केजरीवाल पर कुमार विश्वास के बयान की स्क्रिप्ट किसने लिखी है?
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को पंजाब चुनाव में भी दिल्ली की ही तरह आतंकवाद के नाम पर टारगेट किया जा रहा है - और कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) के साथ साथ राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी हमलावर हैं.
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अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) एक ही साथ बीजेपी और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के निशाने पर हैं. मुद्दा एक ही है - पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 और उसमें में अलगाववादियों का साथ लेने का गंभीर इंल्जाम.
आखिर ये संयोग है या फिर प्रयोग? या फिर पंजाब की चुनावी राजनीतिक में दिल्ली के मुख्यमंत्री की कोई बढ़ती हुई अहमियत जो एक ही तरीके से बीजेपी और कांग्रेस नेतृत्व दोनों को बराबर डराने लगी है. अभी तो ये देखने को मिल रहा है कि अरविंद केजरीवाल के साथ साथ उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल और बेटी हर्षिता भी चुनाव कैंपेन में जुटी हुई हैं.
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान भी अरविंद केजरीवाल ऐसे ही राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर थे. हालांकि, तब कांग्रेस नहीं बल्कि पूरा बीजेपी अमला CAA-NRC के विरोध में शाहीन बाग धरने को लेकर हमलावर रहा. बल्कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो अरविंद सरकार को लेकर पूछा भी करते थे - ये संयोग है या प्रयोग?
ये तभी की बात है जब केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा फायरब्रांड नेता बने हुए थे - और मनोज तिवारी की कौन कहे, कई बार तो ये दोनों नेता यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी जोरदार टक्कर देते नजर आ रहे थे.
अरविंद केजरीवाल जब बुरी तरह घिरने लगे तो वोटिंग से हफ्ते भर पहले प्रेस कांफ्रेंस बुलाये और बड़े आराम से विक्टिम कार्ड खेल दिया - और नतीजा ये हुआ कि चुनाव जीत कर शुक्रिया भी बड़े ही अलग अंदाज में दिया - दिल्ली वालों आई लव यू!
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरविंद केजरीवाल ने कहा था बीजेपी एक चुने हुए मुख्यमंत्री को आतंकवादी कह रही है - और अब दिल्ली की जनता ही बीजेपी को जवाब भी देगी. बोले, 'आज मैं अपने दिल्ली वालों पर छोड़ता हूं... आप मुझे अपना बेटा मानते हो या आतंकवादी मानते हो? जब आप वोट देने जाना... तब बटन दबाने से पहले जरूर सोचना... अगर आप मुझे अपना बेटा समझते हो, तो सिर्फ झाड़ू को वोट दे देना - और अगर मुझे आतंकवादी समझते हो तो कमल पर वोट दे देना.'
हो सकता है अरविंद केजरीवाल को लगता हो कि अभी दिल्ली वाली स्थिति पंजाब में नहीं आयी है, लिहाज चुनावी रैलियों में सफाई पेश करते देखा जा सकता है. वो कोरोना काल का उदाहरण देकर कह रहे हैं कि बीजेपी से मतभेद होने के बावजूद कुछ नहीं बोले, जबकि बीजेपी नेताओं की तरफ से उनको उकसाने की भरपूर कोशिश की गयी.
अभी तो सबसे ज्यादा हैरान करने वाले कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) के वीडियो हैं. जाने माने कवि कुमार विश्वास रामलीला आंदोलन से लेकर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के कुछ दिन बाद तक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बेहद करीबियों में शुमार रहे - लेकिन फिर झगड़ा हो गया और वो कट्टर विरोधी बन गये.
कुमार विश्वास के दो ऐसे वीडियो मार्केट में आ चुके हैं जिसमें अरविंद केजरीवाल पर गंभीर इल्जाम लगाये गये हैं. ध्यान देने वाली बात ये है कि ये वीडियो 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों को लेकर अरविंद केजरीवाल की तैयारियों का खुलासा कर रहे हैं.
वीडियो के कंटेंट ऐसी मंशा की तरफ इशारे कर रहे हैं जैसे डायलॉग तो कुमार विश्वास बोल रहे हैं, लेकिन स्क्रिप्ट किसी और ने लिखी है - अगर ऐसा है तो वो कौन है?
केजरीवाल का पंजाब प्लान 2017!
विधानसभा चुनावों के लिए पहले फेज की वोटिंग शुरू होने से दो दिन पहले 8 फरवरी को बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने एक कुमार विश्वास के एक पुराने इंटरव्यू की क्लिप ट्विटर पर शेयर किया था - और अब 16 फरवरी को न्यूज एजेंसी ANI के जरिये कुमार विश्वास का एक बयान आया है.
