Jamia firing: 'हिंदू हृदय सम्राट' बनने की होड़ जामिया तक ले आई गोपाल को!
जामिया फायरिंग (Jamia Firing) में शामिल गोपाल शर्मा की जो फेसबुक (Rambhakt Gopal Facebook) प्रोफाइल है, उसने बता दिया है कि गोपाल का इरादा सोशल मीडिया खास तौर से फेसबुक पर फैन बेस स्थापित करना और 'हिंदू हृदय सम्राट' का तमगा हासिल करना था.
-
Total Shares
कल तक गुमनाम गोपाल शर्मा, और फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक रामभक्त गोपाल (Rambhakt Gopal) अब किसी परिचय का मोहताज नहीं है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) के प्रदर्शनकारी छात्रों पर गोली चलाने (Jamia Firing) के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के हत्थे चढ़े गोपाल को लेकर एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं. बता दें कि मामले के फ़ौरन बाद ग्रेटर नोएडा के झेवर निवासी गोपाल को हिरासत में ले लिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और पता लगा रही है कि आखिर ऐसा क्या था जिसके चलते युवक ने ऐसी हरकत की. पुलिस की जांच का नतीजा जब सामने आएगा, तब आएगा. लेकिन हमने जब गोपाल की फेसबुक टाइमलाइन को खंगाला तो उसमें हैरान कर देने वाले संदेश मिले. गोपाल की पोस्ट पढ़कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसके भीतर किस तरह नफरत का जहर भरा हुआ था. और वह सोशल मीडिया पर किस तरह खुद को कट्टर हिंदू साबित करने की होड़ में लगा हुआ था. वह चाहता था कि उसकी बातों को उसके फॉलोवर न सिर्फ गंभीरता से लें. बल्कि उसे ज्यादा से ज्यादा साझा करके उसके द्वारा कही बातों को समझें.
अपनी फेसबुक प्रोफाइल में खुद को हिंद योद्धा की तरह देखता है गोपाल शर्मा
जिस तरफ की प्रोफाइल गोपाल शर्मा की है उसने अपनी गतिविधियों से बता दिया कि उसके इरादे बहुत खतरनाक हैं. गोपाल शर्मा फेसबुक पोस्ट में एक समुदाय के प्रति उसकी नफ़रत जगजाहिर थी जो खुद इस बात की तस्दीख कर दे रही थी कि वो अन्दर से भरा हैं और आर पार की लड़ाई लड़ रहा है. युवक की फेसबुक प्रोफाइल ये भी बता रही है कि हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा के लिए उसे कुछ भी करने में गुरेज नहीं है.
गोपाल ने बता दिया है कि उसके लिए सबसे जरूरी उसका धर्म है
बात समझने के लिए हम गोपाल शर्मा के 29 जनवरी 2020 के उस फेसबुक पोस्ट का जिक्र कर सकते हैं जिसमें उसने लिखा है कि, 'कुछ कह रहे हैं कि हिंदुत्व हिंदुत्व करने से तुझे रोटी नहीं मिलेगी. तो सुनो मूर्खों अगर तुम रोटी के लिए ही जीते हो तो तुम में और कुत्ते में कोई फर्क नहीं है.
अपनी पोस्ट को सी फर्स्ट करने का निवेदन करता शर्मा
जिक्र क्योंकि जामिया की घटना का हुआ है तो हमारे लिए ये भी बताना जरूरी है कि शर्मा के निशाने पर केवल जामिया के छात्र नहीं थे. शर्मा शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को भी निशाना बनाना चाहता था और वो पूरी प्लानिंग के साथ जेवर से दिल्ली आया था. मामले में दिलचस्प बात ये भी है कि उसने अपने सभी मित्रों को सन्देश दिया था कि उसके जो भी मित्र है वो उसे सी फर्स्ट कर लें.
शाहीनबाग़ को ख़त्म करने की बात करता शर्मा
गोपाल ने शाहीनबाग के सन्दर्भ में भी पोस्ट डाली थी और कहा था कि शाहीनबाग़ - खेल ख़त्म. साथ ही उसने अपने फेसबुक पोस्ट में इस बात का भी जिक्र किया था कि वो शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों को आज़ादी देने के लिए आया है.
