहीं है बल्कि, भगवा अग्नि, शौर्य और वीरता का प्रतीक है.
सवाल ये है कि आखिर डॉ. आंबेडकर के नाम पर अपनी सियासत क्यों कर रही है भाजपा
इस मामले पर सफाई देते हुए बीजेपी के नगर अध्यक्ष रमेश चंद्र गुप्ता ने तर्क दिया है कि डॉ. आंबेडकर ने दलितों और वंचितों के लिए बहुत कार्य किए हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि दलितों में डॉ. आंबेडकर भगवान की तरह पूजे जाते हैं और हिन्दू सनातन धर्म की परम्परा रही है कि वो महापुरुषों का हमेशा सम्मान करती चली आ रही है. भगवा अंग वस्त्र पर उन्होंने कहा की भगवा रंग किसी विशेष जाति-समुदाय का नहीं बल्कि सबका है, भगवा अग्नि शौर्य और वीरता का प्रतीक है.
भाजपा द्वारा की गयी इस हरकत से दलितों के माथे पर बल पड़ना स्वाभाविक था. बीजेपी विधायक द्वारा आंबेडकर प्रतिमा को दूध से नहलाकर भगवा वस्त्र पहनाए जाने पर बसपा ने अपना विरोध जाहिर किया है. बीएसपी के पूर्व सांसद त्रिभुवन दत्त ने भाजपा विधायक की इस हरकत को अनुचित करार दिया है और इस पर अपना कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग आंबेडकर के सिद्धांतों पर नहीं चलते हैं और ये सब केवल दिखावे के लिए किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का भी बयान भाजपा की किरकिरी कराता नजर आ रहा है
बहरहाल बात जब दिखने, दिखाने और बयानों के बल पर बेइज्जती कराने की हो रही है तो ऐसे में हमें उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को नहीं भूलना चाहिए. दिनेश शर्मा ने सीता माता के जन्म की तुलना टेस्ट बेबी ट्यूब की अवधारणा से कर दी है. उपमुख्यमंत्री डॉक्टर शर्मा का मत है कि, लोग कहते हैं कि सीता जी का जन्म धरती के अंदर से निकले घड़े में हुआ, इसका मतलब है कि रामायण काल में भी टेस्ट ट्यूब बेबी की अवधारणा जरूर रही होगी.
People say Sita ji was born from an earthen pot, which means at the time of Ramayana, a concept similar to test tube baby must have existed: Dinesh Sharma, UP Deputy CM pic.twitter.com/kcCH7t75Ex
— ANI UP (@ANINewsUP) June 1, 2018
गौरतलब है कि इससे पहले दिनेश शर्मा ने लोगों को तब आश्चर्य में डाला था जब उन्होंने हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर एक बयान देते हुए कहा था कि पत्रकारिता, आधुनिककाल से नहीं शुरू हुई थी, इसकी शुरुआत महाभारत काल में हुई थी. दिनेश शर्मा का मानना है कि पौराणिक पात्रों 'संजय' और 'नारद' को वर्तमान समय में सीधे प्रसारण और गूगल से जोड़कर देखा जा सकता है. लाइव टेलीकास्ट के विषय पर दिनेश शर्मा का तर्क था कि, "मैं मानता हूं कि महाभारत काल में ऐसी ही तकनीक थी, जब संजय धृतराष्ट्र को महाभारत की लड़ाई का लाइव प्रसारण सुनाते थे".
उपमुख्यमंत्री इतने पर ही नहीं रुके उनका ये भी मानना है कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन, प्लास्टिक सर्जरी, गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत, परमाणु परीक्षण और इंटरनेट जैसी तमाम आधुनिक प्रक्रियाएं पौराणिक काल में ही शुरू हुई थीं. इन हरकतों और बयानों से एक बात तो साफ है कि, एक ऐसे वक़्त में जब पूरा देश टकटकी बांधे भाजपा को देख रहा है. ऐसे में उसके नेताओं द्वारा की जा रही ऐसी हरकतें ये बता देती हैं कि पार्टी अगर गर्त के अंधेरों में गई तो इसका जिम्मेदार और कोई नहीं बल्कि पार्टी के वो नेता होंगे जो अपने हाथ में सत्ता की डोर पकड़े तंत्र चला रहे हैं.
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