कंगना रनौत की रफ्तार बता रही है कि राहुल गांधी को पछाड़ने में ज्यादा देर नहीं है
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के कार्यक्षेत्र अभी तक तो अलग हैं, लेकिन एक बात कॉमन नजर आ रही है. जिस तरीके से राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टारगेट करते हैं उसी तरह कंगना रनौत ठाकरे परिवार (Uddhav Thackeray and Aditya Thackeray) पर निशाना साध रही हैं.
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मुंबई को PoK बताने के बाद कंगना रनौत (Kangana Ranaut) निसर्ग से भी बड़े तूफान की तरह पहुंचीं और अब मनाली लौट गयी हैं. कंगना रनौत विवाद के बीच महाराष्ट्र की जनता से मुखातिब मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी निसर्ग का जिक्र किया था, 'तूफान भी मुंबई में आकर गया. महाराष्ट्र सरकार ने उस स्थिति में भी अच्छा काम किया... ऐसे तूफान आते रहेंगे और काम चलता रहेगा.' कंगना रनौत को लेकर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray and Aditya Thackeray) ने समझाया कि उनकी खामोशी को कोई कमजोरी न समझे, जवाब उनके पास भी है लेकिन बाद में देंगे.
उद्धव ठाकरे से ठीक पहले देवेंद्र फडणवीस 80 घंटे के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे. कंगना रनौत 111 घंटे मुंबई में रहीं - और दोनों ही वाकयों की चर्चा मीडिया से लेकर सोशल मीडिया पर एक जैसी रही जिससे बाकी बातें पीछे छूट गयी थीं. कोरोना के मरीजों की तादाद हर 24 घंटे में लाख के करीब बढ़ती रही, लेकिन ऐसा लगा जैसे अपडेट के लिए कोरोना की खबरों की हाजिरी लगायी जा रही है.
कंगना रनौत जिस स्पीड से ठाकरे परिवार को टारगेट कर रही हैं, वो समय दूर नहीं लगता जब वो राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को भी पीछे छोड़ देंगी - बाकी बातों में तो नहीं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ राहुल गांधी के हमलों के मामले में. वैसे भी एनडीए नेता रामदास अठावले तो बोल ही चुके हैं कि अगर कंगना रनौत बीजेपी ज्वाइन कर लें तो उनको राज्य सभा की सीट मिल सकती है. मालूम नहीं रामदास अठावले ने ये बात बीजेपी की तरफ से इशारे के तौर पर कही है या फिर वैसे ही जैसे वो उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने की भविष्यवाणी करते हैं या शिवसेना नेता को फिर से एनडीए ज्वाइन कर लेने की सलाह देते रहते हैं.
कंगना के लिए ठाकरे भी राहुल के लिए मोदी जैसे ही हैं
कंगना रनौत जिस विचारधारा के सपोर्ट में और समर्थन लेकर सड़क पर उतरी हुई हैं, राहुल गांधी की सोच में उससे 36 का आंकड़ा है - लेकिन अगर दोनों के एक टारगेट तय कर हमलों की तादाद और तेवर की तुलना करें तो समझना मुश्किल है कौन आगे रहेगा और कौन पीछे. अगर ऐसा कोई पैमाना होता बना होता या कोई मशीन होती तो हो सकता है वो भी कंफ्यूज होकर एरर मैसेज दिखा देती.
शिवसेना के साथ ताबड़तोड़ हमले दाग रहीं कंगना ने ट्विटर पर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है और फेसबुक को 'शिवसेना के गुंडों से सेफ' बताने वाले फीचर जोड़ने के लिए शुक्रिया कहती हैं. कंगना रनौत को घंटे भर बाद मालूम होता है कि वेबसाइट ने तो ह्यूमर पीस प्रकाशित किया है जिसे वो असली खबर समझ बैठी हैं. बहरहाल, कंगना रनौत खुद ही नये ट्वीट में गलती सुधारने की कोशिश करती हैं, लेकिन तेवर बरकरार रहता है.
Thank you Facebook free speech must be protected in a democracy, people need to be protected from Sonia Sena goons much like COVID -19 virus, thank you for being considerate, well done ???????????? https://t.co/v2BZYpQdAx
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 14, 2020
All dimwits getting excited ... sit down pls ... https://t.co/8rKMOmZEGD
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 14, 2020
जैसे राहुल गांधी अपने बयान से भूकंप लाने का दावा करते हैं, कंगना रनौत भी शिवसेना और उद्धव ठाकरे का घमंड तोड़ने की बात करती हैं. जैसे राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी के लिए युवाओं के डंडे मारने की बात करते हैं, कंगना रनौत भी तू-तड़ाक करते हुए उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना के मिट्टी में मिल जाने की भविष्यवाणी करती हैं. जैसे राहुल गांधी गांधी 'चौकीदार चोर है' नारे लगाते और लगवाते रहे हैं, वैसे ही कंगना रनौत बाबर और तालिबान जैसे खिताबों से नवाज रही होती हैं.
उद्धव ठाकरे के बाद अब कंगना रनौत के निशाने पर आदित्य ठाकरे भी आ चुके हैं!
कंगना रनौत और राहुल गांधी में फर्क बस एक ही नजर आता है - कंगना रनौत कहती हैं कि मुंबई में डर लगता है और राहुल गांथी डंके की चोट पर, कांग्रेस नेताओं के आगाह करने के बावजूद कहते हैं - मैं किसी से नहीं डरता क्योंकि 'मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं... राहुल गांधी है'. ऐसा बोल कर राहुल गांधी भी शिवसेना के निशाने पर आ गये थे और कंगना रनौत तो ताजातरीन शिकार हैं ही.