अपनी पोस्ट में गोपाल ने शाहीनबाग के लोगों को आजादी देने की बात भी कही है
जैसा कि हम बता चुके हैं जैसे जैसे हमने गोपाल की प्रोफाइल का अवलोकन किया एक के बाद एक दिलचस्प चीजें हमें नजर आई. गोपाल क्यों शाहीनबाग़ आया? क्यों इसने जामिया परिसर में आकर पहले फेसबुक लाइव किया फिर गोली चलाई इन सभी सवालों के जवाब उत्तर प्रदेश के कासगंज के चंदन गुप्ता की मौत से जुड़े हैं. गोपाल ने खुद अपने फेसबुक पोस्ट में इस बात को स्वीकार किया है कि उसने ये सब चंदन गुप्ता की मौत का बदला लेने के लिए किया है. वही चंदन गुप्ता जिसकी कासगंज के दंगों के दौरान हत्या कर दी गई थी.
अपनी पोस्ट में शर्मा ने चंदन गुप्ता की मौत के बदले की बात भी की है
अराजकता फैलाने के लिए जेवर से दिल्ली आए गोपाल की गतिविधियों का एक दिलचस्प पहलू ये भी है कि वो इसे देशभक्ति और धर्म से जोड़कर देख रहा है. अपनी पोस्ट में वो इस बात को मित्रों को बता रहा है कि वो शाहीनबाग पहुंच चुका है और वहां पर अकेला हिंदू है.
गोपाल चाहता था कि अगर उसे कुछ हो तो उसकी लाश भगवा कपड़े में लपेटी जाए
अपनी पोस्टों में गोपल खुद को हिंदू योद्धा के रूप में तो देख रहा है मगर साथ में उसे इस बात का भी डर है कि उसे कुछ हो सकता है. गोपाल कह रहा है है कि मेरी अंतिम यात्रा पर मुझे भगवे में ले जाया जाए और साथ ही जय श्री राम के नारे हों.
लोगों से अपने घर का ध्यान रखने की बात कहता गोपाल
घटना से पहले जिस हिसाब से युवक ने बार बार अपडेट दिए हैं साफ़ पता चल रहा है कि ये सब उसने अपने दोस्तों और फॉलोवर्स पर एक विशेष छाप छोड़ने के लिए किया है यानी उसके ऐसा करने के पीछे की कहानी हिंदू हित नहीं सस्ती लोकप्रियता है.
कट्टरता की इस लड़ाई में भी चल रही है स्टार वॉर
हो सकता है ये बात विचलित कर दे मगर सच यही है कि जब बात कट्टरता की हो रही है तो यहां भी स्टार वॉर जारी है. गोपाल शर्मा भी इस स्टार वॉर का हिस्सा था और चाहता था कि नंबर वन का ताज उसे मिले. अपने पोस्ट में वो एक दूसरे हिंदू हृदय सम्राट उपदेश राणा को कड़ी चुनौती देता नजर आ रहा है. साफ़ है कि शाहीन बाग आकर गोपाल ने न सिर्फ उपदेश राणा को चुनौती दी है बल्कि अपने दोस्तों और समर्थकों को बताया है कि वो सिर्फ लफ्फाजी करने के लिए नहीं है बल्कि धरातल पर आकर हिंदू हितों की रक्षा कर रहा है.
अपनी पोस्ट में उपदेश राणा को चुनौती देता गोपाल
ध्यान रहे कि उपदेश राणा वही शख्स है जिसने 2017 में कोलकाता की टीपू सुल्तान मस्जिद के इमाम को मस्जिद में घुसकर थप्पड़ जड़ दिया था और घटना का विडियो इंटरनेट पर खूब वायरल हुआ था.
बहरहाल अपनी पोस्ट में जिस तरह से गोपाल ने उपदेश राणा को आड़े हाथों लिया है वो ही उसकी क्रांति का असली चेहरा है. शायद गोपाल इसी पशोपेश में हो कि जब उपदेश राणा जैसे लोग हिंदू युवाओं के हीरो बन सकते हैं फिर उसमें क्या कमी है. यानी पूरा मामला देखकर हमारे लिए ये कहना कहीं से भी ग़लत नहीं है कि हिंदू हितों की एक स्टार वॉर चल रही है जिसका उद्देश्य फैंस के बीच पैठ बनाना और बादशाहत है.
ये भी पढ़ें -
CAA protest: 'आजादी मांगने वाले' ने पिस्तौल लहराई थी, 'देने वाले' ने गोली चला दी!
Amit Shah साबित करना चाहते हैं कि राष्ट्रवाद कोई नाकाम चुनावी मुद्दा नहीं
Delhi elections में कांग्रेस सोई नहीं है वो AAP की 'मदद' कर रही है!
आपकी राय