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सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
पीयूष पांडे
@pandeypiyush07
अपने समय की ज़रुरी फिल्म है ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’
सिर्फ एक बंदा काफी है आसाराम के जीवन से प्रेरित है. या कहें साधु के भेष में बैठे शैतान के कुकर्मों से प्रेरित है. आसाराम को एक सामान्य कथावाचक से भगवान और फिर धीरे धीरे उसके अपराधों का कच्चा चिट्ठा खुलने के दौरान शैतान बनते हम सबने देखा है. लेकिन, फिल्म को सिर्फ इसकी कहानी के लिए नहीं देखा जाना चाहिए.
सिनेमा
| 4-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
सिर्फ एक बंदा काफी है जो रब का है, लॉ उसका धंधा है, जस्टिस दिलाना काम है!
हकीकत में वो बंदा पीसी सोलंकी है जिसने ना सिर्फ बंदे का नाम लेकर फिल्म ने इशारा भर किया है और कहते हैं ना इशारों को अगर समझों, सो एक और इशारा हमने भी कर दिया है. समझ गए ना आसूमल वही सजायाफ्ता बदनाम कथावाचक रेपिस्ट बाबा है, जो जेल में है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
लोकेन्द्र सिंह राजपूत
@5745259062180641
बाबा साहेब के व्यक्तित्व में दिखता है बचपन में मिले धार्मिक संस्कारों का प्रभाव
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का बचपन अत्यंत संस्कारी एवं धार्मिक वातावरण में बीता. उनके परिवार के तीन सदस्यों ने संन्यास आश्रम को चुना.पिताजी ने कालान्तर में कबीरपंथ की दीक्षा ली. उनके घर में रामायण, पाण्डव प्रताप, ज्ञानेश्वरी एवं संत साहित्य का नित्य पाठ होता था.
सोशल मीडिया
| 3-मिनट में पढ़ें
बिलाल एम जाफ़री
@bilal.jafri.7
लाहौर बार चुनाव में वकीलों की फायरिंग तो हाफिज सईद को संत ही साबित कर रही है!
लाहौर बार चुनावों में वकील जिस अंदाज में गोलियां चला रहे हैं बड़े बड़े आतंकी शर्म से पानी पानी हो जाएंगे. वकील जिस अंदाज में बंदूक चला रहे हैं उनका तरीका नौसिखियों वाला है ही नहीं. ऐसा लग रहा उसने सरहद से सटे किसी आतंकी कैम्प में भरी पूरी ट्रेनिंग ली है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
हिजाब केस: जज साहब, च्वाइस सर्वोपरि है तो क्या कोर्ट में वकील बिना गाउन के पैरवी कर सकते हैं?
कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Row) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हो रही सुनवाई पर फैसला तार्किक ही होना चाहिए. वरना इसकी वजह से कई समस्याएं खड़ी हो जाएंगी. वैसे, इसी साल पटना हाईकोर्ट के एक जज ने बिहार सरकार के प्रधान सचिव (शहरी विकास) आनंद किशोर को उनके 'अनुचित' ड्रेसिंग कोड (Dress Code) के लिए जमकर फटकार लगाई थी.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
आईओ के कन्फर्मेशन बायस की पोल खोल है क्रिमिनल जस्टिस का 5वां एपिसोड!
क्रिमिनल जस्टिस एपिसोड 5 : जिसे कानूनी भाषा में ‘माई साइड’ बायस भी कहा जा सकता है और यह मानव स्वभाव और व्यवहार में रचा बसा है. एक वकील के रूप में सफल होने के लिए जरुरी है माई साइड को समझना, इसका उपयोग कैसे करना है और जाल में पड़ने से कैसे बचना है? आइये समझते हैं.
सिनेमा
| 5-मिनट में पढ़ें
prakash kumar jain
@prakash.jain.5688
क्रिमिनल जस्टिस: अधूरे सच को जानने के लिए पूरी कहानी का इंतजार भारी तो है!
तय हो चला है कि, व्यूअर्स क्रिमिनल जस्टिस के 'अधूरे सच' को जाने बिना नहीं रहेगा. मन मारकर भी नौ एपिसोड की इस श्रृंखला को पूरा देखेगा. हां, निरंतरता होती तो बात ही कुछ और होती. थ्रिल ख़त्म होने के पहले बार बार टूटता नहीं और सीरीज बिंज वॉच भी खूब होती.
सिनेमा
|
एक अलग नज़रिया
| 3-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
Jai Bhim movie की तरह इन असली कहानियों में कोर्ट ने पुलिसकर्मियों को सुनाई सजा
इस फिल्म में आप देखेंगे कि कैसे वकील बने सुपरस्टार सूर्या एक इरुलर समुदाय के दंपति राजकन्नू और सेंगनी को न्याय दिलाता है. इस आर्टिकल के जरिए हम आपको कुछ ऐसी ही सच्ची घटनाओं के बारे में बता रहे हैं जब कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पुलिस वालों पर कार्रवाई हुई और पीड़ितों को न्याय मिल सका.
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
मुकुल रोहतगी, अमित देसाई, सतीश मानशिंदे; आम आदमी इनमें से कितनों को अफोर्ड कर पाएंगे?
शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को जमानत दिलाने के लिए मुकुल रोहतगी, सतीश मानशिंदे, अमित देसाई जैसे वकीलों की एक बड़ी फौज लगाई थी. जिन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी दलीलों से साबित कर दिया कि 'जमानत एक अधिकार है और जेल अपवाद.'