दोनों ही वीडियो में बातें मिलती जुलती हैं, लेकिन ताजा वीडियो में अरविंद केजरीवाल पर काफी गंभीर इल्जाम लगाया गया है - और ये दिल्ली चुनाव के दौरान लगे आरोपों से भी ज्यादा गंभीर है.
"...ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है!"
जो वीडियो अमित मालवीय की तरफ से शेयर किया गया है, उसमें कुमार विश्वास ने बताया है कि 2017 में ही अरविंद केजरीवाल ने पंजाब का मुख्यमंत्री बनने का प्लान बनाया था - और जो रणनीति समझायी है वो काफी दिलचस्प है.
केजरीवाल को लेकर कुमार विश्वास कविताओं की तरह ही धाराप्रवाह किस्सा भी सुनाते हैं, 'मैंने कहा ये बहुत आग लगा देगा. गलत है. गलत काम मत करो. हम वैसे ही पंजाब जीत रहे हैं. वहां भावनाओं को प्रोवोक मत करिये... आग मत लगाइये.'
'इसको लग गया था कि 90 सीटें आएंगी और मैं मुख्यमंत्री बनूंगा. तो मैंने कहा पंजाब के लोग तुम्महें स्वीकार नहीं करेंगे चीफ मिनिस्टर यार... पंजाब सूबा नहीं... पंजाब इमोशन है.'
ये वीडियो एक इंटरव्यू से लिया गया है. बातचीत के दौरान बीच में ये भी पूछा जाता है कि क्या ये साफ था कि वो मुख्यमंत्री बनना चाहते थे?
कुमार विश्वास का जवाब होता है - '200 फीसदी. कुमार विश्वास ये बात दोहराते भी हैं और कहते हैं, 'कैसे बनेंगे वो फॉर्मूला भी बताया. मैंने कहा वो मानेंगे नहीं तेरे को सीएम... 90 सीट जब आ जाएगी तब हम क्या करेंगे?'
कुमार विश्वास का दावा है कि तब केजरीवाल ने समझाया था, 'भगवंत मान ग्रुप और फूल्का जी ग्रुप में झगड़े करवाएंगे...' एसएस फूल्का पेशे से वकील हैं और 1984 के सिख दंगों के मुकदमे में पीड़ितों की तरफ से पैरवी भी किये थे. 2014 के आम चुनाव में आम आदमी पार्टी ज्वाइन किये - और 2017 में पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं, लेकिन 2019 के आम चुनाव से पहले वो अरविंद केजरीवाल से मतभेदों के चलते अलग हो गये.
'वो कहेगा हमारा बनेगा, भगवंत मान बनेगा... वो कहेगा फूल्का बनेगा... तीन चार दिन नेशनल न्यूज बनेगा.'
केजरीवाल ने कुमार विश्वास के मुताबिक आगे समझाया, तू चले जाना और आशुतोष चला जाएगा और तुम लोग पर्यवेक्षक के तौर पर विधायकों से बात करना... और फिर ये कहना कि जी वो कह रहे हैं या तो हमारा बनाओ या अरविंद जी बनेंगे... मेरे नाम पर सब चुप हो जाएंगे... तो मैं भारी मन से मनीष को दिल्ली सौंप कर पंजाब चला जाऊंगा.'
कुमार विश्वास ने खुलासा किया है कि केजरीवाल अपनी ही पार्टी के सिख नेताओं में लड़ाई करवा कर पंजाब का मुख्यमंत्री बनना चाहता था... बीच में ही दिल्ली छोड कर पंजाब जाने का इरादा बना लिया था।
क्या ऐसे आदमी तो दिल्ली का मुख्यमंत्री बने रहने का अधिकार है? pic.twitter.com/I0hDdiXqKB
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 8, 2020
कुमार विश्वास ये किस्सा ऐसे वक्त सुना रहे हैं जब पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 20 फरवरी को मतदान होने हैं - ये तो साफ साफ समझा जा सकता है कि ये वीडियो अरविंद केजरीवाल की चुनावी राजनीति को डैमेज कर सकता है.
अरविंद केजरीवाल के डैमेज होने से पंजाब में कांग्रेस और बीजेपी के साथ साथ अकाली दल-बीएसपी गठबंधन सभी को फायदा हो सकता है, लेकिन कुमार विश्वास ऐसा क्यों करेंगे?
