क्या कुपवाड़ा हमले के बारे में पहले से पता था !
सेना के कैंप और काफिले पर बार-बार हमला होना एक सवाल खड़ा कर रहा है कि कब तक ऐसा हमला होता रहेगा? पाकिस्तान कब बाज आएगा?
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जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों ने आर्मी कैंप पर फिदायीन हमला किया जिसमें तीन जवान शहीद हो गए, वहीं दो आतंकियों को मार गिराया गया है. ये हमला सेना के आर्टीलरी बेस पर हुआ जो एलओसी से 5 किलोमीटर दूर स्थित है. बार-बार सेना के कैंप और काफिले पर हमला होना एक सवाल खड़ा कर रहा है कि कब तक ऐसा हमला होता रहेगा? पाकिस्तान कश्मीर में अस्थिरता बरकरार रहने के लिए, आतंकवादियों को कब तक हवा देता रहेगा? सितम्बर 2016 सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान का रवैया सुधरा नहीं है.
कुछ दिन पहले ही कश्मीर में एक वीडियो सामने आया था जिसमें जैश, हिज़्बुल और लश्कर के 30 आतंकी एक साथ दिखाई दिये थे. इस वीडियो के जारी होने के कुछ दिन बाद ही ये हमला हुआ है.
Hizbul and LeT cadre come together in South Kashmir with snatched weapons @Prof_HariOm pic.twitter.com/H1Ib4osjXd
— #GiveUpAMeal (@ajaatashatru) April 25, 2017
इस वीडियो और इन तस्वीरों के सामने आने के बाद एक बार फिर साफ हो गया है कि पाकिस्तान की ओर से जारी मदद कश्मीर में युवाओं को खूनखराबे के लिए उकसा रही हैं. तो आखिर इसका इलाज क्या है ?
इस वीडियो और तस्वीरों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कश्मीर घाटी में इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है. लेकिन क्या इतना ही काफी है ? कुपवाड़ा हमले के बाद रक्षा विशेषज्ञों दो टूक बात कहते हैं...
कुपवाड़ा हमले से एक दिन पहले ही करीब 30 आतंकियों का वीडियो और तस्वीरें वायरल हुई थीं.
विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान पर कड़ी करवाई करने की जरूरत है. समय आ गया है कि पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई करनी चाहिए. साथ में रक्षा विशेषज्ञों ने ये भी कहा कि इस तरह के हमलों को रोकने के लिए वहां पर करवाई करना जरूरी जहां से ये हमले होते हैं.
पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा तभी तो वो कश्मीर में पत्थर फेंकने वाले युवाओं को सीधा सपोर्ट दे रहा है. कश्मीर में सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ पत्थरबाजी की घटनाएं आम होती जा रही हैं. स्थानीय नौजवानों को पत्थरबाजी करने के लिए पैसे दिए जाते हैं. खुफिया सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान घाटी में पत्थरबाजों को कैशलेस फंडिंग कर रहा है. पाकिस्तान का आतंकवादियों के साथ गठजोड़ जग जाहिर है. उरी अटैक के बाद अंतराष्ट्रीय मंच में पाकिस्तान अलग थलग पड़ गया था. उसके सारे अरमान धरे के धरे रह गए थे जब भारत ने उरी अटैक का बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया था और कई टेरर लांच पैड और आतंकवादियों को मार गिराया था.
खबरों के मुताबिक पीओके से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा आतंकियों को निर्देश दिया जा रहा है कि वे कश्मीर में स्थित आर्मी कैंप और मोबाइल कम्युनिकेशन टॉवर को निशाना बनाएं. प्रदेश में मोबाइल इंटरनेट बंद होने की वजह से आतंकी गुस्से में हैं और शायद इसलिए सीमापार से आतंकियों को इस बात का बदला लेने का निर्देश दिया जा रहा है. खबर ये भी आ रही है कि पीओके में बॉर्डर के पास करीब 150 आतंकवादी घाटी में घुसपैठ के लिए इंतजार में हैं.
थमने का नाम नहीं ले रहा कश्मीर में आर्मी कैंप पर हमला-
- 29 नवंबर 2016 में जम्मू-कश्मीर के नगरोटा में सेना की यूनिट पर हुए आतंकवादी हमले में 2 अफसरों समेत 7 सैनिक मारे गए थे, जवाबी कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था.
- 6 अक्टूबर 2016 को आतंकवादियों द्वारा सेना के राष्ट्रीय राइफल कैंप पर किये गए हमले को विफल कर दिया गया था. ये घटना हंदवारा में हुई थीं. इस हमले में तीन आतंकियों को मार गिराया गया था.
- 2 अक्टूबर 2016 को भी सेना के राष्ट्रीय राइफल कैंप पर हमला किया गया था जिसमे 2 आतंकी मारे गए थे और एक जवान शाहिद हुआ था.
- 18 सितंबर 2016 में उरी में आतंकवादियों ने एक सेना के मुख्यालय पर हमला कर दिया था जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे. इस एनकाउंटर में सेना ने चार आतंकवादियों को मार गिराया था.
- 25 जून, 2016 में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंपोर के करीब फ्रेस्टबल में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों के हमले में आठ सीआरपीएफ कर्मी मारे गए थे और कई घायल हुए थे.
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