लॉकडाउन पर शराब का स्टॉक करने वाले तो प्रलय आने पर भी नहीं सुधरेंगे!
तमाम राज्यों की तरह तमिलनाडु भी कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर गंभीर है और राज्य सरकार ने तमाम तरह की पाबंदियां लगा दी हैं. ऐसे में जैसा लोगों का रवैया है, साफ पता चलता है कि उनकी प्राथमिकता महामारी से बचना नहीं बल्कि शराब और उसे धड़ल्ले से पीना है.
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जिस हिसाब से भारत के अलग अलग राज्यों में कोरोना वायरस के एक के बाद एक मामले आ रहे हैं, हेल्थ एक्सपर्ट्स की यही राय है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. हालात कितने भयावह है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 राज्यों (जिनमें भारतीय राजनीति के परिदृश्य में उत्तर प्रदेश और पंजाब खासा अहम है.) में चुनाव होने है ऐसे में सभी तरह के प्रचार प्रसार को जहां एक तरफ वर्चुअल कर दिया गया है तो वहीं नाईट कर्फ्यू और वीकेंड लॉक डाउन का भी ऐलान कर दिया गया है. चाहे केंद्र हो या राज्य प्रयास यही है कि कोरोना अपने पैर पसारे और जन जीवन ठप करे उससे पहले ही सूझ बूझ से उसकी चेन तोड़ दी जाए. तमाम राज्यों की तरह तमिलनाडु ने भी यही किया लेकिन जैसा लोगों का रवैया रहा साफ पता चलता है कि उनकी प्राथमिकता महामारी से बचना नहीं बल्कि शराब है. ध्यान रहे कोविड से बचाव के तहत तमिलनाडु सरकार ने पिछले सप्ताह कुछ नई पाबंदियों की घोषणा की. जिसमें नाईट कर्फ्यू के साथ साथ रविवार का लॉक डाउन शामिल है. ऐसे में इस सरकारी फरमान के बाद लोगों ने शराब खरीदने में रिकॉर्ड बना दिया.
शराब को लेकर जैसा तमिलनाडु में आम से लेकर खास लोगों तक का रवैया था कहना गलत नहीं है कि लॉकडाउन का अंदेशा पाकर शराब का स्टॉक करने वालों ने बता दिया कि वो प्रलय आने पर भी नहीं सुधरेंगे.
संडे लॉकडाउन से पहले करोड़ों की शराब खरीदकर तमिलनाडु के लोगों ने बता दिया उनकी प्राथमिकता क्या है
शराब बिक्री के मद्देनजर जो आंकड़े राज्य सरकार ने दिए हैं वो खासे दिलचस्प हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य के लोगों ने गत शनिवार 210 करोड़ रुपये की शराब की खरीदारी की और ये बता दिया कि इतनी बड़ी बीमारी को लेकर आम लोगों का रवैया क्या है.
बताते चलें कि राज्य में शराब की बिक्री करने वाले सरकारी विभाग तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (Tasmac) ने जो जानकारी दी है वो हैरत में डालने वाली है. Tasmac के अनुसार, रविवार के लॉकडाउन से ऐन पहले शनिवार को करीब 210 करोड़ रुपये की शराब की बिक्री हुई. शराब की इस हद तक की दीवानगी ने खुद Tasmac के अधिकारियों तक को हैरत में डाल दिया है.
Every wrong done by anybody in the state and country should be questioned,condemned,punished and controlled,particularly the corruption and liquor addiction!Let us lower our tolerance limits to oppose everything that is wrong without any hesitation!#AzhaguTamilDesiyam #TamilNadu https://t.co/xW9EFV4pkX
— Nallappanar G (@NallappanarG) January 8, 2022
अधिकारियों कस मुताबिक आम तौर पर तमिलनाडु में शनिवार और रविवार को मिलाकर 300 करोड़ रुपये की शराब की औसत बिक्री होती है. रविवार को दुकानें बंद रहने के चलते इस बार लोगों ने शनिवार को ही स्टॉक जमा कर लिया.
किन शहरों ने की है रिकॉर्ड बनाने में मदद
जब सवाल ये हुआ कि किन शहरों के लोगों ने ये अनोखा रिकॉर्ड बनाने में मदद की? तो कॉरपोरेशन की तरफ बताया गया कि बीते शनिवार को हुई रिकॉर्ड तोड़ बिक्री में सिर्फ तीन जिलों कांचीपुरम, चेंगलपत्तु और तिरुवल्लुवर ने 25 फीसदी का योगदान दिया.
ध्यान रहे कि तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन पांच जोन में बंटा हुआ है. ये पांच जोन चेन्नई, कोयम्बटूर, मदुरई, ट्रिची और सलेम हैं. साथ ही ये Tasmac के पास राज्य में शराब की खुदरा बिक्री के साथ ही थोक आपूर्ति का भी अधिकार है.
TASMAC Tamilnadu State Marketing Corporation. This institution has a monopoly over wholesale n retail vending of alcoholic beverages in the Indian state of Tamil Nadu. It controls the Indian Made Foreign Liquor (IMFL) trade in the state. Unfortunately, TN survives coz of this.
— Shreenath (@shreerokz) January 11, 2022
गौरतलब है कि पूरे देश की ही तरह कोरोना तमिलनाडु में भी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है. जैसे तमिलनाडु में छोटे बड़े शहरों में लोग वायरस की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं उसने राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तक की नींदें उड़ा दी हैं.
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखकर राज्य सरकार ने आनन फानन में ये फैसला लिया था कि वो जहां नाईट कर्फ्यू रखेगी वहीं संडे को फूल लॉक डाउन होगा. बताया यही जा रहा है कि अब तमिलनाडु में हर संडे फुल लॉक डाउन होगा और केवल वही स्थान खुले रहेंगे जो जनता के लिए बहुत जरूरी है.
बात क्योंकि शराब और इस तरह लोगों द्वारा उसे खरीदने की हुई है. तो ये पूरा मसला इसलिए भी हैरत में डालता है क्योंकि अपनी इस मूर्खतापूर्ण हरकत से तमिलनाडु में लोगों ने अपनी प्राथमिकता को उजागर कर दिया है. तमिलनाडु में लोगों ने ये बता दिया है कि उन्हें अस्पताल, दवाओं स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है. चूंकि उन्हें शराब मिल रही है उनका काम चल रहा है.
अच्छा क्योंकि इस पूरे बवाल की जड़ शाराब है तो शायद सरकार भी यही चाहती है कि लोग इसे लें और बेधड़क इसका सेवक कर उन बातों को भूल जाएं जो जान सरोकार की हैं. दिलचस्प ये कि इसके लिए सरकार ने बाकायदा नियम भी बनाए हैं और ये नियम क्या हैं ? सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरों से हम बखूबी समझ सकते हैं.
Masking and 6-feet social distancing must for buying liquor at State-owned #TASMAC #TamilNadu #Omicron #Covid19 pic.twitter.com/mRFnj3JkIx
— Vijay Kumar S (@vijaythehindu) January 11, 2022
बहरहाल तमिलनाडु के लोगों में जिस तरह शराब की लत को बढ़ावा खुद सरकार ने दिया है. बहुत पहले ही ये मान लिया गया था कि एक न एक दिन तो ऐसा होगा ही. खैर एक तरफ राज्य में बढे हुए कोविड के मामले हैं और दूसरी तरफ लोगों का इस तरह शराब लेना. यानी दुनिया भले ही ख़त्म हो जाए लोगों की शराब और उस शराब की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए.
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