पाकिस्तान को 'भीख' न मांगनी पड़े, इसके लिए ये 5 काम करेंगे इमरान
कुल 336 सीटों में से इमरान खान को बहुमत के लिए 173 सीटें चाहिए थीं, लेकिन बहुमत साबित करने के साथ ही उनकी सीटों की संख्या 176 पर पहुंच गई. अब पाकिस्तान का मुस्तकबिल इमरान खान के हाथ में है.
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पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन चुके हैं. शनिवार को उन्होंने देश के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. उनके शपथ ग्रहम समारोह में भारत से नवजोत सिंह सिद्धू भी पहुंचे थे, जिन्होंने पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात की. अपनी शपथ ग्रहण के दौरान लड़खड़ाती उर्दू में इमरान खान ने शपथ ली और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए, लेकिन शपथ ग्रहण से पहले संसद में उन्होंने बिना लड़खड़ाए दावों की झड़ी लगा दी.
#WATCH Islamabad: Imran Khan fumbles during his oath taking speech pic.twitter.com/cPsgsjwgnD
— ANI (@ANI) August 18, 2018
कुल 336 सीटों में से इमरान खान को बहुमत के लिए 173 सीटें चाहिए थीं, लेकिन बहुमत साबित करने के साथ ही उनकी सीटों की संख्या 176 पर पहुंच गई. अब पाकिस्तान का मुस्तकबिल इमरान खान के हाथ में है. पाकिस्तान की खस्ता हालत किसी से छुपी नहीं है, ऐसे में इसे सुधारने की बहुत जरूरत है. इमरान खान से शपथ लेने से पहले संसद में 5 दावे किए जिनके जरिए उन्होंने पाकिस्तान को एक नई बुलंदी पर ले जाने का वादा किया. आइए जानते हैं इन 5 दावों के बारे में-
1- 'विदेशों से काला धन वापस लाएंगे'
इमरान खान ने संसद में कहा कि वह अपनी कॉम में वो तब्दीली लाएंगे, जिसके लिए यह कॉम तरस रही थी. वह बोले- 'मुझे किसी मिलिट्री डिक्टेटर ने नहीं पाला है, मैं 22 साल संघर्ष करके अपने पैर पर खड़ा होकर यहां पहुंचा हूं.' इमरान खान ने मोहम्मद अली जिन्ना को अपना आदर्श बताया और कहा कि जो पैसा देश से लूटकर बाहर ले जाया गया है उसे वापस लाएंगे और उन लोगों को सख्त सजा दिलवाएंगे जिन्होंने देश के 6000 अरब रुपए के कर्जे को पिछले 10 साल में बढ़ाकर 28000 अरब रुपए कर दिया. वह बोले कि जो पैसा बच्चो को अच्छी तामीम देने, अस्पताल मुहैया कराने और साफ पीने का पानी देने में खर्च होता, वो पैसे कुछ लोगों की जेबों में चला गया.
2- 'चुनाव में धांधली के दोषियों को सजा दिलाएंगे'
संसद में शोर मचा रहे विपक्ष के लोगों पर धावा बोलते हुए इमरान खान ने कहा कि जो कलीग शोर मचा रहे हैं, उनसे 2013 के चुनावों के बाद 4 हलकों की जानकारी मांगी थी, जो उन्होंने नहीं दी. अगर वो जानकारी दे दी जाती तो पता चल जाता कि कहां गलती हुई है और 2018 के चुनाव सही तरीके से होते. इमरान बोले कि इन 4 हलकों को खुलवाने के लिए उन्हें चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा और 126 दिनों तक धरना भी देना पड़ा. जब ये हलके खुले तो पता चला कि इनमें गैरकानूनी ढंग से वोट पड़े थे. इसके बाद पता चला कि चुनाव में 2.5 करोड़ यानी करीब 35 फीसदी बैलेट गायब थे. वह बोले जिन लोगों ने भी चुनाव में धांधली की थी, उनकी जांच होगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी.
इमरान खान के वादे तो बड़े हैं, जिनके लिए कोशिश भी बड़ी करनी होगी.
3- 'किसी के सामने भीख नहीं मांगनी पड़ेगी'
इमरान खान ने संसद में अपने विरोधियों पर हमला बोलते हुए कहा कि वह पीएम बनने के बाद मुल्क में एक ऐसा निजाम बनाएंगे कि इसी कॉम से पैसे इकट्ठा किए जा सकें. उन्होंने कहा कि वह ऐसा इसलिए करेंगे ताकि बाहर की किसी कॉम के सामने झुकना ना पड़े, भीख ना मांगनी पड़े.
4- 'क्रिकेट की तरह चुनाव में न्यूट्रल अंपायर लाएंगे'
इमरान खान ने क्रिकेट के न्यूट्रल अंपायर का जिक्र भी किया. वह बोले कि वह क्रिकेट के वह कप्तान रह चुके हैं, जिनकी वजह से 1986 में पाकिस्तान में न्यूट्रल अंपायर लाया गया था. उन्होंने कहा कि जिस तरह से क्रिकेट में न्यूट्रल अंपायर होता है, जिसका फैसला हारने और जीतने वाली टीमों को मानना होता है, ठीक वैसा ही सिस्टम चुनावी प्रक्रिया में भी लाया जाएगा, ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके.
5- 'देश में नौकरियां पैदा करेंगे'
देश के नौजवानों के लिए भी इमरान खान ने एक संदेश दिया. वह बोले कि जिन नौजवानों की मदद से उन्होंने पीएम की कुर्सी तक का सफर तय किया है, वह उन नौजवानों का मुस्तकबिल सुधारेंगे. उन्होंने कहा कि वह पूरी कोशिश करेंगे कि अधिक से नौकरियां देश में ही पैदा की जा सकें, ताकि नौजवानों को नौकरी करने के लिए देश से बाहर जाने की जरूरत ना पड़े.
इमरान खान ने अपने विरोधियों को ललकारते हुए कह दिया है कि वह दोषियों को बख्शेंगे नहीं. साथ ही यह भी कहा है कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि वह किसी की मदद से चुनाव जीते हैं. ऐसे में इमरान ने कहा है कि अगर किसी को ऐसा लगता है तो वो जांच करवा सकते हैं. पाकिस्तान चुनाव में इमरान खान जीत हासिल कर पीएम की कुर्सी तक तो पहुंच ही चुके हैं, लेकिन अपने वादों को पूरा करना उनके लिए एक चुनौती होगी, जिसे उन्हें स्वीकारना भी होगा और पूरा भी करना होगा. ये वादे ही हैं जो पूरे हो गए तो अगले चुनाव में इमरान खान दावे करेंगे और लोगों से वोट मांग सकेंगे.
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