एक वजह तो ये है कि कुमार विश्वास पुरानी दुश्मनी का हिसाब-किताब करने के मकसद से भी ऐसा कर सकते हैं. वैसे भी कुमार विश्वास की महफिलों में अरविंद केजरीवाल अक्सर ही निशाने पर आ जाते हैं. करीब करीब वैसे ही जैसे किसी न किसी बहाने कपिल शर्मा शो में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू.
कुमार विश्वास के इस वीडियो को सही मौका देख कर बीजेपी के अमित मालवीय ने ट्वीट किया है - एक बार ये जरूर लगता है कि कुमार विश्वास और केजरीवाल की दुश्मनी का फायदा उठाने की बीजेपी की कोशिश है.
लेकिन तभी एएनआई से बातचीत में कुमार विश्वास बात और भी आगे बढ़ा देते हैं. मकसद साह हो जाता है. कांग्रेस और अकाली दाल से तो वैसे भी कुमार विश्वास का कोई संबंध नहीं लगता. 2014 के आम चुनाव में राहुल गांधी को बीजेपी की तरफ से स्मृति ईरानी की तरह कुमार विश्वास भी आप के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन बीजेपी नेता से काफी पीछे ही रहे.
दो साल पहले हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों के पहले की चर्चाओं को याद करें तो बीजेपी की तरफ से कुमार विश्वास का नाम भी वैसे ही लिया जा रहा था जैसे 2021 के पश्चिम बंगाल चुनाव में क्रिकेटर सौरव गांगुली या कुछ देर के लिए मिथुन चक्रवर्ती का मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर - जब संघ प्रमुख मोहन भागवत किसी जमाने में बप्पी लाहिड़ी के धुनों पर थिरकने वाले डिस्को डांसर से मिलने उनके घर ही जा पहुंचे थे.
कुमार विश्वास ने जो किस्सा सुनाया है, वो सिर्फ दोनों की बातचीत जैसी लगती है. बातों बातों में कुमार विश्वास ने आशुतोष का भी नाम लिया है. आशुतोष भी आम आदमी पार्टी छोड़ चुके हैं.
केजरीवाल ने, कुमार विश्वास के दावे के अनुसार, 2017 का जो पंजाब प्लान डिस्कस किया है - क्या आशुतोष को उसकी भनक तक नहीं लगी होगी? अब तो आशुतोष के दखल देने के बाद ही इस मनोरंजक किस्सागोई के हकीकत या फसाना होने का पता भी चल सकेगा.
स्क्रिप्ट राइटर कौन?
कुमार विश्वास की ही तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी 2017 के एक वाकये को ही मुद्दा बना कर अरविंद केजरीवाल को टारगेट कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी के संयोजक केजरीवाल पर 2017 के विधानसभा चुनावों के दौरान पंजाब के मोगा में खालिस्तानी आतंकी रहे गुरिंदर सिंह की कोठी में रहने का आरोप लगा था. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोठी के कुक ने केजरीवाल के ठहरने की पुष्टि भी की थी.
राहुल गांधी भी केजरीवाल को आंतकवादी बताने लगे: देखा जाये तो राहुल गांधी ने बरनाला की रैली में वैसी ही बातें की, जैसी कुमार विश्वास एएनआई के वीडियो में कर रहे हैं - राहुल गांधी लोगों को आगाह कर रहे हैं कि सरकार बनाने के लिए एक मौका मांगने वाले लोग पंजाब को खत्म कर देंगे - और पंजाब जल उठेगा.
केजरीवाल को लेकर राहुल गांधी रैली में कहते हैं, 'चाहे कुछ भी हो... कांग्रेस का कोई नेता आपको कभी किसी आतंकवादी के घर नहीं दिखेगा... झाड़ू का सबसे बड़ा नेता एक आतंकवादी के घर पर पाया जा सकता है - यही सच्चाई है.'
केजरीवाल को लेकर बीजेपी से मिलती जुलती राय राहुल गांधी पंजाब में ही जाहिर कर रहे हैं, वरना दिल्ली चुनाव में तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उनके निशाने पर थे, "ये जो नरेंद्र मोदी भाषण दे रहा है... छह महीने बाद ये घर से बाहर नहीं निकल पाएगा... हिंदुस्तान के युवा इसको ऐसा डंडा मारेंगे, इसको समझा देंगे कि हिंदुस्तान के युवा को रोजगार दिये बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता."