मुंबई से मनाली के रास्ते में चंडीगढ़ उतरते ही कंगना रनौत ने एक बार फिर से मुंबई के डरावनी होने की बात दोहरायी. हालांकि, जब भी कंगना रनौत ऐसे डर की बात कर रही हैं, ये भी जताने की कोशिश जरूर कर रही हैं कि डर के आगे उनकी भी जीत पक्की है.
अपने ट्वीट में कंगना रनौत ने ये भी बताया कि कैसे मुंबई से निकलने के बाद वो जान बची तो लाखों पाने जैसा महसूस कर रही हैं. इस पर कांग्रेस समर्थक एक ट्विटर यूजर ने कंगना से कहा है कि तब तो हिमाचल प्रदेश में IB आपकी सुरक्षा व्यवस्था कम करने की भी सलाह दे सकती है.
चंडीगढ़ मे उतरते ही मेरी सिक्यरिटी नाम मात्र रह गयी है, लोग ख़ुशी से बधाई दे रेही हैं, लगता है इस बार मैं बच गयी, एक दिन था जब मुंबई में माँ के आँचल की शीतलता महसूस होती थी आज वो दिन है जब जान बची तो लाखों पाए, शिव सेना से सोनिया सेना होते ही मुंबई में आतंकी प्रशासन का बोल बाला।
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 14, 2020
That would be absolutely desirable, it’s empowering to personally witness Indian armed forces so closely in their full glory,it is also a constant reminder of danger/friction n evil intentions of others, it makes you tentative, unsure and fearful, these feelings r so alien to me. https://t.co/CJ2fAoGEh2
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 14, 2020
उद्धव के बाद कंगना के निशाने पर आदित्य ठाकरे
मुंबई से दूर और घर के करीब पहुंचती कंगना धीरे धीरे मुद्दे पर आगे बढ़ती हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर सवाल उठाने वालों में कंगना रनौत सबसे आगे रही हैं. कंगना रनौत ने साफ साफ कहा था कि ये खुदकुशी का मामला नहीं है, बल्कि हत्या है. सीबीआई सुशांत सिंह केस की इसी एंगल से जांच कर रही है जिसमें रिया चक्रवर्ती मुख्य आरोपी हैं. रिया चक्रवर्ती को NCB ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और वो जमानत की कोशिश कर रही हैं. रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शोविक चक्रवर्ती को ड्रग्स केस में जेल भेजा गया है.
अपने दफ्तर पर बीएमसी की कार्रवाई से नाराज कंगना रनौत ने उद्धव ठाकरे को एक वीडियो मैसेज में तू-तड़ाक के साथ खूब खरी खोटी सुनायी थी. अब कंगना रनौत ने सीधे सीधे आदित्य ठाकरे का नाम लेकर हमला बोला है. अपने ट्वीट में कंगना रनौत लिखती हैं, 'महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की बुनियादी समस्या ये है कि आखिर क्यों मैंने मूवी माफिया, सुशांत सिंह राजपूत के हत्यारों और उनके ड्रग रैकेट को एक्सपोज किया - जिनके साथ उनका बेटा आदित्य ठाकरे घूमता-फिरता था. ये मैंने बहुत बड़ा अपराध कर दिया है और अब वे मुझे फिक्स करना चाहते हैं. ओके, आप कोशिश कीजिए. देखते हैं कि कौन किसको फिक्स करता है.
Basic problem of Maharashtra CM is why I exposed movie mafia, murderers of SSR and its drug racket, who his beloved son Aaditya Thakeray hangs out with, this is my big crime so now they want to fix me, ok try let’s see who fixes who!!! https://t.co/KzfVPfx5s8
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 14, 2020
उद्धव ठाकरे के बाद जिस तरीके से कंगना रनौत ने आदित्य ठाकरे का नाम लेकर हमला बोला है, अभी तक किसी ने सीधे सीधे ऐसा आरोप नहीं लगाया है. सुशांत सिंह राजपूत के हत्या का इल्जाम तो महाराष्ट्र् के पूर्व मुख्यमंत्री नारायाण राणे भी लगा चुके हैं, लेकिन कभी किसी का नाम नहीं लिया है. नारायण राणे के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे भी ठाकरे परिवार के प्रति हाल फिलहाल काफी हमलावर देखे गये हैं, लेकिन वो इसके लिए 'पेंग्विन' और 'बेबी पेंग्विन' जैसे प्रतीकात्मक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं ताकि मैसेज भी पहुंच जाये और ये गुंजाइश बनी रहे कि नाम तो किसी का लिया नहीं. बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यन स्वामी भी ऐसे ही गांधी परिवार के लिए 'ताड़का' और 'बुद्धू' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.
ऐसे निजी हमले जब तब चुनावों के दौरान और ऐसे भी राहुल गांधी के भाषण में भी प्रधानमंत्री मोदी के लिए सुनने को मिलते रहे हैं. जैसे राहुल गांधी कोरोना से लेकर देश की अर्थव्यवस्था और हिंदुत्व से लेकर चीन के साथ सीमा विवाद पर प्रधानमंत्री को टारगेट कर भाषण देते हैं - कंगना दो कदम आगे ही नजर आ रही हैं.
कंगना रनौत शिवसेना को सोनिया सेना बताने लगी हैं. मुंबई को पीओके करार देने के बाद कंगना रनौत ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया - और अशोक पंडित जैसी हस्तियों का समर्थन जुटा लिया. अब वो दिल्ली दंगों से लेकर कश्मीर तक की बात भी करने लगी हैं.
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