सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पहला पलीता वकीलों ने ही लगाया
जो वकील कोर्ट में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए जिरह करते नजर आते हैं, उन्हीं वकीलों ने खुलेआम बीच सड़क पर एक साथ सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों को पलीता लगा दिया. वहां खड़े पत्रकार सुप्रीम कोर्ट की दुहाई देते रहे, लेकिन वो नहीं माने.
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अभी पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए महज दो दिन ही हुए हैं और बीच सड़क पर वकीलों ने ही उसकी धज्जियां उड़ा दीं. ऐसा नहीं है कि उन्होंने अनजाने में ये किया. सबको पता है कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला सुनाया है, लेकिन एआईएडीएमके के 18 बागी विधायकों पर मद्रास हाईकोर्ट का फैसला सुनते ही वो खुशी के मारे जश्न मनाने के लिए ऐसा कर बैठे. आपको बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु की ईके पलानिसामी सरकार को बड़ी राहत देते हुए सत्ताधारी एआईएडीएमके के 18 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा है.
वकीलों ने खुलेआम बीच सड़क पर सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों को पलीता लगा दिया.
बीच सड़क दो आदेशों को पलीता लगा दिया
जो वकील कोर्ट में अपराधियों को सजा दिलाने के लिए जिरह करते नजर आते हैं, उन्हीं वकीलों ने खुलेआम बीच सड़क पर सुप्रीम कोर्ट के दो आदेशों को पलीता लगा दिया. पहला तो इन्होंने पटाखे जलाने के समय को लेकर दिए आदेश का उल्लंघन किया और दूसरा कौन से पटाखे जलाने हैं उस आदेश का उल्लंघन किया. कोर्ट ने साफ कहा था कि लड़ी वाले पटाखे नहीं जलाए जा सकते, लेकिन वकीलों ने खुलेआम पटाखों की लड़ी को आग लगा दी.
पत्रकार देते रहे सुप्रीम कोर्ट के आदेश की दुहाई
जिस समय वकील पटाखों की लड़ी को आग लगाने की कोशिश कर रहे थे, उस समय वहां खड़े पत्रकार उन्हें लगातार सुप्रीम कोर्ट की दुहाई देते रहे. बताया गया कि यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ रात को 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़ने के लिए कहा है, लेकिन वकीलों के हाथ फिर भी नहीं रुके और उन्होंने कई मीटर लंबी पटाखों की लड़ी को आग लगा दी.
AIADMK lawyers defying SC verdict in jubilation over #18MLAsVerdict. Traffic comes to a standstill outside Madras HC. pic.twitter.com/IjtaWV7HNc
— Manasa Rao (@manasarao) October 25, 2018
ट्रैफिक की भी नहीं की परवाह
वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि पटाखों को आग बीच सड़क पर लगाई गई. जिस समय पटाखों को आग लगाई जा रही थी, उस समय सड़क पर गाड़ियां भी चल रही थीं. पत्रकारों ने भी वकीलों को इस बात के लिए सचेत किया कि सड़क पर गाड़ियां चल रही हैं... ट्रैफिक है... लेकिन हर बात को वकीलों ने अनदेखा कर दिया और पटाखों को आग लगा दी. ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार आखिर कौन होता?
एआईएडीएमके के समर्थकों ने भी नहीं माना आदेश
ऐसा नहीं है कि सिर्फ वकीलों ने ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया. एआईएडीएमके के समर्थकों ने भी फैसला उनके हक में आने पर बीच सड़क पर पटाखों की लड़ी जलाई और लड्डू बांटे. आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने एआईएडीएमके के 18 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी. जिसके बाद ये मामला मद्रास हाईकोर्ट पहुंच गया और वहां भी इसे सही माना लगा. इसके बाद उस फैसले के विरोध में फिर से अपील दायर की गई, लेकिन इस बार भी हाईकोर्ट ने पुराने आदेश को बनाए रखा है. आपको बता दें कि ये सभी बागी विधायक एआईएडीएमके से निष्कासित गिए गए नेता टीटीवी दिनाकरण के समर्थक हैं.
Chennai: AIADMK supporters celebrate after Madras High Court upholds disqualification of 18 rebel AIADMK MLAs. #TamilNadu pic.twitter.com/8bgyAlR3fM
— ANI (@ANI) October 25, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कहा था कि अगर कोई सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करता है तो इसके लिए उस इलाके के एसएचओ को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये पहला मामला है, जब उसके आदेश का उल्लंघन किया गया है. न सिर्फ वकीलों ने, बल्कि एआईएडीएमके के समर्थकों ने भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं माना. वकीलों और एआईएडीएमके के समर्थकों ने बीच सड़क पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जो धज्जियां उड़ाई हैं, उसके लिए उन पर कार्रवाई होगी या नहीं, ये देखना दिलचस्प होगा.
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