पंजाब में कांग्रेस के लिए सत्ता में वापसी की राह में केजरीवाल की आम आदमी पार्टी बड़ा खतरा है. चुनावों से पहले आई कई सर्वे रिपोर्टों में त्रिकोणीय विधानसभा और आप की बढ़त के अनुमान लगाये जा चुके हैं - लेकिन अब राहुल गांधी की बातें सुन कर ऐसा लगता है जैसे वो कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान बांचने लगे हों.
राहुल गांधी कहते हैं, 'पंजाब एक सीमावर्ती और संवेदनशील राज्य है... सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही पंजाब को समझ सकती है और राज्य की शांति को कायम रख सकती है... हम जानते हैं कि अगर शांति भंग हुई तो यहां कुछ नहीं बचेगा."
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कैप्टन के बयानों को देखें तो सिद्धू के नाम पर आगाह करते हुए कैप्टन कई बार मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का नाम लेकर ऐसी नसीहत दे चुके हैं. ऐसा तो नहीं की फोटोशॉप के प्रचलन के बीच भाषणों में दूसरों के बयान भी कॉपी-पेस्ट किये जाने लगे हैं.
कुमार विश्वास का दावा तो हैरान करने वाला है: कवि कुमार विश्वास की बातें सुन कर तो लगता है जैसे राजनीति में केजरीवाल कुर्सी के लिए सिद्धू को भी पीछे छोड़ देने का इरादा रखते हों.
2017 के ही चुनाव का किस्सा सुनाते हुए एएनआई के वीडियो में कुमार विश्वास बताते हैं, 'मैंने उसको कहा कि ये जो फ्रिंज एलिमेंट हैं... अलगाववादी संगठन हैं, खालिस्तानी मूवमेंट से जुड़े लोग हैं, इनका साथ मत ले... उसने कहा था कि नहीं नहीं हो जाएगा, चिंता मत कर...'
फिर कुमार विश्वास दावा करते हैं, 'एक दिन मुझसे कहता है कि तू चिंता मत कर या तो मैं एक स्वतंत्र सूबे का मुख्यमंत्री बनूंगा... मैंने कहा कि ये अलगाववाद है... 2020 का रेफरेंडम आ रहा है... पूरी दुनिया फंडिंग कर रही है... तो कहता है - तो क्या हो गया... स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा... इस आदमी के थॉट में इतना ज्यादा अलगाववाद है... बस किसी तरह सत्ता मिले.'
#WATCH | Poet & former AAP leader Kumar Vishwas alleges AAP chief Arvind Kejriwal was supportive of separatists in Punjab
"One day, he told me he would either become CM (of Punjab) or first PM of an independent nation (Khalistan)," Vishwas says. pic.twitter.com/5ccGs9jNn3
— ANI (@ANI) February 16, 2022
कुमार विश्वास की महफिलों में खूब ताली बजती है - और मुख्यधारा के साहित्यकार उनकी कविता को भी चेतन भगत के अंग्रेजी लेखन जैसा ही मानते हैं, लेकिन लाख विरोध के बावजूद बातचीत में वे कुमार विश्वास की प्रस्तुति का लोहा भी मानते हैं.
परदे के पीछे कौन है - पहचान कौन: केजरीवाल को लेकर कुमार विश्वास जो बातें बता रहे हैं, वे बिलकुल वैसी ही लगती हैं जैसे हंसी मजाक के माहौल में दोस्तों की बातचीत होती है. करीब करीब वैसे ही जैसे व्हाट्सऐप चैट को लेकर शाहरुख खान के बेटे आर्यन और उनके दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन अदालत में प्रॉसिक्यूशन के दावे मजाकिया लगने लगे थे - और आर्यन की जमानत का विरोध हल्का पड़ गया.
"तो क्या हो गया... स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा..."
हो सकता है केजरीवाल ने कुमार विश्वास से बातचीत में ये बातें कही भी हो, लेकिन जिस तरीके से ये बातचीत पेश की जा रही है - क्या समझ में नहीं आता कि कवि कहना क्या चाहता है!
तालियों की गड़गड़ाहट के बीच 'कोई दीवाना कहता है...' की फरमाइश पूरी करने तक कुमार विश्वास अक्सर ही फैज से लेकर फिराक तक न जाने कितने दिग्गजों के शेर वैसे ही पढ़ जाते हैं कि लगता है उन हस्तियों के हिस्से की तालियां भी कुमार विश्वास के खाते में ही दर्ज हो रही हैं - तभी तो ये समझने के चक्कर में कि ये स्क्रिप्ट लिखा किसने है - कोई भी व्यक्ति और उलझ जाएगा!
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