बदजुबानी तेज हो जाए, तो समझो चुनाव नजदीक हैं
एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नेता बदजुबानी के हथियार चलाने लगे हैं. खैर, ये तो अभी शुरुआत है. ये देखना दिलचस्प होगा कि मई में होने वाले लोकसभा चुनाव तक कौन-कौन से नेता क्या-क्या बोलेंगे.
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तेलंगाना की सियासत में भाजपा और कांग्रेस के बीच एक नया घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें तेलंगाना में लोकतंत्र को द्रौपदी के रूप में दिखाया गया है, जिसका चीर हरण हो रहा है. वहीं चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र दिखाया गया है और ये कहने की कोशिश की गई है कि वह आंखों पर पट्टी बांधे हुए है. दुशासन को चुनाव आयोग के एजेंट के रूप में दिखाया है जो चीर हरण कर रहा है. यूं तो कांग्रेस ने इस पोस्टर के जरिए तेलंगाना की टीआरएस सरकार पर हमला बोला था, लेकिन लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच छिड़ गई है. भाजपा ने कांग्रेस पर हिंदू धर्म की महिलाओं का अपमान करने का आरोप लगाया है. साथ ही राहुल गांधी और कांग्रेस से माफी मांगने को भी कहा है.
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेता कभी बदजुबानी के हथियार चलाते हुए विपक्षी पार्टी पर हमला बोल रहे हैं, तो कभी पोस्टर या गानों के जरिए यही काम हो रहा है. कांग्रेस का आरोप था कि इस बार के चुनाव में बहुत सी खामियां देखने को मिली हैं, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे को उठाने के लिए जो पोस्टर तैयार किया, उसने भाजपा को भी इस लड़ाई में कूदने का मौका दे दिया है.
कांग्रेस ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें तेलंगाना में लोकतंत्र को द्रौपदी के रूप में दिखाया गया है.
केरल में भी फंस गई कांग्रेस
इधर तेलंगाना में भाजपा और कांग्रेस के बीच पोस्टर की वजह से ठनी हुई है उधर केरल में भी वहां के कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के सुधाकरन महिलाओं के खिलाफ टिप्पणी कर के विवादों में घिर गए हैं. के सुधाकरन ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर हमला बोलते हुए कहा- जब उन्होंने सत्ता संभाली तो हमने सोचा कि वह मर्द की तरह कुछ कर सकते हैं, लेकिन वह एक असंवेदनशील मुख्यमंत्री बन गए. यहां तक कि एक महिला ने भी उनसे बेहतर किया होता. वह एक औरत से भी बदतर हैं.
कुछ दिन पहले अमित शाह पर की थी विवादित टिप्पणी
कुछ दिन पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह स्वाइन फ्लू के संक्रमण की वजह से एम्स में भर्ती हुए थे. इसी दौरान कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद बीके हरिप्रसाद ने उन पर एक विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि हमारे कुछ विधायक वापस लौट आए हैं, इससे अमित शाह डर गए और उनके बुखार हो गया. उनके कोई आम बुखार नहीं हुआ है, उन्हें सुअर की बीमारी हुई है. अगर वह कर्नाटक की सरकार को गिराने की कोशिश करेंगे तो उल्टी और लूज मोशन भी होगा. उन्होंने कहा कि उन्हें कर्नाटक के लोगों का श्राप लगा है.
राहुल गांधी पर तो बन गया गाना
ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेस ही लोकसभा चुनाव से पहले विवादों में फंसी है, बल्कि खुद राहुल गांधी पर भी एक गाना बना दिया गया है. ये गाना 'एक और सुधार कार्यक्रम' के निदेशक और हरियाणा सरकार के पब्लिसिटी एडवाइजर रॉकी मित्तल ने बनाया है, जिसे लेकर विवाद हो गया है. गाने में मित्तल ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें सोनिया का बच्चा, अक्ल का कच्चा कहा है. मित्तल का दावा है कि इस गाने को भाजपा के तमाम बड़े नेता देख चुके हैं. हरियाणा के कैबिनेट मिनिस्टर अनिल विज ने कहा है कि रॉकी मित्तल लेखक, कवि और गायक हैं, जो लोगों की भावनाओं को अपने गीतों से सबसे सामने पेश करते हैं. उन्होंने जो देखा और सुना वह बता रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि ये गाना भाजपा की सोच और चरित्र दिखाता है जो एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष और सांसद के प्रति इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जो बेहद निंदनीय है.
भाजपा विधायक ने साधा था मायावती पर निशाना
कुछ दिन पहले ही मुगलसराय से भाजपा की विधायक साधना सिंह ने बसपा सुप्रीमो मायावती के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. उन्होंने मायावती को 'कलंकित महिला' और 'किन्नर से भी बदतर' जैसे अपशब्द कहे थे. उसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और इसके लिए भाजपा विधायक ही नहीं, बल्कि पूरी भाजपा की आलोचना हुई.
#WATCH:BJP MLA Sadhna Singh says about BSP chief Mayawati, "jis din mahila ka blouse, petticoat, saari phat jaaye, wo mahila na satta ke liye aage aati hai. Usko pure desh ki mahila kalankit maanti hai.Wo to kinnar se bhi jyada badtar hai, kyunki wo to na nar hai, na mahila hai." pic.twitter.com/w3Cdizd8eR
— ANI UP (@ANINewsUP) January 19, 2019
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं की जुबान फिसलती जा रही है. एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए नेताओं ने बदजुबानी के हथियार चलाने शुरू कर दिए हैं. खैर, ये तो अभी शुरुआत है. ये देखना दिलचस्प होगा कि मई में होने वाले लोकसभा चुनाव तक कौन-कौन से नेता क्या-क्या बोलेंगे.
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