फर्जी टेंशन ले रहे हैं पूनावाला, राजा-प्रजा दोनों के लिए पार्टी करना बहुत जरूरी है!
कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पार्टी करने का आरोप लगाने वाली बीजेपी और बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला आखिर इस बार गलत क्यों है? सवाल ये है कि क्या राजनीति के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं की कोई पर्सनल लाइफ नहीं होती?
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बिलकुल भी जरूरी नहीं कि हम हर बार सही हों. हमारी आपकी तरह ये नियम पॉलिटिकल पार्टीज पर भी लागू है. गलती बीजेपी से भी हो सकती है और हो गयी है. दौर चूंकि कड़ाई से ज्यादा करछी के गर्म होने वाला है इसलिए बीजेपी की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक वीडियो ट्वीट किया है. वीडियो महाराष्ट्र प्रदेश यूथ कांग्रेस के नए पदाधिकारियों के कैंप का है. पार्टी चल रही है. एक से एक गाने बज रहे हैं. अपनी ट्विटर टाइम लाइन पर वीडियो पोस्ट करते हुए पूनावाला ने लिखा है कि ट्रेनिंग? पार्टी? महाराष्ट्र प्रदेश यूथ कांग्रेस के नए पदाधिकारियों का कैंप. वीडियो देखें और गानें सुनें. उन्होंने ये भी लिखा कि, 'राहुल नेपाल के पब में हैं, जूनियर नेता 'पार्टी ट्रेनिंग' कैंप में हैं. जैसे नेता वैसे फॉलोअर.', 'पार्टी पिट चुकी हैं, लेकिन पार्टी यूहीं चालेगी!' अपने ट्वीट में पूनावाला ने ये भी कहा कि पार्टी के काम से ज्यादा बड़ी पार्टी है.
राहुल और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की पार्टी कह सकते हैं कि शहजाद पूनावाला ने एक व्यर्थ की बात को मुद्दा बनाया है
सवाल ये है कि अगर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता खुल के अपनी जिंदगी जी रहे हैं. पार्टी कर रहे हैं. एन्जॉय कर रहे हैं तो आखिर इसमें हर्ज क्या है? ऐसा क्या हो गया जिसने पूनावाला को आहत कर दिया. क्या राजनीति के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं की कोई पर्सनल लाइफ नहीं होती?
पूनावाला भाजपा के प्रवक्ता बाद में हैं. पहले वो खुद एक इंसान हैं. इंसान की जैसी फितरत है यदि वो लंबे समय तक एक ही तरह का काम करे तो उसका जीवन मोनोटोनस हो जाता है. ऐसे में अपने को खाली करना इंसान की मज़बूरी कम जरूरत ज्यादा है.
“Training? Partying? camp” of new office bearers of Maharashtra Pradesh Youth Congress! Watch video & hear the songs!Rahul in Nepal pub, junior netas in “party training” campJaisa Neta vaise follower Party पिट चुकी है लेकिन partying यूँही चालेगी! Partying > party work pic.twitter.com/CxCU8ukNvq
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) May 12, 2022
ट्वीट में जैसा अंदाज पूनावाला का है उन्हें दिक्कत पार्टी करने वाले लोगों के ' कांग्रेसी नेता' होने से है. मॉरल ग्राउंड को यदि आधार बनाया जाए और पूरे मामले का गहनता के साथ अवलोकन किया जाए तो एक हद तक पूनावाला की बात ठीक है. (सिर्फ एक हद तक) ध्यान रहे एक पार्टी के रूप में जो कांग्रेस की स्थिति है वो सबके सामने है. जिस तरह राज्य दर राज्य कांग्रेस को नकार रही है वो अपने में ये साफ़ कर देता है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी न केवल बर्बादी की कगार पर है बल्कि आम नागरिकों के बीच अपना जनाधार खो चुकी है.
चूंकि मुद्दा पहले राहुल गांधी के नेपाल में पब में जाने फिर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की पार्टी को बनाया गया है तो लोग लोग होंगे जो कहेंगे कि जब रोम जल रहा था नीरो बांसुरी बजा रहा था (कांग्रेस की इतनी ख़राब स्थिति के बाद राहुल का नेपाल में पब में जाना) वहीं ऐसे भी लोग होंगे जिनका मत होगा कि अगर अपना धंधा मंदा है तो क्या दूसरों की शादी में जाना छोड़ दें.
INC = I Need Celebration & Party New video of “partying training” from youth Congress in Maharashtra after taking inspiration from “Partying expert” Rahul Gandhi’s Nepal party videoSome delightful songs played at Youth Congress “partying” training camp. Do watch pic.twitter.com/Nrzst5k4lb
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) May 12, 2022
(इसे हम यूथ कांग्रेस की पार्टी से समझ सकते हैं) इसपर हम यही दलील देंगे कि राजनीति काम धंधा तो सब लगा रहेगा. आदमी को पूरा अधिकार है कि न केवल वो अपना जीवन खुलकर जिए बल्कि उसे भरपूर तरीके से एन्जॉय भी करे.
अब इस मामले में जहां मौज मस्ती को शहजाद पूनावाला ने मुद्दा बना ही दिया है तो हम उन्हें इतना जरूर बताना चाहेंगे कि चाहे वो कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हों या फिर राहुल गांधी यदि आज ये मुश्किल हालात होने के बावजूद पार्टी कर रहे हैं तो ये वही परंपरा है जिसका पालन कांग्रेस पार्टी में दशकों-दशकों से हुआ है.
अब अगर बात बीजेपी की हो तो जैसा पार्टी का स्वाभाव है. जब पार्टी के पास दो सीटें थी तब भी. और आज भी पार्टी पूरी शिद्दत से जमीन पर काम कर रही है और अपना वोट बैंक तैयार कर रही है. कह सकते हैं कि कांग्रेस की अपेक्षा बीजेपी फोकस ज्यादा है और यदि आज पार्टी सफल है तो इसका बड़ा कारण उसके डरा जमीन पर की जा रही मेहनत है.
बहरहाल जिस तरह आलोचना के नाम पर शहजाद ने कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को आड़े हाथों लिया है. और ये कहा है कि जैसा राजा वैसी प्रजा उन्हें इंसान की फितरत का ख्याल रखना चाहिए और ये मान लेना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी में काम धाम तो होता रहेगा लेकिन मौज मस्ती बहुत जरूरी है वो नहीं छूटनी चाहिए.
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